जदयू के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष आरसीपी सिंह पर अकूत अचल संपत्ति हासिल करने का आरोप लगने पर जदयू संसदीय बोर्ड के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने कहा है कि पहले आरसीपी सिंह इसका जवाब दें, तब जदयू अगला कदम उठायेगा. उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि इसमें जिस स्तर से भी जांच कराने की जरूरत पड़ी तो जांच होगी.
उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि यह मामला मीडिया में आने के बाद विभिन्न एजेंसियों की नजर में आ गयी है. जो एजेंसी चाहे जांच कर सकती है, वो जांच के लिए स्वतंत्र है. पहले भी कई एजेंसियों ने अन्य मामलों में स्वत: संज्ञान लिया है. आरसीपी सिंह पर 2013 से 2022 तक अकूत अचल संपत्ति हासिल करने के मामले में नोटिस जारी कर पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष उमेश सिंह कुशवाहा ने उनसे स्पष्टीकरण मांगा है.
उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि पार्टी भ्रष्टाचार के मामले में जीरो टॉरलेंस रखती है. पार्टी के विभिन्न स्रोतों से जानकारी मिली है, उसी के आधार पर उनसे सवाल पूछा गया है. पार्टी का अगला कदम इस पर निर्भर करेगा कि आरसीपी सिंह क्या सफाई देते हैं. पार्टी के शीर्ष पद पर रहते हुए आरसीपी सिंह ने संपत्ति अर्जित की है, यह जानकारी पार्टी के नेता ने ही दी है.
आरसीपी सिंह की तरफ से शिक्षाविद और जदयू शिक्षा प्रकोष्ठ के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया सिंह ने वीडिया जारी किया है. उन्होंने आरोप को निराधार बताते हुये इसे साजिश बताया और कहा कि जदयू के कुछ लोग आरसीपी सिंह की बढ़ती लोकप्रियता से घबरा गये हैं. वे बैकवर्ड लीडरशिप सहित दलित, महादलित, पिछड़ा, अतिपिछड़ा की आवाज बनकर उभरे हैं.
कन्हैया सिंह ने जदयू प्रदेश अध्यक्ष उमेश सिंह कुशवाहा के बारे में कहा कि उन पर कौन-कौन से मुकदमे हैं, उन्हें यह बताना चाहिए? इस घटना के पीछे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह की संलिप्तता होने से उन्होंने इन्कार किया. उन्होंने कहा कि आरसीपी सिंह की कोई भी संपत्ति पटना, दिल्ली, मुंबई या मेट्रो सिटी आदि में नहीं है, केवल गांव में कम कीमत की है.
कन्हैया सिंह ने कहा कि राजनीति में स्तर इतना गिर गया है कि लोग पत्नी और बेटी पर आरोप लगा रहे हैं. पत्नी और बेटियां पिछले 10 साल से आयकर रिटर्न दाखिल कर रहे हैं. यह जमीन पत्नी और बेटियों के नाम से ली गयी है. उनके अकाउंट से पैसा ट्रांसफर हुआ है. आरसीपी सिंह के परिवार को कृषि से सालाना करीब 30 लाख रुपये की आय होती है.
जदयू के प्रदेश अध्यक्ष उमेश सिंह कुशवाहा ने चार अगस्त को जदयू के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष आरसीपी सिंह को नोटिस भेजा है. इसमें लिखा था कि नालंदा जिला जदयू के दो साथियों का साक्ष्य के साथ परिवाद मिला है. उसमें यह उल्लेख है कि आरसीपी सिंह और उनके परिवार के नाम से 2013 से 2022 तक चालीस बिगहा जमीन खरीद की गयी है.
उमेश कुशवाहा ने लिखा कि आरसीपी सिंह लंबे समय से दल के सर्वमान्य नेता नीतीश कुमार के साथ अधिकारी और राजनीतिक कार्यकर्ता के रूप में काम करते रहे हैं. नीतीश कुमार ने आरसीपी सिंह को दो बार राज्यसभा का सदस्य, पार्टी का राष्ट्रीय महासचिव (संगठन), राष्ट्रीय अध्यक्ष और केंद्र में मंत्री के रूप में कार्य करने का अवसर पूर्ण विश्वास एवं भरोसा के साथ दिया.
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नीतीश कुमार भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस पर काम करते रहे हैं. इतने लंबे सार्वजनिक जीवन के बावजूद उन पर कभी कोई दाग नहीं लगा और न उन्होंने कोई संपत्ति बनायी. उमेश कुशवाहा ने आरसीपी सिंह को लिखा कि निदेशानुसार पार्टी उनसे अपेक्षा करती है कि परिवाद के बिंदुओं पर बिंदुवार अपनी स्पष्ट राय से पार्टी को तत्काल अवगत करायेंगे.