PHOTOS: देश के प्रसिद्ध लेखक शेखर मल्लिक, दिलीप चक्रवर्ती व शांता चक्रवर्ती को द्वितीय सुबर्नशिला सम्मान
झारखंड के पूर्वी सिंहभूम जिले के घाटशिला में विभूति भूषण बंद्योपाध्याय की 129वीं जयंती पर आयोजित साहित्य सभा में उनके साहित्य पर चर्चा के साथ द्वितीय सुबर्नशिला सम्मान से दिलीप चक्रवर्ती, शेखर मल्लिक और शांता चक्रवर्ती को सम्मानित किया गया. मौके पर साहित्यकार, रंगकर्मी एवं साहित्यप्रेमी मौजूद थे.
सम्मान समारोह में प्रख्यात रंग निर्देशक प्रोबीर गुहा और निर्देशिका संचयिता बासु उपस्थित रहे. विभूति स्मृति संसद के अध्यक्ष डेबी प्रसाद मुखर्जी ने स्वागत किया और साहित्यकारों को सम्मान प्रदान किया. सम्मान में अंगवस्त्र, स्मृति चिन्ह, स्मारिका की प्रति भेंट की. धन्यवाद ज्ञापन संयुक्त नाट्य कला केन्द्र, घाटशिला के अध्यक्ष सुशांत सीट ने किया.
इस अवसर पर अनूप दत्त, सुजन सरकार, दिलीप सरकार, बलराम सीट, असित वरन हुई, मल्लिका प्रधान, रूपा सरकार, स्नेहज मल्लिक, चंदन सीट, प्रदीप चक्रवर्ती, समीप चक्रवर्ती, लखींदर प्रधान, पुष्पा गुप्ता, रूमा सीट, भवानी, गीता मुर्मू, ज्योति मल्लिक आदि मौजूद थे.
प्रभात खबर से खास बातचीत में पिछले दिनों साहित्यकार शेखर मल्लिक ने कहा था कि किसी प्रतिष्ठित संस्था द्वारा सम्मान मिलना खुशी की बात तो है ही, लेकिन यह निजी खुशी है. विशेष बात है घाटशिला जैसी छोटी जगह पर इस तरह का बड़ा आयोजन होना, जो राष्ट्रीय स्तर पर जाना जाए. यह साहित्यिक गतिविधियों को बढ़ाने में बहुत ही अहम है.
घाटशिला की सांस्कृतिक साहित्यिक संस्था ‘ विभूति स्मृति संसद ‘ द्वारा प्रतिवर्ष बांग्ला सहित अन्य भाषाओं में उल्लेखनीय साहित्यिक योगदान के लिए दिए जाने वाला ‘ सुबर्नशिला सम्मान ’ इस वर्ष घाटशिला के साहित्यकार शेखर मल्लिक सहित दिलीप चक्रवर्ती और शांता चक्रवर्ती को दिए जाने की घोषणा पिछले दिनों हुई थी. पिछले वर्ष हिंदी के महत्वपूर्ण कथाकार रणेंद्र को यह सम्मान प्रदान किया गया था. इस साल शेखर के साथ बांग्ला के वरिष्ठ लेखक पत्रकार दिलीप चक्रवर्ती ‘अनटोल्ड स्टोरीज ऑफ इप्टा एंड निरंजन सेन’ पुस्तक के मित्रा सेन मजुमदार के साथ सह संपादक भी हैं और बांग्ला भाषा की कवयित्री शांता चक्रवर्ती को यह सम्मान दिया गया.
शेखर मल्लिक प्रगतिशील लेखक संघ के राष्ट्रीय कार्यकारणी सदस्य और झारखंड राज्य के उप महासचिव हैं. अब तक इनकी 5 किताबें प्रकाशित हो चुकी हैं. देश के जाने-माने लेखक शेखर मल्लिक सामाजिक राजनीतिक सरोकारों की कहानियां लिखते हैं. आदिवासी जीवन पर इनका उपन्यास कालचिति बहुत मशहूर है और डायनमारी, जंगल मोर दुलाड़िया जैसी कहानियां भी चर्चित हैं. इसी वर्ष शेखर को भारतीय भाषा परिषद्, कोलकाता का प्रतिष्ठित युवा पुरस्कार मिला था. दिलीप चक्रवर्ती कोलकाता प्रेस क्लब के मानद आजीवन सदस्य हैं. उन्हें कलम सेना सम्मान मिला है. दिलीप चक्रवर्ती की कुछ चर्चित पुस्तकें ताहादेर प्रेम कथा, लॉक डाउनेर दिनगुली और श्रेणी संग्रामेर सब्यसाची आदि हैं. शांता चक्रवर्ती कविता लेखन और पत्रकारिता करती हैं. वे स्रोत स्वमिनी इच्छामती की संपादक हैं. उनकी कविताएं बांग्ला भाषी पाठक समुदाय में बहुत सराही गई हैं.