पटना. शहर का पारा फिर से 42 डिग्री पर पहुंच गया. यह सामान्य से पांच डिग्री अधिक रहा, जिससे लोग गर्मी से बेहाल हो गये. सुबह दस बजे से ही धूप इतनी तीखी हो गयी थी कि उसे झेलना लोगों के लिए मुश्किल हो रहा था. 10 बजते-बजते गर्म हवा भी चलने लगी. न्यूनतम तापमान भी 23 सेल्सियस रहा जो कि सामान्य से दो डिग्री अधिक था. मौसम विभाग के पूर्वानुमानों की मानें तो 30 अप्रैल तक शहर का पारा इसी के आसपास बना रहेगा और गर्मी से राहत नहीं मिलेगी.
दोपहर 11 बजते बजते गर्म हवाओं ने लू का रूप ले लिया था और दोपहर चार बजे तक लोग इससे परेशान रहे. गर्मी के तीखेपन के कारण सड़क पर कम लोग ही नजर आ रहे थे. जो लोग अपने घर या दफ्तर में बैठे थे, वे तीखी धूप से बचे रहे लेकिन बाहर से आने वाली गर्म हवाओं और ऊमस से उनका हाल भी बेहाल रहा.
शाम में चार बजे के बाद धूप का तीखापन तो थोड़ा कम हो गया था, लेकिन उसके बाद भी एक-दो घंटे तक बाहर निकलने पर सड़कों से धाह निकलता महसूस हो रहा था. शाम छह बजे के बाद गर्मी में कमी आयी, लेकिन सापेक्षिक आर्दता 0.41 रहने से ऊमस से देर रात तक लोग परेशान रहे. पसीना अधिक निकलने से लोगों के कपड़े भींग जा रहे थे.
पटना. तपिश भरी गर्मी के कारण बड़ों के साथ ही बच्चों पर डायरिया का प्रकोप तेज हो गया है. तेज गर्मी से ओपीडी में मरीजों का तांता लगना शुरू हो गया है. पीएमसीएच और आइजीआइएमएस में खास कर डायरिया और क्रॉनिक लिवर डिजीज के रोगी एंबुलेंस से आ रहे हैं. डॉक्टरों के मुताबिक अप्रैल में मई जैसी गर्मी ने ही सब कुछ अस्त-व्यस्त कर दिया है.
बदलते मौसम में डायरिया के अलावा मरीजों में पेट दर्द, अपच, उलटी, एसिडिटी और गैस की शिकायत ज्यादा देखने को मिल रही है. पीएमसीएच के अधीक्षक डॉ आइएस ठाकुर के अनुसार तापमान में अचानक वृद्धि व इस मौसम में सावधानी न रखने से ऐसे मरीज अचानक बढ़ गये हैं. न्यू गार्डिनर रोड अस्पताल के निदेशक डॉ मनोज सिन्हा ने कहा कि गर्मी और तापमान बढ़ने के साथ ही पेट की बीमारियों के मरीजों की संख्या भी बढ़ेगी.
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बच्चों को धूप में निकलने न दें
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बच्चों को पानी खूब पिला कर रखें
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बाहर की चीजें खाने से परहेज करें
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बच्चों को उलटी, दस्त होने लगे, तो तत्काल ओआरएस का घोल दें
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लक्षण दिखते ही बच्चे को डॉक्टर को दिखाने के लिए लेकर आएं