12.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

Bihar News: निगरानी की दबिश बढ़ने से घूस लेने वालों ने बदला अपना तरीका,पैसे लेने को इन्हें बना रहे माध्यम

बिहार में भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ निगरानी ब्यूरो के स्तर से की जा रही ट्रैप और डीए की कार्रवाई के कारण अब घूस लेने वालों ने अपने तौर तरीका बदल लिया है. भ्रष्ट लोकसेवक किसी बाहरी व्यक्ति या अपने किसी परिचित या निचले स्तर के कर्मियों को माध्यम बना कर पैसे ले रहे हैं.

पटना. राज्य में भ्रष्ट लोकसेवकों के खिलाफ निगरानी ब्यूरो के स्तर से लगातार की जा रही ट्रैप और डीए की कार्रवाई के कारण अब घूस लेने वालों ने तरीका बदल लिया है. घूस लेते रंगे हाथ पकड़े जाना (ट्रैप) और आय से अधिक संपत्ति (डीए) मामलों में पिछले दो वर्षों के दौरान कोरोना के बावजूद करीब 120 भ्रष्ट लोकसेवकों के खिलाफ कार्रवाई की गयी है.

कार्रवाई की वजह से अब घूस लेने वालों के तरीके बदल गये

2020 में दोनों तरह के 57 और 2021 में 55 मामले हुए थे. 2022 में अब तक ट्रैप के नौ और डीए के आठ मामले हो चुके हैं. इतनी बड़ी संख्या में हुई इस कार्रवाई की वजह से अब घूस लेने वालों के पैंतरा या तरीके बदल गये हैं. अब घूस लेने के लिए लोकसेवक दूसरे किसी माध्यमों या अन्य तरीकों को विशेषतौर से शहरी इलाकों में अपना रहे हैं. इस वजह से निगरानी ब्यूरो को सीधे ट्रैप करने में काफी मशक्कत करनी पड़ रही है.

31 मार्च को परिवहन इकाई के मुंशी घूस लेते रंगे हाथ हुआ था गिरफ्तार

एक ऐसे ही मामले में 31 मार्च को पुलिस महकमा में परिवहन इकाई के मुंशी को साढ़े चार लाख रुपये घूस लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किया गया था, परंतु हकीकत में यह मुंशी (सिपाही रैंक) पूरे पैसे अपने लिए नहीं ले रहा था, बल्कि इस राशि में बड़ा हिस्सा डीएसपी को मिलने वाला था, जो इस ट्रैप की जद में नहीं आ पाया. इसकी मुख्य वजह उसका सीधे पैसे नहीं लेना है. ऐसे कुछ अन्य मामलों में भी मुख्य अभियुक्त सामने नहीं आ पाये हैं.

भ्रष्ट लोकसेवक किसी बाहरी व्यक्ति को माध्यम बना ले रहे पैसे

निगरानी की सख्ती बढ़ने से सरकारी महकमों में भ्रष्ट लोकसेवक किसी बाहरी व्यक्ति या अपने किसी परिचित या निचले स्तर के कर्मियों को माध्यम बना कर पैसे ले रहे हैं. कुछ ने अपने कार्यालय के बाहर ही ऐसे ठिकाने खोज रखे हैं, जहां घूस के पैसे धीरे से रखवा दिये जाते हैं. कुछ के नजदीकी परिजन घूस वसूली में ही लगे रहे थे. ये सभी अलग-अलग स्थानों पर ही बुला कर अवैध राशि लेते हैं.

Also Read: Bihar News: प्रदेश में तीन रिटायर्ड आइएएस अफसरों पर एक साथ चलेगा मुकदमा, बिहार सरकार ने दी मंजूरी
सिर्फ 40 फीसदी मामले ही सही आते

निगरानी के पास प्रत्येक महीने भ्रष्टाचार से जुड़े औसतन एक सौ शिकायतें आती हैं. इसमें अधिकांश शिकायतें फोन पर ही आती हैं, परंतु इन शिकायतों की समीक्षा करने के बाद महज 40 फीसदी शिकायतें ही सही पायी जाती हैं, जिन पर कार्रवाई की जाती है. शेष 60 फीसदी शिकायतें गलत या निराधार ही आती हैं.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें