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Indian Railways News: बोकारो जिले की 75 प्रतिशत आबादी रेल से दूर, तीन प्रखंड में रेलवे का नामोनिशान नहीं

बोकारो जिले के दो अनुमंडल कार्यालय आज भी रेल से कोसो दूर है. वहीं, तीन प्रखंड में रेल की पटरी तक दिखाई नहीं देती. दशकों से टीटी लाईन का इंतजार हो रहा है. मालूम हो कि जिले की लगभग 75 प्रतिशत आबादी रेल से दूर है.

By Samir Ranjan | August 15, 2023 8:51 PM
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बोकारो, सीपी सिंह : बोकारो जिला के दो रेलवे स्टेशन बोकारो स्टील सिटी एवं चंद्रपुरा को अमृत योजना के तहत आधुनिक बनाने की दिशा में शिलान्यास हुआ. जिला के लिए यह उपलब्धि की तरह है. लेकिन, एक सच्चाई यह भी है कि जिले की लगभग 75 प्रतिशत आबादी रेल से दूर है. जिला का दोनों अनुमंडल कार्यालय रेल से दूर है. वहीं जिला मुख्यालय भी रेल से कोसों दूर है. जिले के तीन प्रखंड कसमार, पेटरवार व नावाडीह प्रखंड में रेलवे का नामोनिशान तक नहीं है. वहीं, जरीडीह प्रखंड का एक छोटा सा कोना यानी तुपकाडीह क्षेत्र रेलवे से कनेक्ट है.

दो रेलवे लाईन की जरूरत, एक पर चल रहा है काम

बोकारो जिला औद्योगिक रूप से जाना जाता है. यहां रेलवे का मौजूदा स्वरूप भी उद्योग आधारित ही नजर आती है. उसी स्वरूप में पैसेंजर ट्रेन का भी परिचालन होता है. जानकारों की माने, तो दो रेलवे लाईन बनने से जिला का हर प्रखंड तक रेलवे की पहुंच हो जायेगी. एक रूट तलगड़िया-तुपकाड़ीह रेलवे लाईन पर काम हो भी रहा है. दूसरी लाईन राजाबेड़ा से बरकाकाना रूट है. इसको लेकर अभी भी संशय बनी हुई है. इन दोनों रूट के क्लीयरेंस से जिला की बड़ी आबादी रेल कनेक्ट करने में सफल हो जाती.

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तलगड़िया-तुपकाड़ीह रेलवे लाईन का चल रहा काम

तलगड़िया-तुपकाड़ीह रेलवे लाईन का काम चल रहा है. रूट में आने वाले स्टेशन का निर्माण भी हो रहा है. इस रूट का निर्माण 1990 में हुआ था. 15 जून 2017 को डीसी रेलवे लाईन बंद होने के बाद तलगड़िया-तुपकाडीह रेलवे लाईन की महत्ता सामने आयी थी. इस रूट से चार जोड़ी पैसेंजर ट्रेन भी चलाया गया था. लेकिन, धीरे-धीरे सभी ट्रेन को बंद कर दिया गया और अभी तक ट्रेन का परिचालन इस रूट से नहीं हो रहा है. हालांकि, रूट से ट्रेन चलाने को लेकर सभी तकनीकी काम को पूरा किया जा रहा है.

1961 में हुआ था सर्वे

दूसरी ओर, राजाबेड़ा-बरकाकाना रूट को लेकर 1961 में भूमि सर्वेक्षण का काम किया गया था. राजाबेडा से बोकारो व बोकारो से बरकाकाना रूट को लेकर सर्वे किया गया था. इस रूट के बनने से सभी प्रखंड रेल रूट के जरिये जिला मुख्यालय से जुड़ जायेंगे. लेकिन, इस दिशा में अब कोई पहल नहीं हो रही है. ना ही कोई जनप्रतिनिधि इस मसले को लेकर मुखर है. जबकि, सभी प्रखंड में रेल रूट हो जाने से लोगों को यातायात की सस्ती व्यवस्था तो होगी ही, साथ ही विकास को नया पैमाना भी मिलेगा.

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ऐसे होगा फायदा

तलगड़िया-तुपकाड़ीह रेलवे लाईन के बन जाने से बोकारो मुख्यालय यानी शहर को भी फायदा होगा. वर्तमान में बोकारो मुख्यालय से नजदीक का स्टेशन बोकारो स्टील सिटी लगभग 10 किमी की दूरी पर है. लेकिन, तलगड़िया-तुपकाड़ीह रेल लाईन में पैसेंजर ट्रेन चलने से जिला मुख्यालय से नजदीक का रेलवे स्टेशन इस्पात नगर होगा जो सिर्फ दो किमी की दूरी पर होगा. वहीं, चास अनुमंडल से नजदीक का स्टेशन चास में ही रहेगा. वहीं, राजाबेड़ा-बरकाकाना वाया बोकारो रूट बनने से बेरमो अनुमंडल के तीन प्रखंड जरीडीह, कसमार व पेटरवार को फायदा होगा. वर्तमान में बेरमो अनुमंडल कार्यालय से नजदीक का रेलवे स्टेशन गोमिया है, जो कि 10 किमी की दूरी पर है. रूट बनने से पेटरवार नजदीक का स्टेशन हो सकता है.

30 अगस्त तक भुवनेश्वर-धनबाद-भुवनेश्वर स्पेशल ट्रेन रहेंगी रद्द

दूसरी ओर, 15 से 29 अगस्त तक भुवनेश्वर-धनबाद स्पेशल ट्रेन रद्द रहेगी. भुवनेश्वर, मनचेश्वर, हरिदासपुर तथा धनमंडल के बीच खुर्दा रोड रेलवे लाइन के लिए तीसरी रेलवे लाइन बिछाने को लेकर ट्रेन को रद्द किया गया है. वहीं, 16 से 30 अगस्त तक धनबाद-भुवनेश्वर स्पेशल ट्रेन रद्द रहेगी. 30 अगस्त के बाद यह ट्रेन अपने निर्धारित समय से परिचालित होगी. बोकारो रेलवे यात्रियों को इन दिनों इस स्पेशल ट्रेन में सफर करने का अवसर नहीं मिल सकेगा.

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