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PHOTOS: बहरागोड़ा में मरीज को ठेला से अस्पताल पहुंचा रहे परिजन, कई जिलों में काम पर लौटे एंबुलेंस कर्मी

झारखंड में अपनी मांग को लेकर डायल 108 एंबुलेंस सेवा के कर्मी हड़ताल पर हैं. इसका असर पूर्वी सिंहभूम के बहरागोड‍़ा में देखने को मिला. यहां मरीज को उसके परिजन ठेला से अस्पताल पहुंचाने को मजबूर हैं. हालांकि, कई जिलों में एंबुलेंस कर्मियों का हड़ताल खत्म भी होने लगा है.

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मरीज को ठेला से अस्पताल पहुंचा रहे परिजन

Jharkhand News: पूर्वी सिंहभूम जिला अंतर्गत बहरागोड़ा में दो अगस्त, 2023 से एंबुलेंस चालकों की हड़ताल से मरीजों की मुश्किलें बढ़ गयी हैं. मरीज प्राइवेट एंबुलेंस व दूसरी गाड़ियों के भरोसे हैं. यहां तक की मरीजों को परिजन टॉली के सहारे अस्पताल पहुंचाने को विवश हैं. बहरागोड़ा के 12 एंबुलेंस कर्मचारी दो अगस्त से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं. बहरागोड़ा के एंबुलेंस चालक कानू बेरा, गौरांग प्रधान, सत्य किंकर घोष, अर्जुन दास, देबू राणा, नर्सिंग टुडू व इमरजेंसी मेडिकल टेक्नीशियन सरोज नाथ, मनोज घोष, विश्वजीत प्रधान, राकेश कुमार, ऋषि सिंह, विशाल सिंह ने कहा कि पांच माह से वेतन का भुगतान नहीं किया गया. इससे हमलोग आर्थिक रूप से परेशान हैं.

पिता को छोटा हाथी से पहुंचाया अस्पताल : चंडी दास

बरसोल के चंडी दास ने बताया कि पिता को सांस लेने में परेशानी हो रही थी. उन्होंने 108 एंबुलेंस को फोन किया. लेकिन सुविधा नहीं मिलने के कारण उन्हें निजी छोटा हाथी गाड़ी में अस्पताल लाना पड़ा. सामान्य गाड़ियों में ऑक्सीजन सपोर्ट नहीं रहने के कारण पिता को काफी परेशानी हुई.

बहरागोड़ा अस्पताल में एंबुलेंस नहीं : डॉ उत्पल

बहरागोड़ा प्रखंड चिकित्सा पदाधिकारी डॉ उत्पल मुर्मू ने बताया कि अस्पताल में मरीजों की सेवा के लिए एंबुलेंस मौजूद नहीं है. इससे जिला को अवगत करा दिया गया है. एंबुलेंस चालकों की समस्या का मामला राज्य स्तर का है.

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बोकारो : तीन माह का मानदेय मिलने पर एंबुलेंस चालकों की हड़ताल खत्म

बोकारो जिला में चिकित्सा हेल्थ केयर लिमिटेड के तहत 108 एंबुलेंस चालक व इमरजेंसी मेडिकल तकनीशियन की चल रही अनिश्चितकालीन हडताल सकारात्मक वार्ता के बाद समाप्त हो गयी. जून तक तीन माह का मानदेय भुगतान किया गया. साथ ही दो माह का भुगतान जल्द करने का आश्वासन दिया गया. इसके अलावा नयी कंपनी ईएमआरआई ग्रीन में सभी के समायोजन की शुरुआत की गयी. यह सब चिकित्सा हेल्थ केयर (108 एंबुलेंस सेवा) के जिला प्रबंधक अभिषेक किशोर के प्रयास से हुआ. हडताल में 21 एंबुलेंस के 84 चालक व इमरजेंसी मेडिकल तकनीशियन (ईएमटी) शामिल थे. तीन माह का मानदेय मिलने पर राजेश कुमार, पंकज कुमार सिंह, अमित कुमार, गौतम कुमार, युधिशिष्ठर सिंह, संतोष महतो, सुरेश कुमार, सुशील, सुशील कुमार, घनश्याम, खुर्शीद अंसारी, लाल मोहम्मद अंसारी, अमीनुद्दीन अंसारी, राज किशोर टुडू, दीपांशु रंजन सहित अन्य कर्मियों में हर्ष का माहौल है. सिविल सर्जन डॉ दिनेश कुमार व सदर उपाधीक्षक डॉ अरविंद कुमार ने सभी से जल्द काम शुरू करने की बात कही है.

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देवघर जिले को डायल 108 की मिली 11 नयी एंबुलेंस, मरीजों को मिलेगी सुविधा

