गुमला, जगरनाथ पासवान : पैरा थ्रो बॉल प्रतियोगिता भारत-नेपाल में देश के लिए गोल्ड मेडल जीतने वाली दिव्यांग असुंता टोप्पो आर्थिक संकट से जूझ रही है. इस कारण 27 से 31 जुलाई, 2023 तक मलेशिया में होने वाले पैरा थ्रो बॉल प्रतियोगिता में चयन होने के बाद भी जाने में असमर्थ है.
दिव्यांग खिलाड़ी असुंता ने बताया कि उसका चयन मलेशिया में हो रहे पैरा थ्रो बॉल प्रतियोगिता के लिए हुआ है. लेकिन, मलेशिया खेलने जाने के लिए रजिस्ट्रेशन कराने में 66 हजार रुपये का खर्च आ रहा है, जो उसके पास नहीं है. गुरुवार को अंसुता गुमला पहुंची और डीसी से मुलाकात कर मदद की गुहार लगायी है.
बता दें कि असुंता टोप्पो एक पैर से दिव्यांग है. माता-पिता की मौत के बाद आर्थिक तंगी में जी रही है. विकलांग पेंशन 1000 रुपये मिलता है. बड़ी बहनों के आर्थिक सहयोग से असुंता ने पीजी की पढ़ाई पूरी की.
Also Read: झारखंड : 7 साल में भी नहीं बन पायी डेढ़ किलोमीटर सड़क, पश्चिमी सिंहभूम के तिलोपेदा गांव का हालइस संबंध में जिला बीस सूत्री सदस्य सुशील दीपक मिंज ने कहा कि हमारे क्षेत्र के बच्चों में प्रतिभा की कमी नहीं है. अपनी मेहनत एवं काबिलियत के दम पर क्षेत्र के बच्चों ने कई कीर्तिमान हासिल किये हैं. उन्हीं में एक चैनपुर प्रखंड के छतरपुर गांव की बेटी असुंता टोप्पो भी है. जिसने विकलांगता को बाधक ना बनने देकर खेल के प्रति अपने जुनून से देश के लिए गोल्ड मेडल जीता है.
उन्होंने कहा कि ऐसे प्रतिभावान खिलाड़ियों के समक्ष आर्थिक संकट बन जाना काफी दुख का बात है. उन्होंने प्रशासन से असुंता को आर्थिक सहयोग देने की मांग की, ताकि वह मलेशिया में होने वाले पैरा थ्रो बॉल प्रतियोगिता में भाग लेकर देश एवं झारखंड का नाम रोशन कर सके.