रांची, सतीश कुमार और राणा प्रताप : झारखंड हाईकोर्ट का नया भवन देशभर में अद्भुत व अनोखा होगा. हाईकोर्ट की न्यू ग्रीन बिल्डिंग 72 एकड़ में फैली हुई है. यह सुप्रीम कोर्ट से लगभग साढ़े तीन गुना बड़ी है. सुप्रीम कोर्ट का मुख्य भवन लगभग 17 एकड़ में फैला है. हाईकोर्ट के नये भवन का शिलान्यास सुप्रीम कोर्ट के तत्कालीन चीफ जस्टिस अल्तमस कबीर ने नौ फरवरी, 2013 को किया था, लेकिन बिल्डिंग का निर्माण 18 जून, 2015 से शुरू किया गया. लगभग 600 करोड़ की लागत से आठ वर्षों में हाईकोर्ट का नया भवन तैयार हुआ है. हाईकोर्ट की न्यू ग्रीन बिल्डिंग का कंस्ट्रक्शन एरिया लगभग 14 लाख वर्ग फीट है. बताया जाता है कि ग्रीष्मावकाश के बाद नयी बिल्डिंग में हाईकोर्ट का कार्य शुरू होने की संभावना है. झारखंड हाईकोर्ट के वर्तमान मुख्य न्यायाधीश संजय कुमार मिश्र लगातार चल रहे कार्यों की मॉनिटरिंग कर रहे हैं.
राज्य सरकार ने हाईकोर्ट की न्यू बिल्डिंग के लिए वर्ष 2012 में 165 एकड़ जमीन हस्तांतरित की थी. इसमें से 72 एकड़ जमीन पर हाईकोर्ट बिल्डिंग सहित वकीलों के लिए आधारभूत संरचना तैयार की गयी है. शेष जमीन पर न्यायाधीशों व रजिस्ट्री के कर्मियों के लिए आवास का निर्माण होना है. इसमें ऑडिटोरियम समेत खेल के मैदान के अलावा अन्य सुविधाएं उपलब्ध करायी जायेंगी.
बिल्डिंग का फ्लोर लेवल 1.2 मीटर बढ़ाया गया
नये भवन में पूर्व में बिल्डिंग का फ्लोर लेवल भी 1.2 मीटर बढ़ाया गया है. इस कारण बिल्डिंग का ड्राइंग भी बदला गया था. बिल्डिंग में वज्रपात से बचाने के लिए छह तड़ित चालक लगाये गये हैं. 32-32 मीटर की दूरी पर तड़ित चालक लगाये गये हैं. रेन वाटर हार्वेस्टिंग की उत्तम व्यवस्था की गयी है, ताकि बारिश का पानी परिसर से बाहर नहीं जा सके.
2000 वाहनों की पार्किंग की है व्यवस्था
कैंपस में वकील व मुवक्किलों के 2000 वाहनों की पार्किंग की व्यवस्था की गयी है. वहीं न्यायाधीशों के वाहनों के लिए मेंब्रेन रूफ केनोपी वाले पार्किंग की अलग व्यवस्था की गयी है.
हाईकोर्ट की नयी बिल्डिंग में चीफ जस्टिस का कोर्ट रूम सबसे अंतिम हिस्से में बनाया गया है. इस कोर्ट रूम का क्षेत्रफल अन्य कोर्ट रूम से सबसे अधिक है. यह कोर्ट रूम 80 फीट लंबा, 65 फीट चौड़ा व 40 फीट ऊंचा है. चीफ जस्टिस बिल्डिंग के पिछले हिस्से से गेट नंबर-दो से प्रवेश करेंगे. उनका वाहन कोर्ट रूम के समानांतर बने पोर्टिको में पहुंचेगा, जहां से वह अपने चेंबर व कोर्ट रूम जा सकेंगे. बिल्डिंग के पिछले हिस्से की डिजाइन भी खूबसूरत बन पड़ी है. वीडियो कांफ्रेंसिंग रूम, कांफ्रेंस रूम, लाइब्रेरी, डायनिंग रूम, कीचन रूम बनाया गया है.
