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बिहार से नेपाल भेजी जायेगी सब्जी, सहकारिता विभाग कर रहा है वेंडर व एजेंट की खोज

एक देश से दूसरे देश में सब्जी भेजने की कागजी प्रक्रिया पूरी कर ली गयी है. अब नेपाल में वेंडर और एजेंट की खोज की जा रही है. वेंडर और एजेंट की खोज के बाद सब्जियों की सप्लाइ करने का इकरारनामा होगा. इसके बाद बिहार की सब्जियों की आपूर्ति नेपाल में की जायेगी.

पटना. बिहार से नेपाल में सब्जियों की आपूर्ति करने की प्रक्रिया अंतिम चरण में है. एक देश से दूसरे देश में सब्जी भेजने की कागजी प्रक्रिया पूरी कर ली गयी है. अब नेपाल में वेंडर और एजेंट की खोज की जा रही है. वेंडर और एजेंट की खोज के बाद सब्जियों की सप्लाइ करने का इकरारनामा होगा. इसके बाद बिहार की सब्जियों की आपूर्ति नेपाल में की जायेगी. सब्जियों को वीरपुर के रास्ते काठमांडू भेजने की तैयारी है. इससे बिहार की सब्जियों को इंटरनेशनल बाजार मिलेगा. सब्जी का मूल्य भी किसानों को ठीक-ठाक मिल पायेगा.

सब्जियों के उत्पादन के मामले में देशभर में बिहार चौथे नंबर पर

सहकारिता विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक देश में कुल लगभग 200 मिलियन टन सब्जी की खेती होती है. इसमें बिहार का कुल नौ फीसदी हिस्सा है. बिहार में लगभग 18 मिलियन टन सब्जी की खेती हो रही है. सब्जी उत्पादन में उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, मध्य प्रदेश के बाद बिहार का नंबर है. विभाग की रिपोर्ट के अनुसार राज्य में लगभग 30 से 40 फीसदी सब्जियां बेकार हो जाती हैं.

गंगा नदी के मैदानी भाग की सब्जियों की डिमांड

गंगा नदी के मैदानी भाग में उपजायी जाने वाली सब्जियों की डिमांड ज्यादा है. राज्य के साथ-साथ दूसरे प्रदेशों में भी इन क्षेत्रों की सब्जियों की मांग है. सब्जियां बर्बाद न हो, इसके लिए छोटे-छोटे गोदामों का निर्माण कराया जा रहा है.

देश की मंडियों में भी पहुंचेंगी बिहार की सब्जी

बिहार में ट्रेडिशनल फार्मिंग के साथ- साथ किसान बड़े स्तर पर बागवानी फसलों की भी खेती करते है. यही वजह है कि शाही लीली, मखाना और भिंडी उत्पादन में बिहार देश का नंबर वन राज्य है. यहां के किसानों द्वारा उपजाई गईं हरी सब्जियों की सप्लाई अभी तक सिर्फ दूसरे राज्यों में ही होती थी, लेकिन अब विदेश के लोग भी बिहार की सब्जी खाएंगे. इसके लिए सहकारिता विभाग की तरफ से पूरी तैयारी कर ली गई है.

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नेपाल में भारत के राजदूत के साथ बैठक

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले दिनों सब्जी सप्लाई को लेकर तिरहुत और मिथिला सब्जी विक्रेता संघ ने नेपाल में भारत के राजदूत के साथ बैठक की है. कहा जा रहा है कि सबकुछ अनुकूल रहा तो, जल्द ही नेपाल में बिहार से हरी सब्जियों की सप्लाई शुरू हो जाएगी.

बिहार इन सब्जियों का करता है बंपर उत्पादन

बिहार में किसान आलू, बैगन, गोभी, शिमला मिर्च, मशरूम, मूली, गाजर, टमाटर, लौकी, भिंडी और परवल की बड़े स्तर पर खेती करते हैं. बिहार सरकार प्रदेश में बागवानी के रकबे को बढ़ाने के लिए सब्सिडी भी दे रही है. तीन साल पहले तक बिहार अकेले 166-3 लाख टन सब्जी का उत्पादन करता था, लेकिन अब इसमें बढ़ोतरी दर्ज की गई है. अब बिहार में सब्जी उत्पादन का आंकड़ा 179.5 लाख टन के पार कर गया है. वहीं, बिहार में सब्जी का रकबा 8.75 लाख हेक्टेयर से बढ़ कर 9.15 लाख हेक्टेयर पर पहुंच गया है.

नालंदा, पटना और समस्तीपुर जिले में सबसे अधिक होती है आलू की खेती

खास बात यह है कि बिहार में सबसे ज्यादा आलू का उत्पादन होता है. नालंदा, पटना और समस्तीपुर जिले में सबसे अधिक आलू की खेती होती है. हालांकि, किसान अब प्याज की खेती में भी रुचि ले रहे हैं. वहीं, अब किसान ग्रीन हाउस तकनीक से भी हरी सब्जियों की खेती कर रहे हैं. इससे प्रदेश में गोभी और टमाटर जैसी हरी सब्जियां किसी भी सीजन के दौरान मार्केट में ग्राहकों को मिल जाती हैं.

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