इजराइल गाजा पट्टी में लगातार हवाई हमले कर रहा है जिससे एक के बाद कई इलाके मलबे में तब्दील होते नजर आ रहे हैं. इस बीच इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा कि हमास के सारे आतंकी हमारे लिए अब मुर्दा, हमास को जड़ से खत्म कर देंगे. नेतन्याहू की नई वॉर कैबिनेट ने कसम खाई है कि हमास को धरती से मिटा देंगे. इस बीच NATO चीफ ने कहा है कि इजरायल के पास खुद की रक्षा करने के सारे कारण, मासूमों की जान नहीं जानी चाहिए.
अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने भी इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के सुर में सुर मिलाते हुए ईरान को चेतावनी दे डाली है. यही नहीं अमेरिका में कई यहूदी नेताओं से मुलाकात की है.
गाजा पट्टी के कई इलाके मलबे में तब्दील हो चुके हैं और लोग सुरक्षित स्थानों की तलाश में भटक रहे हैं जबकि अस्पतालों में जरूरी दवाएं खत्म हो रही हैं. वहीं, ईंधन के खत्म होने की वजह से गाज़ा के इकलौते बिजली संयंत्र को बंद करना पड़ा है जिससे लोगों की परेशानी में और इज़ाफा होगा.
गाजा पट्टी में शासन करने वाले हमास के हमलों की प्रतिक्रिया में हवाई हमलों की वजह से छोटे से तटीय परिक्षेत्र में मलबे का ढेर लग गया है और मलबे के नीचे कई लोगों के दबे होने की आशंका है. हमास द्वारा इज़राइल के तकरीबन 150 लोगों को बंधक बनाए जाने के बावजूद गाजा पर बमबारी जारी है.
आतंकी समूह हमास ने शनिवार को इजराइल पर अचानक और भीषण हमले किए. इसके बाद इज़राइल ने फलस्तीनी क्षेत्र में शासन कर रहे हमास के खिलाफ जबर्दस्त जवाबी कार्रवाई का संकल्प लिया. हमास के चरमपंथी इज़राइल पर लगातार रॉकेट दाग रहे हैं. उसने बुधवार को दक्षिणी शहर अश्कलोन पर बड़ी संख्या में रॉकेट दागे.
जंग में अबतक दोनों ओर से कम से कम 2200 लोगों की मौत हो चुकी है और हालात और खराब होने की आशंका है, जिससे गाजा में रहने वाले लोगों की मुश्किलों में इज़ाफा होगा जो पहले से जरूरी वस्तुओं और बिजली की कमी का सामना कर रहे हैं. इज़राइल ने हमले के बाद खाद्य सामग्री, ईंधन, पानी, दवाओं, बिजली और अन्य आपूर्ति को रोकते हुए क्षेत्र की ‘पूर्ण घेराबंदी’ की घोषणा की. गाजा पट्टी इजराइल, मिस्र और भूमध्य सागर के बीच 40 किलोमीटर लंबी (25 मील लंबी) भूमि की पट्टी है जहां 23 लाख फलस्तीनी लोग रहते हैं और 2007 से उस पर हमास का शासन है. मिस्र से संपर्क के एक मात्र रास्ते को मंगलवार को इसके (रास्ते के) करीब किए गए हवाई हमलों के बाद बंद कर दिया गया है.
गाजा के ऊर्जा मंत्रालय ने कहा कि उसके एकमात्र बिजली संयंत्र में ईंधन खत्म हो गया है और इज़राइल की नाकेबंदी की वजह से आपूर्ति नहीं होने के चलते संयंत्र बंद कर दिया गया है. अब इस क्षेत्र को बिजली देने के लिए केवल जेनरेटर ही बचे हैं. फलस्तीनी लंबे समय से घरों, दफ्तरों और अस्पतालों में बिजली के लिए जेनरेटर पर निर्भर रहते हैं लेकिन गाजा के लिए सभी रास्ते बंद हैं, जिससे उनके लिए ईंधन का आयात करना असंभव है.
वहीं, इज़राइल के हवाई हमलों के मद्देनजर फलस्तीनी लोग संयुक्त राष्ट्र के स्कूलों में शरण ले रहे हैं और सुरक्षित स्थान बहुत कम रह गए हैं. वहीं, सहायता संगठनों ने गाज़ा में मदद पहुंचाने के लिए मानवीय गलियारा बनाने का आग्रह किया है, और आगाह किया है कि अस्पतालों में जख्मी भरे पड़ें हैं और उनके पास जरूरी दवाइयों की कमी हो गई है.
रीमल इलाके में बमबारी में फलस्तीन के तीन पत्रकारों की मौत के बाद गाज़ा के पत्रकार हसन जबर ने कहा कि गाजा में अभी कोई सुरक्षित जगह नहीं है, आप हर दिन सभ्य लोगों को मारे जाते देखते हैं. मुझे मेरी जान का डर है. रीमल में हमास की सरकार के कई मंत्रालय और इमारतें हैं. इनके साथ-साथ विश्वविद्यालय, मीडिया संगठनों व सहायता संगठनों के दफ्तर भी हैं.
भाषा इनपुट के साथ