14.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

BHU में अनोखा ऑपरेशन, एक मरीज की छाती में फंसा लोहे का टुकड़ा, डॉक्टर्स की टीम ने ऐसे बचाई जान

बीएचयू में तीन घंटे चली सर्जरी में डॉ. सिद्धार्थ लखोटिया ने डॉक्टर्स की टीम के साथ फेफड़े के अंदर फंसे धातु को हटाया. वहीं, दाहिने सीने में जमे खून को भी बाहर निकाला.

Undefined
Bhu में अनोखा ऑपरेशन, एक मरीज की छाती में फंसा लोहे का टुकड़ा, डॉक्टर्स की टीम ने ऐसे बचाई जान 7

BHU Operation News: बीएचयू चिकित्सा विज्ञान संस्थान के चिकित्सकों ने एकबार फिर से साबित कर दिया है डॉक्टर धरती पर भगवान का रूप होते हैं. ऐसे ही एक केस में बीएचयू के डॉक्टर्स ने कार्डियो थोरैसिक और वस्कुलर सर्जरी विभाग में एक व्यक्ति का दुर्लभ और अनोखा ऑपरेशन किया.

Undefined
Bhu में अनोखा ऑपरेशन, एक मरीज की छाती में फंसा लोहे का टुकड़ा, डॉक्टर्स की टीम ने ऐसे बचाई जान 8

उस शख्स के सीने में पटाखा फोड़ते वक्त धातु का टुकड़ा फंस गया था. डॉ. सिद्धार्थ लखोटिया के नेतृत्व में चले तीन घंटे की सर्जरी में धातु के टुकड़े को हटाने के बाद, फेफड़े की मरम्मत की गई और रक्तस्राव को नियंत्रित किया गया.

Undefined
Bhu में अनोखा ऑपरेशन, एक मरीज की छाती में फंसा लोहे का टुकड़ा, डॉक्टर्स की टीम ने ऐसे बचाई जान 9

यह दुर्लभ केस मऊ जिले के मठमहमदपुर गांव के रहने वाले 18 वर्षीय युवक का है जो पटाखा फोड़ते वक्त हाथ में रखे उपकरण से चोटिल हो गया था. पटाखा शायद काम नहीं कर रहा था और उपकरण के धातु का टुकड़ा उलटा हो गया.

Undefined
Bhu में अनोखा ऑपरेशन, एक मरीज की छाती में फंसा लोहे का टुकड़ा, डॉक्टर्स की टीम ने ऐसे बचाई जान 10

धमाके से लोहे का टुकड़ा मरीज के सीने के दाहिनी ओर जाकर फंस गया. इस हादसे में मरीज का दाहिना फेफड़ा बुरी तरह घायल हो गया. बाद में तेज दर्द के साथ उसकी सांस फूलने लगी तो उसे मऊ के एक अस्पताल ले जाया गया, जहां हालात गंभीर होने पर उसे बीएचयू अस्पताल रेफर कर दिया गया.

Undefined
Bhu में अनोखा ऑपरेशन, एक मरीज की छाती में फंसा लोहे का टुकड़ा, डॉक्टर्स की टीम ने ऐसे बचाई जान 11

बीएचयू में तीन घंटे चली सर्जरी में डॉ. सिद्धार्थ लखोटिया ने डॉक्टर्स की टीम के साथ मरीज के फेफड़े के अंदर फंसे धातु के टुकड़े को हटाया. दाहिने सीने में जमे खून को भी बाहर निकाला.

Undefined
Bhu में अनोखा ऑपरेशन, एक मरीज की छाती में फंसा लोहे का टुकड़ा, डॉक्टर्स की टीम ने ऐसे बचाई जान 12

डॉ. सिद्धार्थ ने बताया कि मरीजे के दाहिने फेफड़े के ऊपरी हिस्से के गंभीर रूप से घायल होने के कारण वहां बड़ी मात्रा में रक्त का स्राव हो गया था. वो भाग्यशाली था कि उसका दिल घायल नहीं हुआ. मरीज ठीक है और उसे अस्पताल से छुट्टी मिल जाएगी. सर्जिकल टीम में प्रो. सिद्धार्थ लखोटिया के साथ डॉ. नरेंद्र नाथ दास शामिल थे. एनेस्थीसिया प्रो. एसके माथुर ने किया था.

(रिपोर्ट: विपिन सिंह, वाराणसी)

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें