पटना. बिहार के डीजीपी एसके सिंघल को पटना हाइकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के नाम पर फर्जी कॉल कर अपने केस में पैरवी कराने वाले गया के पूर्व एसएसपी आदित्य कुमार पर यूपी पुलिस ने भी शिकंजा कस दिया है. फरार आइपीएस को गिरफ्तार करने के लिए यूपी पुलिस ने एसआइटी का गठन किया है. वहीं, आर्थिक अपराध इकाई ने भी उनकी संपत्ति की कुर्की की तैयारी शुरू कर दी है. 15 अक्टूबर से फरार चल रहे आदित्य कुमार की अग्रिम जमानत को निचली अदालत तीन दिसंबर को खारिज कर चुकी है.
इओयू ने भारतीय दंड संहिता (भादवि) की धाराएं 353, 387, 419, 430, 467, 468, 120 बी, आइटी एक्ट के तहत आदित्य कुमार समेत पांच के खिलाफ नामजद मुकदमा दर्ज किया था. इ्ओयू चार आरोपियों को गिरफ्तार कर चुकी है, लेकिन केस दर्ज होने के दिन से आदित्य कुमार भूमिगत हो गये हैं. उनकी तलाश कर रही इओयू की एसआइटी ने उनके गृह जिले मेरठ में भी छापेमारी की थी. इस मामले में एसएसपी मेरठ से सहयोग मांगा था.
सूत्रों का कहना है कि एसएसपी मेरठ ने बिहार के फरार आइपीएस की यूपी में तलाश के लिए स्पेशल टीम का गठन कर दिया है. इसकी सूचना आर्थिक अपराध इकाई को भी दी गयी है. इओयू ने दो-तीन दिन में आदित्य के सगुना मोड के समीप स्थित आवास पर धारा 82 की प्रक्रिया के तहत जारी इश्तेहार चस्पा करेगी. आदित्य के खिलाफ विशेष कोर्ट ने बीते शुक्रवार को यह इश्तेहार जारी किया था.
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बिहार के एक अन्य आइपीएस पर भी भ्रष्टाचार के मामले में कार्रवाई हो सकती है. उन पर फिल्मी दुनिया में जुडा़व रखने और उसमें पैसा निवेश करने सहित कई आरोप हैं. सूत्रों के अनुसार आर्थिक अपराध इकाई ने सरकार से उनके खिलाफ आरोपों की जांच करने के लिए अनुमति मांगी थी. इसकी फाइल मुख्यमंत्री सचिवालय में स्वीकृति के लिए भेजी गयी थी.