पटना. वायरल फीवर का कहर बच्चों को अधिक सताने लगा है. बच्चे वायरल फीवर के साथ डायरिया, निमोनिया सहित अन्य वायरल बीमारियों से पीड़ित होकर अस्पतालों में भर्ती हो रहे हैं. ताजा रिपोर्ट के अनुसार केवल पटना जिले के सरकारी व प्राइवेट अस्पतालों और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र मिलाकर करीब 1200 से अधिक बच्चे वायरल बुखार, निमोनिया आदि से पीड़ित होकर भर्ती हैं.
इसमें सबसे अधिक पीएमसीएच के शिशु रोग विभाग में 238 भर्ती बच्चों का इलाज चल रहा है. पीएमसीएच अस्पताल में कुल 250 बेड बच्चों के लिए हैं. इसमें 60 बेड सर्जरी और बाकी 190 बेड जनरल वार्ड है. सर्जरी वार्ड भरा हुआ है, जनरल वार्ड में 160 बच्चे भर्ती हैं.
एनएमसीएच के शिशु रोग विभाग में गैर कोविड मरीजों के लिए आरक्षित 84 बेड पर 87 मरीज भर्ती हैं. अस्पताल के अधीक्षक सह विभागाध्यक्ष डॉ विनोद कुमार सिंह ने बताया कि मौसम बदलने की वजह से सर्दी बुखार के मरीज अधिक आ रहे हैं. निमोनिया व बुखार पीड़ित लगभग 31 नवजात व बच्चों को भर्ती कर उपचार किया जा रहा है. निकू में 24 बेड में 22 पर नवजात भर्ती हैं.
पीएमसीएच, आइजीआइएमएस, एम्स के अलावा प्राइवेट अस्पतालों के शिशु रोग विशेषज्ञ भी हैरान हैं कि कोविड काल में पहली बार वायरल फीवर ने इस तरह से बच्चों को जकड़ा है. विशेषज्ञों का कहना है कि गनीमत है कि जो बच्चे शुरुआत में ओपीडी में आ रहे हैं. उन्हें भर्ती करने की जरूरत नहीं पड़ रही है, जिन बच्चों का इलाज विशेषज्ञों से नहीं कराया जा रहा है वहीं गंभीर होकर अस्पताल आ रहे हैं.
पटना की सिविल सर्जन डॉ विभा कुमारी ने बताया कि मौसमी बीमारी को लेकर सभी डॉक्टर अलर्ट हैं. अगर बुखार रोगियों की अगर संख्या बढ़ी तो जिले के सभी पीएचसी, सीएचसी व अनुमंडलीय अस्पतालों में बेड बढ़ाने के निर्देश दिये गये हैं.
सभी जरूरत वाले बच्चों को भर्ती किया जा रहा है. वर्तमान में 90 प्रतिशत बेड फुल है. जिलों के प्राइवेट अस्पतालों से रेफर होकर अधिक बच्चे आये हैं. हालांकि सभी बच्चे स्टेबल हैं, अधिकतर बच्चों को वायरल फीवर, निमोनिया व डायरिया आदि बीमारी है. इन्फेक्शन को लेकर जांच भी की जा रही है.
Posted by Ashish Jha