राजस्थान में विधानसभा चुनाव की तारीख के ऐलान के बाद कांग्रेस और बीजेपी पूरी तरह से सक्रिय हो गई है. मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस अधिकतर सीटों पर उम्मीदवार उतार चुकी है, लेकिन राजस्थान के उम्मीदवारों की लिस्ट का इंतजार अभी भी है.
ऐसी खबरें हैं कि 200 सीटों वाली जंग के लिए कांग्रेस की ओर से करीब 100 नाम तय हो चुके हैं, लेकिन 3 बड़े नेताओं पर पेंच फंसा है जो पार्टी के लिए परेशानी का सबब बनती नजर आ रही है. सूत्रों के हवाले से जो मीडिया में खबर चल रही है उसके अनुसार, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत उन तीन वफादारों पर सहमति नहीं बन पा रही है, जिनको पिछले साल विधायक दल की बैठक नहीं हो पाने के लिए जिम्मेदार बताया गया. इन तीनों में दो मंत्री भी शामिल हैं.
राजस्थान की सभी 200 विधानसभा सीट पर 25 नवंबर को मतदान होगा. मतगणना तीन दिसंबर को होगी. दिल्ली में बुधवार को कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और राहुल गांधी की मौजूदगी में एक बैठक हुई. बताया जा रहा है कि इस बैठक में 100 सीटों पर उम्मीदवार चुन लिया गया है. सूत्रों के हवाले से जो खबर आ रही है उसके अनुसार, कांग्रेस सेट्रल इलेक्शन कमिटी की बैठक में अशोक गहलोत के तीन वफादारों शांति धारीवाल, महेश जोशी और राजस्थान के टूरिज्म डिवेलपमेंट कॉर्पोरेशन चेयरमैन धर्मेंद्र राठौड़ को लेकर गंभीर चर्चा की गई है.
बताया जा रहा है कि राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने तीनों के खिलाफ आए रिपोर्ट के बाद भी टिकट देने की इच्छा जाहिर की जबकि पार्टी उनसे सहमत नहीं है. फिलहाल तीनों के नाम ‘पेंडिंग’ लिस्ट में डाल दिये गये हैं. खबरों की मानें तो कांग्रेस के सचिव धीरज गुज्जर का नाम भी पेंडिंग लिस्ट में डाला गया है, जो उत्तर प्रदेश के प्रभारी हैं. वे बड़े नेताओं के करीबी भी बताये जाते हैं.
Also Read: राजस्थान चुनावः आज जारी हो सकती है कांग्रेस की पहली लिस्ट, CWC की बैठक में नामों पर हुआ मंथनखबरों की मानें तो राहुल गांधी और पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे की मौजूदगी में हुई बैठक में सर्वे एजेंसियों और उनकी रिपोर्ट पर भी चर्चा की गई. सूत्रों के मुताबिक एक वरिष्ठ नेता पर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों पर भी चर्चा बैठक के दौरान हुई. राहुल गांधी के भारत जोड़ो यात्रा के राजस्थान से गुजरते समय भी यह मुद्दा बना था. राहुल ने केवल उस नेता के नाम पर आपत्ति जताई जबकि 106 नामों की चर्चा हुई. अब चार नामों पर अंतिम फैसला पार्टी नेतृत्व लेने का काम करेगा.