टीम इंडिया दूसरे वनडे में जब बांग्लादेश से भिड़ेगी तो उसकी नजरें जीत पर होगी. पहले वनडे में भारत को हार का सामना करना पड़ा था. जहां खराब बल्लेबाजी के कारण टीम इंडिया 186 रनों पर ही ऑलआउट हो गयी थी. दूसरे मैच से पहले अभ्यास सत्र में खिलाड़ियों ने जमकर पसीना बहाया.
नेट सत्र में चीफ कोच राहुल द्रविड़ अपने सहयोगियों के साथ खिलाड़ियों को टिप्स दे रहे थे. शिखर धवन ने स्वीप और रिवर्स स्वीप का जमकर अभ्यास किया और वह वनडे वर्ल्ड कप से पहले इसमें महारत हासिल करना चाहते हैं. कुलदीप सेन ने भी गेंदबाजी में काफी अभ्यास किया. श्रेयस अय्यर बाहर हो गये हैं तो शार्दुल ठाकुर पर बड़ी जिम्मेदारी होगी.
भारतीय टीम पिछले कुछ समय से बेखौफ होकर बल्लेबाजी करने की बात कर रही है लेकिन इस योजना को कम मैचों मे ही आजमाया गया है. मीरपुर की पिच बल्लेबाजी के लिए अच्छी नहीं थी, लेकिन यह इतनी बुरी भी नहीं थी कि इसमें सिर्फ 186 रन बनाये जाये. इस सीरीज के लिए शुभमन गिल और संजू सैमसन जैसे युवाओं को आराम देने का तत्कालीन चयन समिति का निर्णय चौंकाने वाला रहा है.
चयनकर्ताओं के पूर्व अध्यक्ष चेतन शर्मा द्वारा दिया गया तर्क यह था कि न्यूजीलैंड दौरे के बाद इन खिलाड़ियों को विश्राम दिया गया है. भारतीय शीर्ष क्रम के खिलाड़ियों के साथ मुख्य समस्या यह है कि वह शुरुआत में बहुत ज्यादा डॉट गेंद खेल रहे हैं. बांग्लादेश के खिलाफ मैच में भारतीय टीम ने 42 ओवर की बल्लेबाजी में लगभग 25 ओवर डॉट गेंद खेली. बाकी के आठ ओवर को भी जोड़ दे तो टीम ने लगभग 200 गेंदों पर एक भी रन नहीं बनाया.
आधुनिक समय के क्रिकेट में जब इंग्लैंड हर तरह से सभी प्रारूपों में आक्रामक रवैया अपना रहा है तब भारतीय टीम एक कदम आगे और चार पीछे ले जा रही है. राहुल को विकेटीकीपिंग का जिम्मा सौंप कर टीम ने लचीलापन रूख अपनाने की जगह यह सुनिश्चित करने की कोशिश की कि राहुल और धवन दोनों को विश्व कप के अंतिम एकादश में कैसे फिट किया जाये.