Delhi Weather: दिल्ली-एनसीआर की हवा और होगी ‘जहरीली’, फेफड़ों को पहुंचाएगी नुकसान
Delhi Weather : पंजाब और हरियाणा में पराली जलाने के मामले बढ़ने का असर दिल्ली के मौसम पर पड़ता है. इस वक्त राजधानी में हवा की गुणवत्ता का स्तर ‘गंभीर’ श्रेणी में पहुंच गया है. पंजाब सरकार का लक्ष्य, इस साल सर्दियों में पराली जलाने के मामलों में 50 प्रतिशत तक कमी लाना है.
दिल्ली-एनसीआर में हवा जहरीली हो चली है. दिल्ली के कई हिस्सों में गुरुवार को हवा की गुणवत्ता का स्तर ‘गंभीर’ श्रेणी में पहुंच गया और शहर में लगातार तीसरे दिन भी धुंध छाई नजर आई. पराली जलाने के मामलों में बढ़ोतरी और प्रतिकूल मौसम के बीच, वैज्ञानिकों ने चेतावनी जारी की है जिसमें कहा गया है कि अगले दो सप्ताह के दौरान दिल्ली-राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में प्रदूषण का स्तर बढ़ेगा. यह चिंताजनक इसीलिए है क्योंकि कई इलाकों में वायु गुणवत्ता सूचकांक पहले ही 400 से अधिक रिकॉर्ड किया गया है.
स्वास्थ्य क्षेत्र से जुड़े विशेषज्ञों की मानें तो इससे बच्चों और बुजुर्गों में अस्थमा तथा फेफड़ों से संबंधित समस्याएं बढ़ सकती हैं. गुरुवार सुबह 10 बजे दिल्ली का वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 351 दर्ज किया गया जिसने चिंता बढ़ा दी है. शहर के कई इलाकों जैसे पंजाबी बाग (416), बवाना (401), मुंडका (420) और आनंद विहार (413) में हवा की गुणवत्ता गंभीर श्रेणी में रिकॉर्ड की गई.
इन स्थानों पर पीएम-2.5 (सूक्ष्म कण जो सांस लेने पर श्वसन प्रणाली में गहराई तक प्रवेश कर सकते हैं और श्वसन संबंधी समस्याएं पैदा कर सकते हैं) की सांद्रता 60 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर की सुरक्षित सीमा से छह से सात गुना अधिक रही जिसकी वजह से लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ा. इस बीच दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा कि सरकार उन क्षेत्रों में निर्माण कार्य पर प्रतिबंध लगाएगी, जहां लगातार पांच दिनों तक एक्यूआई 400 अंक से अधिक रिकॉर्ड किया गया.
दिल्ली की केजरीवाल सरकार ने वाहन प्रदूषण पर अंकुश लगाने के लिए ‘रेड लाइट ऑन गाड़ी ऑफ’ की शुरुआत की है. सरकार ने साथ ही सार्वजनिक परिवहन को मजबूत करने और वाहन प्रदूषण कम करने के लिए 1,000 निजी सीएनजी बसें किराए पर लेने की योजना बनाई है. यहां चर्चा कर दें कि एक्यूआई शून्य से 50 के बीच ‘अच्छा’, 51 से 100 के बीच ‘संतोषजनक’, 101 से 200 के बीच ‘मध्यम’, 201 से 300 के बीच ‘खराब’, 301 से 400 के बीच ‘बहुत खराब’ और 401 से 500 के बीच ‘गंभीर’ माना जाता है.
दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (डीपीसीसी) के एक विश्लेषण पर गौर करें तो, राजधानी दिल्ली में एक नवंबर से 15 नवंबर तक प्रदूषण चरम पर होता है, क्योंकि इस समय पंजाब और हरियाणा में पराली जलाने के मामले बढ़ते नजर आते हैं.