पटना : बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि कोरोना संक्रमण की वजह से लागू लाॅकडाउन के बाद अनलाॅकडाउन के एक महीने में कर संग्रह से लेकर वाहनों की बिक्री तक में भारी उछाल आया है. लाॅकडाउन के दो महीने अप्रैल और मई में जहां राज्य का अपने स्रोतों से कुल राजस्व संग्रह मात्र 1,785.33 करोड़ था, वहीं अनलाॅकडाउन-1 यानी जून महीने में यह बढ़ कर 2,387.09 करोड़ हो गया.
बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने बताया कि अनलाॅकडाउन का असर वाहनों की बिक्री पर भी साफ दिखा. अप्रैल और मई में जहां 14,562 वाहनों की बिक्री हुई थी, वहीं लाॅकडाउन हटने के बाद जून में यह बढ़ कर 96,302 हो गयी.
डिप्टी सीएम ने कहा कि अनलाॅकडाउन के दौरान निर्माण सहित अन्य कारोबार शुरू होने की वजह से सामानों की बिक्री में उल्लेखनीय वृद्धि हुई. अप्रैल और मई के दो महीने में जहां ई-वे बिल के जरिए बाहर से बिहार में बिकने के लिए 13,704 करोड़ का माल आया. वहीं अकेले जून में यह बढ़ कर 13,662 करोड़ हो गया. इन सामानों में मुख्य रूप से सीमेंट, लोहा, दवा, वाहन, कपड़े व बिजली के उपकरण आदि शामिल हैं.
सुशील मोदी ने कहा कि अनलाॅकडाउन के दौरान आर्थिक गतिविधियों में गति आने के कारण अप्रैल-मई में जहां वाणिज्य कर से मात्र 950.11 करोड़ तो केवल जून में 1,217.20 करोड़, निबंधन से अप्रैल-मई में 64.78 करोड़ तो जून में 334.48 करोड़, इसी प्रकार परिवहन से अप्रैल-मई के दो महीने में 91 करोड़ तो जून में 195 करोड़ तथा खनन से दो महीने में 113 करोड़ तो केवल जून में 89 करोड़ का संग्रह हुआ.
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि विगत 3 महीने में केंद्र से बिहार को 22,227 करोड़ रुपये केंद्रीय करों में हिस्सा, अनुदान व क्षतिपूर्ति के मद में प्राप्त हुआ है. केंद्रीय करों में हिस्सा के तौर पर 13,486 करोड़, केंद्र प्रयोजित योजनाओं के मद में 4,437.28 करोड़, 15वें वित्त आयोग की अनुशंसा पर आपदा, शहरी व ग्रामीण निकायों के लिए 2,464.50 करोड़ व जीएसटी क्षतिपूर्ति के तौर पर 1,840.15 करोड़ मिला हैं.
Posted by Samir Kumar