100 साल से अधिक पुराना पलामू का डालटनगंज शहर अब बदल रहा है. डाल्टनगंज से मेदिनीनगर और नगर पालिका से नगर निगम तक के बदलाव का साक्षी इस शहर में तेजी से बदलाव हो रहा है. एक तरफ जहां बड़े मॉल, दुकान, रेस्टुरेंट खुल रहे हैं, वहीं पूरा शहर का बाजार और रियासी इलाके भी बदल रहे हैं. जिस शहर में दो साल पहले तक कोई पार्क नहीं था अब कई छोटे-बड़े पार्क बन गए और कई बन रहे हैं. लोग इसका आनंद भी उठा रहे हैं. बड़े शहरों की तर्ज पर यहां भी लोग मरीन ड्राइव का आनंद उठा सकेंगे.
नगर निगम के प्रयास से कोयल नदी के तट पर गिरिवर स्कूल के पास से शिवाला घाट तक मरीन ड्राइव बनना है. इसकी लागत कुल चार करोड़ पच्चीस लाख है. इसके प्रथम चरण का काम खत्म होने के बाद अब द्वितीय चरण का काम शुरू होने वाला है. इसका शिलान्यास पिछले दिनों किया गया. मरीन ड्राइव को लेकर शहरवासी भी काफी उत्सुक हैं.
इस संबंध में मेयर अरुणा शंकर इसे अपना ड्रीम प्रोजेक्ट बताती है. उन्होंने प्रभात खबर को बताया कि मरीन ड्राइव के द्वितीय चरण का काम पूरा होते ही यहां का नजारा बदल जायेगा. जहां से पहले लोग सूरज ढलने से पहले निकल लेते थे, वहीं अब लोग सूर्यास्त का मनोरम दृश्य देखने आते हैं, जबकि अभी सिर्फ प्रथम चरण का ही काम पूरा हुआ है. कहा कि शहर के लोगों के पास ऐसी कोई जगह नहीं थी जहां अपने परिवार के साथ आकर कुछ समय प्रकृति के गोद में समय बिताये. मरीन ड्राइव के होने से यह असुविधा दूर होगी. उन्होंने कहा की कोयल तट सिर्फ खूबसूरती ही नहीं, बल्कि छठ महापर्व के आस्था से भी जुड़ा हुआ है. मरीन ड्राइव हो जाने से छठ व्रतियों को भी सहूलियत होगी. शाम से लेकर रात तक नाइट मार्केट की भी व्यवस्था की जा रही है जिसमें अनेकों को रोजगार मिलेगा.
छात्र अविनाश तिवारी का कहना है कि पार्क और मरीन ड्राइव शहर की जान है. पहले दोस्तों के साथ टहलने निकलने के लिए सोचना पड़ता था. लेकिन, अब गांधी मैदान पार्क और मरीन ड्राइव बन जाने से यहां समय बीत जाता है. यह दोनों जगह शहर की जान है.
नवोदय विद्यालय में कार्यरत विकास कुमार कहते हैं कि पहले से अब यह शहर अच्छा लगने लगा है. खासकर मरीन ड्राइव और पार्क बन जाने से समय गुजरने का अच्छा साधन हो गया है. मरीन ड्राइव अगर शिवाला घात तक बन जायेगा, तो बहुत ही बढ़िया हो जाएगा.
पोली टोप्पो को मेदिनीनगर आये दो माह हुए है. जब वो पहली बार अपने घर वालों के साथ कोयल किनारे मरीन ड्राइव आयी, तो उन्हें यह जगह बहुत अच्छा लगा. उन्होंने इस जगह को बेहद खूबसूरत बताया.
रिपोर्ट : सैकत चटर्जी, पलामू.