PHOTOS: जल्द गोरखपुर और वाराणसी के बीच भी चलेगी वंदे भारत ट्रेन, मऊ-देवरिया में हो सकता है स्टापेज
Indian Railways: पूर्वोत्तर रेलवे लखनऊ रुट पर वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन की लोकप्रियता को देखते हुए अब गोरखपुर से वाराणसी के बीच भी ट्रेन संचालन करने की तैयारी में है. इसके अलावा गोरखपुर से पटना और गोरखपुर से दिल्ली के बीच भी वंदे भारत चलाने का प्रस्ताव है.
Indian Railways: पूर्वोत्तर रेलवे लखनऊ रुट पर वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन की लोकप्रियता को देखते हुए अब गोरखपुर से वाराणसी के बीच भी ट्रेन संचालन करने की तैयारी में है. इसके अलावा गोरखपुर से पटना और गोरखपुर से दिल्ली के बीच भी वंदे भारत चलाने का प्रस्ताव है.
तीनों ट्रेनों को चलाने के लिए रेलवे बोर्ड से जल्द मंजूरी मिलने की उम्मीद है. इनके चलने से गोरखपुर समेत पश्चिमी बिहार और नेपाल के यात्रियों को बड़ी राहत मिलेगी. पूर्वोत्तर रेलवे के हेडक्वार्टर गोरखपुर से रोजाना करीब 1 लाख लोग अलग-अलग शहरों की यात्रा करते हैं.
देश के बड़े महानगर जैसे दिल्ली, मुंबई, चेन्नई, सूरत और हैदराबाद जैसे शहरों के लिए हमेशा टिकटों का टोटा रहता है. ट्रेन में कंफर्म टिकट न मिलने पर लोग फ्लाइट और निजी वाहनों की ओर रुख करते हैं. बता दें कि गोरखपुर-लखनऊ के बीच वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन शुरू होने पर लोगों को काफी राहत मिली है.
अब यात्री गोरखपुर से वाराणसी के बीच भी वंदे भारत एक्सप्रेस चलाने की मांग करने लगे हैं. वाराणसी में बाबा विश्वनाथ का कॉरिडोर बनने के बाद श्रद्धालुओं की संख्या में तेजी से बढ़ोतरी हुई है. इसके चलते भी गोरखपुर से वाराणसी रूट पर वंदे भारत के संचालन की संभावना बढ़ गई है.
मऊ और देवरिया में हो सकता है स्टापेज
बता दें कि गोरखपुर-वाराणसी के बीच चलने वाली वंदे भारत को देवरिया व मऊ में स्टापेज दिया जा सकता है. क्योंकि इन जगहों से बड़ी संख्या में लोग हर दिन वाराणसी आते-जाते हैं. चर्चा यह भी है कि इसी ट्रेन को बाद में वाराणसी से प्रयागराज तक बढ़ाया जा सकता है.
वहीं गोरखपुर से दिल्ली के बीच हाई स्पीड ट्रेन चलाने की मांग लंबे समय से हो रही है. यात्रियों की भीड़ को देखते हुए पूर्वोत्तर रेलवे प्रशासन इसके लिए वंदे भारत एक्सप्रेस को ही गोरखपुर से दिल्ली के बीच चलाने पर विचार कर रहा है. इसके अलावा गोरखपुर से पटना रूट पर भी एक वंदे भारत चलाने का प्रस्ताव है, लेकिन यह मामला भी अभी कोच की उपलब्धता नहीं होने के चलते ठंडे बस्ते में है.