भव्य व आकर्षक 25 कोर्ट रूम बन कर तैयार
मुख्य बिल्डिंग में 25 भव्य व आकर्षक वातानुकूलित कोर्ट रूम बन कर तैयार हो गये हैं. 24 न्यायाधीशों के लिए तथा एक मुख्य न्यायाधीश के लिए कोर्ट रूम बनाया गया है. प्रथम तल पर दाये-बायें छह-छह कुल 12 कोर्ट रूम बनाये गये हैं. जजों के एक कोर्ट की लंबाई 45 गुना 30 फीट है. इतने ही कोर्ट रूम द्वितीय तल पर बनाये गये हैं. हर कोर्ट रूम में इजलास, न्यायाधीश का चेंबर, एंटी रूम और टायलेट व पीए का कमरा बनाया गया है.
मुख्य कोर्ट बिल्डिंग के ग्राउंड प्लोर में है रजिस्ट्री शाखा
हाईकोर्ट की मुख्य कोर्ट बिल्डिंग के ग्राउंड फ्लोर में रजिस्ट्री शाखा के विभिन्न कार्यालय तैयार किये जा रहे हैं. प्रथम तल पर जाने के लिए यहां ऑटोमेटिक स्केलेटर लगाया गया है, जिससे एडवोकेट्स व अन्य लोग कोर्ट रूम में जा सकेंगे.
हाईकोर्ट के सीनियर एडवोकेटस सहित सभी एडवोकेटस के बैठने के लिए पर्याप्त व्यवस्था की गयी है. इसके लिए कोर्ट बिल्डिंग के आगे दायें-बायें दो ब्लॉक बनाये गये हैं. दोनों ब्लॉक में 288-288 चेंबर यानी कुल 576 एडवोकेटस चेंबर बनाये गये हैं. दोनों ब्लॉक के ग्राउंड फ्लोर में सीनियर एडवोकेटस के लिए नौ फीट गुना 12 फीट (अलग से अटैच कीचन व टॉयलेट भी) के 76 चेंबर बनाये गये हैं. अन्य एडवोकेटस के लिए 11 फीट गुना 12 फीट का चेंबर बनाया गया है. एडवोकेटस के बैठने के लिए दोनों ब्लॉक में एक-एक बड़ा हॉल बनाया गया है, जिसमें टेबल-कुर्सी सहित 2000 एडवोकेट्स के बैठने की पूरी व्यवस्था रहेगी. एक हॉल में 1000 एडवोकेट्स बैठेंगे. चेंबर कक्ष और हॉल का फिनिशिंग कार्य हो चुका है. टेबल-कुर्सियों को लगाने का काम चल रहा है. अग्नि से बचाव के लिए फायर फाइंटिंग लगा दी गयी है.
सौर ऊर्जा पैनल लगा
बिल्डिंग के अंदरूनी हिस्से में बिजली वायरिंग, फायर फाइटिंग, पानी का कनेक्शन आदि के कार्य पूरे हो चुके हैं. सोलर पैनल भी लगाया गया है. इससे दो मेगावाट बिजली का उत्पादन होगा. वहीं बिजली आपूर्ति के लिए एक अलग सबस्टेशन बनाया गया है.
एजी ऑफिस भी बन कर तैयार
नयी बिल्डिंग में एडवोकेट जनरल (एजी) कार्यालय में फिनिशिंग का काम पूरा हो गया है. इसे अंतिम रूप दिया जा रहा है. यह ऑफिस एडवोकेट्स ब्लॉक के साथ में बनाया गया है. कोर्ट बिल्डिंग के साथ-साथ एजी ऑफिस को भी तैयार किया गया है. इसमें एडवोकेट जनरल का ऑफिस, चेंबर, लाइब्रेरी और गवर्नमेंट एडवोकेट्स के बैठने की व्यवस्था रहेगी. फिलहाल बचा हुआ फिनिशिंग कार्य चल रहा है.
