Lucknow Famous Dish: लखनऊ उत्तर प्रदेश राज्य की राजधानी है और यह भारतीय संस्कृति, विरासत, इतिहास, और रसोई के लिए मशहूर है. यहां पर मुगल और नवाबी शासन के समय के विरासत के कई प्रमुख स्थान हैं जैसे कि बड़ा इमामबाड़ा, छोटा इमामबाड़ा, रुमी दरवाज़ा, चोटी चौराहा, आदि.
इसके अलावा इस शहर का खाना दुनिया भर में प्रसिद्ध है. यहां की विशेषता उत्तर भारतीय मुगलीय खाने के और भी पसंदीदा और स्वादिष्ट डिशों में है. गलौटी कबाब, टुंडे कबाब, नहारी, बिरयानी, और मटन करी लखनऊ के खास डिशों में से हैं. आइए जानते हैं विस्तार से.
लखनऊ के मटन बिरयानी एक लाजवाब और स्वादिष्ट डिश है, जो लखनऊ की खास मुगलीय रसोई से संबंधित है. यह खासतौर से मटन के साथ चावल, मसालों और धनिये के पत्तों से तैयार किया जाता है. मटन बिरयानी के तैयारी के लिए मुलायम मटन के टुकड़े या मटन के गोश्त का उपयोग किया जाता है.
इसे साफ-सफाई करके और उबाल कर अधा पका लिया जाता है. बिरयानी के चावल को भी उबालकर अधा पका लिया जाता है और उनमें भी विशेष मसालों का उपयोग किया जाता है. फिर मसालों के साथ मटन के टुकड़े और चावल को अलग-अलग खाने में इस्तेमाल किया जाता है और उन्हें मिलाकर धनिये के पत्तों से सजाकर परोसा जाता है.
टुंडे कबाब लखनऊ की प्रसिद्ध मुगलीय रसोई का एक प्रमुख डिश है. यह खासतौर से मुगल अवधी रसोई के माहिरों ने विकसित किया था और इसकी प्रसिद्धता उनके खास रेसिपी और विशेषतः तैयारी विधि के कारण है. टुंडे कबाब एक अद्भुत नरमता और ख़ास मसाले से भरे हुए होते हैं.
Also Read: PHOTOS: ये हैं कानपुर के सबसे सस्ता मार्केट, जहां मात्र 100 रुपये मिल जाएंगे ब्रांडेड कपड़ेटुंडे कबाब के नाम का उत्पत्ति किसी ने उनके शाखीय नानवेगियन शेफ तुंदे मियां के नाम पर रखा है, जिन्होंने इस डिश के लिए खास मसालों का रहस्यमयी मिश्रण बनाया था. उन्होंने मटन के लम्बे टुकड़ों को सूखी सब्जियों, प्याज़ और विशेष मसालों के साथ मरिनेट किया और उन्हें सूखे खाने के लिए तैयार किया था. इस कबाब के लिए उचित मसालों का उपयोग किया जाता है. जिसमें धनिया पाउडर, जीरा पाउडर, लाल मिर्च पाउडर, गरम मसाला, अदरक-लहसुन की पेस्ट, दही और अन्य सामग्री शामिल होती हैं. इसमें दही के उपयोग से कबाब मुलायम और जुस्तजू बनते हैं. इसे तावे पर तलकर परोसा जाता है.
गलौटी कबाब भारतीय खाने का एक प्रसिद्ध और स्वादिष्ट डिश है, जो मुगलीय और नवाबी रसोई से जुड़ा हुआ है. यह खासतौर से लखनऊ के नवाब अवाध के समय से प्रसिद्ध है और आज भारत में और अन्य देशों में भी लोकप्रिय है.
गलौटी कबाब का नाम ‘गलौटी’ संस्कृत शब्द ‘गलावट’ से लिया गया है, जिसका अर्थ होता है “गलती”. इसे इसलिए गलौटी कबाब कहा जाता है क्योंकि यह विशेषतः मटन के मसाले से बनता है और नवाबों के समय में यह इतना नरम बनाया जाता था कि जुबां पर रखते ही इसका टकराव और टूटने का आहसास हो जाता था.
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