Vande Bharat Express News. बिहार-झारखंड के रेलवे ट्रैक पर वंदे भारत एक्सप्रेस (Vande Bharat Express) को दौड़ने में अभी कुछ और समय लगेगा. हालांकि लगातार इसे चलाने की मांग उठ रही है. लेकिन, देश में इन ट्रेनों को बनाने की रफ्तार बहुत कम रहने के कारण यह समस्या उत्पन्न हुई है. संसद की एक समिति ने तो वंदे भारत ट्रेनों के उत्पादन की रफ्तार पर अप्रसन्नता व्यक्त किया है. वर्ष 2023 के लिए 35 रेक तैयार करने के लक्ष्य की तुलना में अभी तक केवल आठ रेक का निर्माण किया जा सका है. इससे आजादी के अमृत महोत्सव के मौके पर देश में 75 वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेनों को शुरू करने की घोषणा पर सवाल खड़े हो गए हैं. बताते चलें कि अभी तक केवल दस ट्रेनों को ही शुरू किया जा सका है.
बीजेपी सांसद राधा मोहन सिंह की अध्यक्षता वाली रेल मंत्रालय संबंधी संसद की स्थाई समिति की रिपोर्ट में इसकी चर्चा है. रिपोर्ट संसद के दोनों सदनों में सोमवार को पेश की गई. रिपोर्ट में समिति ने कहा है कि वर्ष 2022-23 के बजट भाषण के दौरान वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitharaman) ने 400 वंदे भारत ट्रेनों की घोषणा की थी. लेकिन, समिति के पास जो रिपोर्ट है उसके अनुसार 17 फरवरी 2023 तक भारतीय रेलवे ने केवल 10 जोड़ी वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेनों को चालू किया है.रेलवे अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए उत्पादन इकाइयों के भीतर चरणबद्ध तरीके से 400 वंदे भारत रेक के निर्माण की योजना बनाई गई है. इसके तहत मराठवाड़ा रेल कोच फैक्टरी में 120 रेक, चेन्नई फैक्टरी में 80 रेक, सोनीपत फैक्टरी में 100 रेक और मॉडर्न कोच फैक्टरी रायबरेली में 100 रेक बनाए जाएंगे.
समिति ने इस बात पर नाराजगी जताई है कि वर्ष 2023 के लिए 35 रेक तैयार करने के लक्ष्य की तुलना में मात्र आठ रेक का निर्माण किया है.इस स्पीड से तो रेलवे अपने निर्धारित लक्ष्य को नहीं प्राप्त कर सकता है. समिति मंत्रालय को सुझाव दिया है कि रेल यात्रियों की आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए वंदे भारत कोच/रेक तैयार करने के अपने प्रयासों को और तेज करे.ताकि देश के सभी राज्यों के यात्रियों को वंदेभारत एक्सप्रेस का लाभ मिले. फिलहाल सबसे ज्यादा महाराष्ट्र में चार वंदे भारत एक्सप्रेस चल रही हैं.