नये भवन में न्यायाधीशों के लिए अलग से लाइब्रेरी की व्यवस्था की गयी है. इसमें कानून से संबंधित लगभग पांच लाख किताबों को रखने की आधुनिक व्यवस्था की गयी है. यहां पर अलग-अलग स्थान पर सोफा व टेबल लगाये गये हैं.
पूरे परिसर में 20 से लेकर 60 वर्ष तक पुराने बोनसाई के पौधे लगाये गये हैं. ये फाइकर्स बोनसाई के पौधे हैदराबाद के राजमुंदरी से मंगाये गये हैं. ये बोनसाई के पौधे सेरोमोनियल रैंप के अलग-अलग-बगल व सामने लगाये गये हैं. वहीं एक पौधा मुख्य न्यायाधीश के प्रवेश द्वार के पास लगाये गये हैं.
विभिन्न प्रजातियों के पौधे
कैंपस में तीन लाख वर्ग फीट में विभिन्न प्रजातियों के लगभग 2000 पौधे लगाये गये हैं. इसमें नीम, आम, पीपल, बरगद, पॉम ट्री के साथ 400 प्रकार के पौधे लगाये गये हैं. वहीं ओपेन स्पेस में गमला में रखे गये पौधे वातावरण को हरा-भरा बना रहे हैं. यह पौधे कोलकाता से मंगाये गये हैं.
कैंपस के मुख्य द्वार के सामने सेरेनोनियल रैंप बनाया गया है. जहां से सीधे हाईकोर्ट के मुख्य भवन में प्रवेश किया जा सकता है. लेकिन यह रैंप विशेष अवसर पर ही खोला जायेगा. रैंप के बगल में दोनों ओर फाउंटेन बनाये गये हैं.
डिस्पेंसरी, बैरक व यूटिलिटी भवन के साथ दो टाइपिस्ट भवन
कैंपस के अंदर डिस्पेंसरी, बैरक व यूटिलिटी भवन के साथ दो टाइपिस्ट भवन भी बनाये गये हैं. टाइपिस्ट भवन में 800 टाइपिस्ट के बैठने की व्यवस्था की गयी है.
बिल्डिंग में 400 टन की सेंट्रलाइज एसी
हाईकोर्ट बिल्डिंग के अंदरूनी हिस्से के तापमान को नियंत्रित करने के लिए सेंट्रलाइज वातानुकूलित (एसी) प्लांट बनाया गया है. यह 400 टन का है. फिलहाल एडवोकेट्स ब्लॉक में एसी का प्रावधान नहीं है.
32 लिफ्ट, दो स्केलेटर
ग्रीन बिल्डिंग में 32 लिफ्ट लगाये गये हैं. लिफ्ट में एक बार 13 व्यक्ति जा सकेंगे. कोर्ट रूम जाने के अलावा एडवोकेटस ब्लॉक और एजी ऑफिस में भी लिफ्ट है. कोर्ट रूम में जाने के लिए दो स्केलेटर भी लगाये गये हैं. एक ग्राउंड फ्लोर पर और दूसरा प्रथम तल पर लगाया गया है.
इको फ्रेंडली ग्रीन बिल्डिंग की कई विशेषताएं हैं. विशेष कार्य प्रमंडल के तत्कालीन कार्यपालक अभियंता पीके सिंह ने बताया कि पूरी बिल्डिंग की बाहरी दीवार आग, जल और ध्वनि प्रदूषण से सुरक्षित है. बाहरी दीवार के निर्माण में ओड़िशा के कटम में निर्मित एएसी ब्लॉक का उपयोग किया गया है. दो ब्लॉक के बीच में रॉकूल दिया गया है. इस कारण बिल्डिंग के अंदर व बाहर के तापमान में हमेशा अंतर रहेगा. यह बिल्डिंग पूरी तरह से इको फ्रेंडली है.