दिल्ली विश्वविद्यालय शताब्दी वर्ष समारोह की कड़ी में ‘चाणक्य’ का मंचन “धर्माजम” टीम द्वारा मनोज जोशी के निर्देशन में दिल्ली विश्वविद्यालय सांस्कृतिक परिषद द्वारा करवाया गया
नाटक के मंचन से पूर्व ‘चाणक्य’ ने निर्देशक मनोज जोशी ने कहा कि चाणक्य केवल एक पात्र नहीं, अपितु एक विचारधारा और एक आंदोलन है.
पद्मश्री मनोज जोशी ने नाटक के मंचन के दौरान इसे बहुत ही रोचक ढंग से प्रस्तुत किया. नाटक में पात्रों के संवाद बड़े ही रोचक रहे.
नाटक के दौरान चंद्रगुप्त और चाणक्य संवाद ने तो महाभारत में कृष्ण-अर्जुन संवाद का सा दृश्य प्रस्तुत कर दिया.
समारोह के आरंभ में दिल्ली विश्वविद्यालय कल्चर काउंसिल के चेयरपर्सन अनूप लाठर ने कलाकारों और सभी अतिथियों का स्वागत किया और कार्यक्रम के समापन अवसर पर डीन कल्चर काउंसिल प्रो. रविन्द्र कुमार ने धन्यवाद प्रस्ताव ज्ञपित किया.