सिमडेगा, रविकांत साहू : खतियानी जोहार यात्रा में शामिल होने सिमडेगा पहुंचे मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने बीजेपी पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने बाबूलाल मरांडी और अर्जुन मुंडा पर आरोप लगाते हुए कहा कि ये बाहरी लोगों के ऐजेंट के तौर पर काम करते रहे हैं. कहा कि खेल सहित विभिन्न कार्यक्रम को लेकर यहां कई बार आने का मौका मिला है. जोहार यात्रा के माध्यम से आज आना हुआ है. उन्होंने कहा विपक्ष राज्य की जनता को भ्रमित करने में लगी हुई है. जब राज्य अलग करने के लिए गुरुजी ने बिगुल फूंका तो यही विपक्षी हमारा मजाक उड़ाते थे. लेकिन, यह राज्य आखिरकार बन गया.
सिमडेगा के अलबर्ट एक्का स्टेडियम में खतियानी जोहर यात्रा कार्यक्रम में आये लोगों को संबोधित करते हुए सीएम ने कहा कि हजारों लोगों ने शहादत दी है. 40 साल के संघर्ष के बाद यह राज्य हमें मिला. जब राज्य मिला, तो विपक्ष कहता था चलो राज्य मिल गया, लेकिन अब इनकी सरकार नहीं बनेगी. 20 साल तक इन्होंने ही यहां राज्य किया और हमें चिढ़ाते रहे. 2019 में हमने कमर कसी और जनता के आशीर्वाद से इन्हें उखाड़ कर फेंक दिया. राज्य लेने में भी एक लंबा वक्त लग गया और सरकार बनाने में भी. इसी जिले में पिछली सरकार की वजह से भात-भात करते एक बच्ची की मौत हुई थी. 20 वर्षों में हमारे राज्य के बेईमानों ने मूलवासी-आदिवासी के लिए कोई चिंता नहीं किया. विषम परिस्थिति में भी हमलोगों ने राज्य के एक भी व्यक्ति को भूखा मरने नहीं दिया. गांव-गांव पंचायत-पंचायत, ताकि लोगों को खाना बनाकर महिला दीदियों को खिलाया.
उन्होंने कहा कि दो साल बाद जब हमने काम शुरू किया, तो विपक्ष साजिश रचना शुरु कर दिया. अधिकारियों को गांव तक भेजने का काम किया. 65 लाख ग्रामीणों की शिकायत शिविर के माध्यम से मिली. उससे पहले 40 लाख आवेदन आये. यही वजह है कि आज राज्य की मुख्य मांगों का समाधान हो रहा है. राज्य सरकार ने जन पेंशन योजना की शुरुआत की. जो देश भर में पहला राज्य है.
सीएम ने कहा कि जेपीएससी का रिजल्ट जारी किया. 1932 का खतियान आधारित नियोजन नीति बनाई. तो इन लोगों ने दूसरे राज्यों से लोगो को बुलाकर हमारे कानून को चुनौती दी और कोर्ट से खारिज करवाया. यूपी-बिहार के लोगों ने हमारे कानून को चुनौती देने का काम किया. उन्होंने कहा कि झारखंड का नियोजन नीति और पेट में दर्द यूपी-बिहार को यह अजीब हाल है. 1932 का मामला इसीलिए 19वीं सूची में डालने के लिए केंद्र सरकार को भेजा है. कानून को सुरक्षा कवच के तौर पर हमने यह काम किया है. बाबूलाल मरांडी ने 1932 के खतियान को लेकर ऐसा नियम बना दिया कि लोग एक-दूसरे के खून के प्यासे हो गए. यह लोग एक-दूसरे से लड़ाने का कानून बनाते हैं. हमने जब 1932 का कानून लाया, तो राज्यभर में ढोल-मांदर के साथ स्वागत हुआ. हमारे निर्णय से प्यार बढ़ता है और उनके निर्णय से लोग एक-दूसरे के खून के प्यासे हो जाते हैं.
उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में जो आदिवासी क्षेत्र है वहां पर आदिवासी को आदिवासियों से धर्म के नाम पर लड़ा दिया. यह भी कहा कि केंद्र सरकार द्वारा नया वन कानून बनाया है. इससे आदिवासी को बड़ा नुकसान होगा. इस कानून का हमने विरोध कर प्रधानमंत्री को चिट्ठी लिखा है. यह कानून इस राज्य में नहीं लागू नही कर सकते है. कहा कि जो हमारे खिलाड़ी बच्चियां है. वे दुनिया भर में नाम कर रही है. इन बच्चियों को सीधा सरकारी नौकरी देने का सरकार ने काम किया.
मुख्यमंत्री आमंत्रण कप टूर्नामेंट में पंचायत से लेकर राजधानी तक 80 हजार बच्चों ने खेल में हिस्सा लिया. दो जिलों ने लाखों रुपए का पुरस्कार जीता. जो लोग इस राज्य को कोसते थे अब उन्हें इस राज्य से भागना पड़ेगा. 20 वर्षों में राज्य को ऐसे दलों ने नेतृत्व दिया जो गुजरात चलाता है. दिल्ली चलाता है और महाराष्ट्र चलाता है. इन्हीं लोगों ने झारखंड को चलाया. सब राज्य आगे बढ़ गया, लेकिन जब इन्होंने झारखंड में राज किया तो हमारा राज्य सबसे पीछे चला गया. बीजेपी योजनाबद्ध तरीके से यह काम कर रही है. वह नहीं चाहती थी कि आदिवासी-मूलवासी किसी राज्य का नेतृत्व करे. बीजेपी नहीं चाहती झारखंड का विकास हो.
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोनाकाल के बाद अब सुखाड़ की चुनौती हमारे राज्य में आयी है. ढाई सौ करोड़ रुपये डीबीटी के माध्यम से हमने किसानों के खाते में भेजने का काम किया. सावित्रीबाई योजना के तहत बच्चियों को राज्य में जोड़ा जा रहा है. हमारे बच्चों को पढ़ने के लिए सरकार विदेश भी भेज रही. श्री सोरेन ने कहा कि एक लाख 36 हजार करोड़ रुपये केंद्र सरकार ने हमारे राज्य का बकाया रखा है. जब हम मांगते हैं, तो हमारे पीछे सीबीआई भेज देता है. साढ़े आठ लाख आवास गरीबों को देना है, लेकिन भारत सरकार स्वीकृत नहीं कर रही है. अगर केंद्र सरकार नहीं देगी, तो उसका भी रास्ता निकाला जाएगा.