झारखंड सरकार एक तरफ जहां स्कूल ऑफ एक्सीलेंस बनाकर गरीब छात्रों को सीबीएसई पाठ्यक्रम में शिक्षा देने का दावा कर रही है. वहीं, दूसरी ओर बोकारो सिटी इलाके में एक विद्यालय ऐसा भी है जहां बच्चे बरसात में भीग कर पढ़ाई करने को विवश हैं.
बोकारो डीसी ऑफिस से महज डेढ़ किलोमीटर की दूरी पर झारखंड सरकार का राजकीय मध्य विद्यालय टू सी है, जहां पढ़ने वाले स्टूडेंट्स स्कूल की छत से टपकती पानी के बीच पढ़ाई करने को विवश हैं.
इस स्कूल की स्थिति देखने वाला कोई नहीं है. आलम यह है कि, कुछ दिन पहले इस स्कूल के सभी खिड़की और दरवाजे लोहा चोरों ने चोरी कर लिए. फिर भी इस पर ना विभाग कोई कार्रवाई कर पाई और ना ही पुलिस.
बीते कुछ दिनों से बोकारो में लगातार बारिश हो रही है. झमाझम बारिश के कारण जर्जर स्कूल के छत से पानी टपक रहा है और बच्चे भीगते हुए पढ़ाई करने को मजबूर हैं. यहां पढ़ने वाले छात्र छात्राओं ने सरकार से विद्यालय का जीर्णोद्धार करने की अपील की है. छात्रों का कहना है कि हम पढ़ाई करने आते हैं, लेकिन क्लास रूम में पानी इस कदर भरा रहता है कि हमें पहले झाड़ू मार कर पानी निकालना पड़ता है. फिर बैठ कर पानी में भीग कर पढ़ना पड़ता है. छात्रों ने कहा, ऐसा लगता है मानों हम पढ़ाई करने नहीं स्कूल की सफाई करने के लिए आ रहे हैं.
विद्यालय के प्रधानाध्यापक ने बताया कि कई बार विद्यालय की हालत को लेकर पत्राचार किया गया लेकिन इस पर कोई ठोस निर्णय अभी तक नहीं हो पाया है.
बताते चलें कि जिस भवन में विद्यालय चल रहा है वह बोकारो स्टील का है, जिसके कारण राज्य सरकार इसकी मरम्मत और जीर्णोद्धार भी नहीं कर सकती है. ऐसे में जिले के अधिकारियों को बोकारो स्टील से समन्वय स्थापित कर इस विद्यालय का जीर्णोद्धार किया जाना चाहिए ताकि गरीब बच्चों का भविष्य उज्जवल हो सके.