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बिहार के टमाटर से बना केचप और सॉस खायेगा अब पूरा देश, हिंदुस्तान यूनिलीवर की वैशाली में लगी फैक्ट्री

अगले सीजन से कंपनी की ओर से टमाटर की खरीदारी की जायेगी. वैशाली के लालगंज में लग रही टोमेटो केचप फैक्ट्री में इसकी आपूर्ति होगी. लालगंज में कंपनी की ओर से टोमेटो सॉस से लेकर टमाटर के विभिन्न उत्पाद तैयार किये जायेंगे. बताया जा रहा है कि इस कंपनी में बड़े पैमाने पर टमाटर की डिमांड होगी.

पटना. बिहार के खेतों में उपजे टमाटर को अब दूसरे प्रदेशों में नहीं भेजना पड़ेगा, बल्कि राज्य में ही इसकी खपत हो जायेगी. हिंदुस्तान यूनिलीवर टमाटरों की खरीदारी कर उससे केचप बनायेगा. उस केचप की सप्लाई बिहार से सहित देश के कई अन्य राज्यों में भी होगी. सहकारिता विभाग और कंपनी के बीच इसका करार हो चुका है. अगले सीजन से कंपनी की ओर से टमाटर की खरीदारी की जायेगी. वैशाली के लालगंज में लग रही टोमेटो केचप फैक्ट्री में इसकी आपूर्ति होगी. लालगंज में कंपनी की ओर से टोमेटो सॉस से लेकर टमाटर के विभिन्न उत्पाद तैयार किये जायेंगे. बताया जा रहा है कि इस कंपनी में बड़े पैमाने पर टमाटर की डिमांड होगी.

दरभंगा, मुजफ्फरपुर और भागलपुर में ऑनलाइन सब्जी मिलेगी

सहकारिता विभाग की ओर से पटना के बाद अब दरभंगा, मुजफ्फरपुर और भागलपुर में भी तरकारी मार्ट खोले जाने की तैयारी है. पटना में www.tarkaarimart.in के माध्यम से सब्जियां ऑनलाइन मंगायी जा सकती हैं. पटना में अब तक लगभग 30 हजार से अधिक ऑनलाइन सब्जियां ऑर्डर की गयी हैं और उनकी डिलीवरी हुई है. पटना संघ, तिरहुत संघ और मिथिला संघ की ओर से सहकारी समिति बनाकर सब्जियों की बिक्री की जा रही है.

बिहार बन रहा है निवेशकों की पहली पसंद

बिहार किस स्तर का उपभोक्ता बाजार बनता जा रहा है, यह हाल के दिनों में उद्योगपतियों के इच्छा से पता चल रहा है. देश के कई उद्योगपति अब बिहार को उत्पादक राज्य बनाने कि दिशा में लगातार निवेश कर रहे हैं. इसी साल बिहार के बेगूसराय में पेप्सी ने अपना प्लांट चालू किया है. इसके साथ ही आईटीसी पहले ही बिहार में काम कर रही है. ब्रिटानिया को राज्य सरकार उद्योग लगाने के लिए पहले जमीन आवंटित कर दी है. ब्रिटानिया बिहार में तकरीबन 700 करोड़ रुपये निवेश करने जा रही है.

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इन बड़े समूहों ने निवेश की जताई इच्छा

पिछले दिनों दिल्ली में हुई निवेशक सम्मेलन में एचयूएल और अडाणी समूह ने बिहार उद्योग विभाग के प्रधान सचिव संदीप पैंड्रिक से मिलकर निवेश करने में अपनी दिलचस्पी दिखाई थी. एचयूएल ने एफएमसीजी यानी साबुन, तेल और इस तरह के अन्य उत्पादों के साथ फूड प्रोसेसिंग यूनिट लगाने पर विचार कर रही है. इससे बिहार में लाखों युवाओं को रोजगार मिलने की संभावना है.

ई इथेनॉल नीति के बाद बदल रही है बिहार की तस्वीर

मोदी सरकार के नए इथेनॉल नीति बनाने के बाद से बिहार सरकार के पास अब तक लगभग तीन दर्जन निवेश के प्रस्ताव आए हैं. राज्य सरकार ने अब तक तकरीबन 36 हजार करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव को मंजूरी दी है. आपको बता दें कि बिहार के पूर्णिया और नालंदा में तो इथेनॉल प्लांट काम करना भी शुरू कर दिया है. ऐसा ही एक और इथेनॉल प्लांट का कार्य आरा में चल रहा है.

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