पटना के सात केंद्रों पर बुधवार को 68वीं संयुक्त मुख्य प्रतियोगिता परीक्षा आयोजित हुई, दूसरे दिन होने वाली इस परीक्षा की पहली पाली में जीएस पेपर टू की परीक्षा ली गयी जबकि दूसरी पाली में सामान्य हिंदी की परीक्षा हुई. इसमें 3277 अभ्यर्थी शामिल हुए. परीक्षा कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच ली गयी और इस दौरान कहीं से किसी अप्रिय घटना की सूचना नहीं है. परीक्षा केंद्र पर हर परीक्षार्थी का फेसियल रीकॉग्निशन और आइरिस कैप्चर विधि से बायोमीटरिक ली गयी. हर परीक्षार्थी की दो जगह तलाशी ली गयी.
जीएस टू में प्रश्न बेहद डायनेमिक और विश्लेषण आधारित थे. क्रॉनिकल एकेडमी के एमडी कुमार विजय ने कहा कि बीपीएससी मुख्य परीक्षा के सामान्य अध्ययन के द्वितीय पत्र के प्रश्नों की प्रकृति को देखकर स्पष्ट है कि बीपीएससी लगातार प्रश्नों के स्तर में सुधार कर रहा है. अगर संपूर्णता के साथ स्तरीय और बहुआयामी तैयारी नहीं होगी, तो सफलता मुश्किल है. इसलिए विद्यार्थियों को अध्ययन की रणनीति में गुणात्मक परिवर्तन करने की जरूरत है. जो बच्चे पहले से तैयारी नहीं करेंगे, उन्हें सफलता नहीं मिलेगी. सफलता सुनिश्चित करने के लिए प्रारंभिक परीक्षा के साथ ही मुख्य परीक्षा की तैयारी भी गंभीरता पूर्वक शुरू करने की जरूरत है
चाणक्य आइएएस एकेडमी के रीजनल हेड डॉ कृष्णा सिंह ने बताया कि बीपीएससी के प्रश्न इस बार काफी डायनेमिक दिखाई दे रहे हैं और इनमें यूपीएससी के पैटर्न की थोड़ी झलक दिखाई दे रही है. इसलिए विद्यार्थियों को अपनी लेखन क्षमता को और व्यापक करने की जरूरत है. तीनों सेक्शन के पहले पत्र में पांच प्रश्न पूछे गये हैं, जिन्हें हल करना अनिवार्य था. इससे अभ्यर्थियों को समय प्रबंधन में थोड़ी परेशानी हुई है. दूसरे सेक्शन में जो प्रश्न थे, उनमें काफी विविधता थी. बिहार से संबंधित प्रश्नों की अधिकता इस बार भी रही, तीसरे सेक्शन में एप्लीकेशन बेस्ड प्रश्न ज्यादा पूछे गये हैं, जिसमें गहन अध्ययन की आवश्यकता थी.
Also Read: बिहार शिक्षक बहाली: BPSC तीन दिन में 1.70 लाख पदों के लिए जारी करेगा विज्ञापन, जानें कब होगी परीक्षा