मरीजों को स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए देवघर जिले को 11 नयी डायल 108 एंबुलेंस मिली है. शनिवार देर रात तक सभी वाहन सदर अस्पताल पहुंच गये. जिले में अब इस एंबुलेंस की सेवा एमरी ग्रीन हैल्थ सर्विसेस कंपनी देगी. राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अपर अभियान निदेशक के आदेश के बाद वाहनों का संचालन करने वाली पुरानी कंपनी ने एमरी ग्रीन हेल्थ सर्विसेस कंपनी को सभी 12 एंबुलेस हैंडओवर कर दी है. सिविल सर्जन डॉ रंजन सिन्हा और डीपीएम नीरज भगत की उपस्थिति में दोनों कंपनियों के प्रतिनिधियों ने हैंड ओवर किया. इस दौरान कंपनी के प्रोजेक्ट मैनेजर अनुराग चतुर्वेदी ने बताया कि पुरानी कंपनी की समय सीमा पूरा होने के बाद नये कंपनी को संचालन करने की अनुमति दी गयी है. इधर, अपनी मांगों को लेकर हड़ताल पर चल रहे डायल 108 एंबुलेंस के चालक व पारा मेडिकल कर्मी काम पर लौट गये हैं. एंबुलेंस का संचालन दूसरी कंपनी एमरी ग्रीन हेल्थ सर्विसेस कंपनी की ओर से 108 एंबुलेंस चालकों और पारा मेडिकल कर्मियों को सिविल सर्जन के आदेशानुसार सभी चालकों काे रख लिया गया है. साथ ही उनकी नयी मांगें नयी कंपनी के साथ मान ली गयी है. इसके बाद सभी एंबुलेंस चालक और पारा मेडिकल कर्मी हड़ताल को समाप्त कर दूसरी कंपनी के साथ नये सिरे से काम करने के लिये तैयार हो गये हैं.

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धनबाद में काम करने लगा टोल फ्री नंबर

डायल 108 एंबुलेंस संचालन के लिए बहाल नयी एजेंसी ईएमआरआई ग्रीन की देखरेख में धनबाद जिले में एंबुलेंस सेवा शुरू कर दी गयी. पुरानी एजेंसी जिकित्था हेल्थकेयर लिमिटेड से हैंडओवर-टेकओवर लेने की सारी प्रक्रिया पूरी करने के बाद जिले में एंबुलेंस सेवा शुरू कर दी गयी. कोर्ट रोड स्थित सदर अस्पताल परिसर में खड़ी सभी एंबुलेंस को विभिन्न प्रखंडों में भेज दिया गया. सिविल सर्जन डॉ चंद्रभानू प्रतापन ने बताया कि शनिवार शाम पांच बजे से टोल फ्री नंबर काम करने लगा है. बता दें कि जिले में चार दिनों से 108 एंबुलेंस सेवा ठप थी. बकाये वेतन की मांग को लेकर पुरानी एजेंसी में कार्यरत कर्मी हड़ताल पर थे. हालांकि, पुरानी एजेंसी के सभी कर्मियों को नयी में बहाल कर लिया गया है.

सड़कों पर उतारी गयीं 25 एंबुलेंस

बता दें कि पुरानी एजेंसी जिले में 27 एंबुलेंस का संचालन करती थी. सभी एबुलेंस राज्य सरकार द्वारा मुहैया करायी गयी थी. इसमें 25 एंबुलेंस नयी एजेंसी को हैंडओवर किया गया है. दो एंबुलेंस वर्कशॉप में है. इस कारण दो एंबुलेंस से सेवा शुरू होने में वक्त लगेगा. इसके अलावा नयी एजेंसी ने एक दर्जन से ज्यादा नयी एंबुलेंस जिले में उतारी है. सभी एंबुलेंस बेसिक लाइफ स्पोर्ट से लैसे हैं. आने वाले समय में जिले में 35 एंबुलेंस मरीजों को अस्पताल पहुंचाने में सेवा देगी.

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गिरिडीह में कंपनी से वार्ता के बाद एंबुलेंस कर्मियों की हड़ताल खत्म

गिरिडीह में कंपनी के प्रतिनिधियों से वार्ता के बाद डायल 108 एंबुलेंस सेवा के करीब 125 अनुबंध कर्मियों का सात अगस्त से चल रही हड़ताल खत्म हो गयी. सिविल सर्जन डॉ एसपी मिश्रा ने हड़ताल समाप्त कराने में पहल की. इधर, माले के विधानसभा प्रभारी राजेश सिन्हा ने इसमें साथ दिया. इससे कर्मियों में खुशी थी और माले के प्रति आभार जताया. मालूम हो कि पिछले पांच महीने से 125 कर्मियों को मानदेय नहीं दिया गया था. हड़ताल के बाद कुछ पैसे कर्मियों को मिला है. वहीं, पिछली कंपनी जेड एचएल ने बगैर पैसा दिये काम कराया था. इस कारण सभी कर्मी हड़ताल पर गये. चार दिन पूर्व कर्मियों ने माले के विधानसभा प्रभारी राजेश सिन्हा को भी समाहरणालय के सामने ज्ञापन दिया था. माले के टीम में जमुआ के माले नेता अशोक पासवान, पूर्व जिला परिषद मनोवर हसन बंटी, माले नेता असगर अली आदि भी शामिल थे. जब, बात नहीं बनी तो फिर से चैताडीह हॉस्पिटल में फिर से माले नेता को बुलाया गया. नयी कंपनी जीवीकेआइएमआरआई ने शर्त रख दी थी कि रजिस्ट्रेशन फी देना होगा. तब जाकर माले नेता ने कंपनी के लोगों को चेतावनी दी और पचंबा तथा मुफस्सिल थाना प्रभारी को सूचित किया. इसके बाद रजिस्ट्रेशन फी को रद्द कर दिया गया. मौके पर संगठन के नेता बबलू ताती, मनोज वर्मा, संतोष वर्मा, विकास वर्मा, नंदलाल, रितेश, प्रदीप, राजेश, प्रवीण आदि मौजूद थे. सभी ने कार्य पर लौटने की सहमति प्रदान की.

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