बिहार में एक तरफ जहां ठंड का प्रकोप बढ़ा है वहीं सियासी तापमान लगातार चढ़ ही रहा है. जातिगत जनगणना को लेकर एनडीए में भी घटक दलें आमने-सामने हो गयी हैं. वहीं राजद ने अब जदयू के तरफ हाथ बढ़ाकर एक और अध्याय का पन्ना सामने खोल दिया है. इस बीच जदयू के संसदीय बोर्ड के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा से राजद के बाबा ने मुलाकात की तो सियासी कानाफूसी और तेज हो गयी है.
शनिवार को उपेंद्र कुशवाहा से मिलने राजद के प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी आए. कुशवाहा के आवास पर मृत्युंजय तिवारी के आगमन को लेकर सियासी चर्चाएं तेज हो गयी. अभी जिस तरह राजद और जदयू व जदयू व भाजपा के बीच सियासी करवट बदलनी तेज हुई है उसमें कयासों के कई पन्ने पलटे जा रहे हैं. हालांकि इस मुलाकात पर मृत्युंजय तिवारी का कहना है कि ये व्यक्तिगत मुलाकात थी. उनके संबंध उपेंद्र कुशवाहा से अच्छे रहे हैं और एयरपोर्ट से निकलने पर उनका आवास रास्ते में पड़ा तो मिल लिये.
उपेंद्र कुशवाहा मृत्युंजय तिवारी को ‘बाबा’ कहते हैं और बताते हैं कि उनका आशीर्वाद सबको मिलता है. कभी लालू प्रसाद यादव को तो कभी नीतीश कुमार को और कभी मुझे… उपेंद्र कुशवाहा ने इस मुलाकात को राजनीति से अलग और व्यक्तिगत बताया.उधर लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे व राजद विधायक तेज प्रताप यादव ने मीडिया से सवाल-जवाब में उपेंद्र कुशवाहा को राजद के साथ आने का न्योता दे दिया. जिसके बाद सियासी गरमी बढ़ी है. बता दें कि राजद प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने हाल में ही खरमास के बाद खेला होने का दावा किया था.
बता दें कि हाल में ही जातिगत जनगणना को लेकर जदयू और भाजपा गठबंधन में ही अलग-अलग किनारे पर खड़ी है. वहीं राजद के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह ने जदयू को भाजपा के विधायकों और मंत्रियों पर कार्रवाई करने और उन्हें राजद का साथ सरकार में मिलने की बात कहकर बड़ा मुद्दा छेड़ दिया. इस बीच तेजस्वी यादव ने जदयू के उपर हमला बोलकर तमाम कयासों को किनारे करने के कोशिश तो की लेकिन अभी भी कई तरह की अटकलें सियासी गलियारे में चल रही है.
Published By: Thakur Shaktilochan