जमशेदपुर केनल क्लब की ओर से लोयोला स्कूल ग्राउंड में आयोजित डॉग शो में कई नस्ल के डॉग दिखे. इस डॉग शो में जमशेदपुर के अलावा कोलकाता, भुवनेश्वर, दिल्ली एवं अन्य जगहों के प्रतिभागियों ने भाग लिया. अलग-अलग ब्रीड के डॉगी की अलग-अलग विशेषता, खानपान, रहन-सहन है. किसी को चिकेन, राइस, कच्चा पनीर, तो किसी को ड्राइफ्रूट, सोयाबीन, सप्लीमेंट पसंद है. कोलकाता के सौमित्र चटर्जी लेब्राडोर रिट्रिवर और गोल्डेन रिट्रिवर के साथ मैदान में उतरे. उन्होंने बताया कि लेब्राडोर रिट्रिवर जबलपुर, हैदराबाद और कोलकाता के शो में भाग ले चुका है. इसकी कीमत 25 हजार रुपये है.
विशेषता : यह सबसे अधिक पसंद की जाने वाली नस्ल है. इसका नेटिव प्लेस न्यू फाउंडलैंड, कनाडा है. यह चंचल, दयालु और स्पोर्टिंग स्वभाव का होता है. इसकी ऊंचाई 62 सेंटीमीटर तक हो सकती है.
डॉग शो में भाग लेने भुवनेश्वर के रंजीत पाटसनी 13 महीने के जर्मन शेफर्ड (मेल) के साथ लोयोला ग्राउंड आये हैं. उन्होंने बताया कि भुवनेश्वर शो में यह भाग ले चुका है. जहां एसजी टू यानी सेकेंड पॉजिशन पर रहा था. उन्होंने घर में 15 श्वान पाल रखे हैं.
विशेषता : श्वानों की बड़ी नस्ल में इसे गिना जाता है. इसका जन्म जर्मनी में हुआ. चतुराई, समझ और आज्ञाकारी के लिए यह प्रसिद्ध है. इसलिए इसे पुलिस और सेना में काम में लिया जाता है. खोजी दस्तों की पहली पसंद जर्मन शेफर्ड ही होता है.
विकास इंग्लिश कॉकर स्पेनिश ब्रीड के साथ आये हैं. जो साढ़े तीन साल की है. उन्होंने बताया कि यह डॉग रिजर्व सीसी कोलकाता में भाग ले चुकी हैं. यह भोजन में डॉग फूड, चिकेन, दही, अंडा आदि लेती है. इस नस्ल के डॉग के बाल काफी लंबे होते हैं. रख-रखाव और सुंदर दिखने के लिए कई बार बाल काट भी दिये जाते हैं
कोलकाता के नंद कुमार दो साल के बुल मेस्टिव ब्रीड के साथ मैदान में उतरे हैं. उन्होंने बताया कि यह दो साल का है. और किसी शो में डेब्यू कर रहा है. साथ ही वे स्मूथ फॉक्स टेरियन के साथ भी प्रतियोगिता में हैं.
विशेषता : इसे चिकेन, राइस और ड्राइफ्रूट पसंद है. इसे खतरनाक नस्ल माना गया है.
कांड्रा के कमलेश कुमार शर्मा इंग्लिश मेस्टिव ब्रीड के साथ आये हैं. उन्होंने बताया कि इस मेंटेन करने में हर महीने करीब 35 से 40 हजार रुपये लग जाते हैं. इसे कच्चा पनीर, चिकेन, चावल, सोयाबीन पसंद है.
साकची सिंह के विकास सिंह तीन साल के हॉस्की ब्रीड के डॉग के साथ शो में शामिल हुए. सुंदर और आकर्षक होने के कारण इसे लोग काफी पसंद करते हैं. रखरखाव के हिसाब से यह थोड़े खर्चीले हैं.
विशेषता : यह शरारती स्वभाव का होता है, लेकिन काफी मिलनसार होता है. अलास्का में यह माल ढुलाई के काम में आता है.
सोमनाथ घोष डसाउन ब्रीड के साथ आये हैं. उन्होंने बताया कि यह फीमेल है और दो साल की है. वह करनाल शो में चैंपियन रह चुका है. सोमनाथ ने बताया कि इस डॉग को फूड सप्लीमेंट और चिकेन बहुत पसंद है.
कोलकाता की ही वीणा बनर्जी पॉमरेनियन ब्रीड डॉग लेकर आयी हैं. यह तीन महीने का है और कई प्रतियोगिता में भाग ले चुका है. उनके पास एक साल का कॉर्गी भी है. इसी तरह दिल्ली के मोंटी पूडन ब्रीड के साथ उतरे हैं. जो केवल सात महीने का है. कोलकाता के राणा मित्रा वीपैड ब्रीड के साथ हैं.
कोलकाता के अभिजीत दास ने 17 महीने के ग्रेट डेन ब्रीड के डॉग के साथ के साथ प्रतियोगिता में भाग लिया. उन्होंने बताया कि इससे पहले यह डॉग कोलकाता के शो में भाग ले चुका है. जहां उसे दो आरसीसी मिला था. यह उसका दूसरा शो है.
विशेषता : यह विशाल आकार के लिए जाना जाता है. जो कैनिस ल्युपस फैमिलियरिस की एक नस्ल है. यह नस्ल पंजे से कंधे तक 109 सेमी और सिर से पूंछ तक 220 सेमी लंबाई के साथ वर्तमान विश्व-रिकॉर्ड धारी है.
कोलकाता के उज्ज्वल सरकार ने जैक रसल टेरियल ब्रीड फीमेल के साथ शो में भाग लिया. इसकी उम्र 22 महीने हो रही है. उन्होंने बताया कि यह डॉग रायपुर, दुर्ग, कोलकाता और पंचकुल में चैंपियन सर्टिफिकेट जीत चुका है. अगर जमशेदपुर में जीतता है तो चैंपियन बन जायेगा. इसे चिकेन, ड्राइफ्रूट काफी पसंद है.
विशेषता : यह नस्ल निडर और उत्साही होने के लिए जाना जाता है. यह एथलेटिक और काफी फ्रेंडली होता है. इसका नेटिव प्लेस इंग्लैंड है. इसे चूहों को पकड़ने और छोटे-मोटे शिकार के लिए पसंद किया जाता रहा है. यह बहादुरी के लिए जाना जाता है.