देवघर में टोटो व ई-रिक्शा वाले शहर की यातायात व्यवस्था को बिगाड़ रहे हैं. इन्हें न तो यातायात नियम की जानकारी है और न ही यातायात नियम का पालन करना चाहते हैं. इसकी बानगी शहर के मुख्य चौक-चौराहों पर देखी जा सकती है. सड़कों पर बेतरतीब पार्किंग करना, सवारी बैठाने के लिए बीच सड़क पर टोटो खड़े कर देना, कहीं से भी अचानक टोटो को मोड़ देना, कहीं भी अवैध स्टैंड बनाकर यातायात बाधित करना शहरवासियों के लिए सिरदर्द बन गया है.
हद तो यह है कि देवघर-जसीडीह पथ पर चलने वाले अधिकांश टोटो वाले बैटरी बचाने के लिए रात में अक्सर हेडलाइट बुझाकर चलते हैं, जिससे कभी भी बड़ी दुर्घटना हो सकती है. इसके अलावा नियम के विरुद्ध देवघर से बासुकिनाथ व सारवां तक भी अब टोटो चलने लगे हैं. टोटोवालों की मनमानी से शहर में रोजाना जाम लग रहा है और लोगों को परेशानी उठानी पड़ रही है.
इसके अलावा टोटो वाले ओवरलोड यात्री बैठाकर आते-जाते हैं. अधिकांश टोटो व ई-रिक्शा बिना रजिस्ट्रेशन के शहर में चल रहे हैं. शहर में करीब तीन हजार टोटो व ई-रिक्शा चल रहे हैं. परिवहन विभाग के आंकड़ों के मुताबिक दो साल में 1887 टोटो का ही रजिस्ट्रेशन हुआ है. 19 जुलाई 2021 से 18 जुलाई 2023 तक 1884 ई-रिक्शा (पी) 13 ई-रिक्शा विथ कार्ट (जी) का देवघर में रजिस्ट्रेशन हुआ है. इनके रजिस्ट्रेशन या सही संख्या जानने के लिए न तो परिवहन विभाग ने कोई कदम उठाया है और न ही पुलिस विभाग ने अभियान चलाया है. इनके सड़क पर चलने के संबंध में भी कोई नियम लागू नहीं किया गया है. ई-रिक्शा चालकों के लिए तो ड्राइविंग लाइसेंस भी अनिवार्य नहीं है. ऐसे में ई रिक्शा चालक के परिवार में जिसके मन में आता है, चाहे वह नाबालिग क्यों न हों, वे ई-रिक्शा लेकर शहर में निकल पड़ते हैं. इससे यातायात व्यवस्था और बिगड़ रही है. इनकी वजह से शहर में जगह-जगह जाम लग रहा है.
टावर चौक से अक्सर रांग साइड में टोटो लेकर घुसते-निकलते टोटो वाले देखे जा सकते हैं. ऐसे में यह इनकार नहीं किया जा सकता कि ये टोटो सड़कों पर दुर्घटना की एक बड़ी वजह बन रहे हैं. श्रावणी मेला की यातायात व्यवस्था को लेकर हुई बैठक में मेला क्षेत्र में 15 नो इंट्री जाेन घोषित किये गये थे. नो-इंट्री जोन में ऑटो व टोटो (ई-रिक्शा) को भी चलने पर पाबंदी थी. टावर चौक से आजाद चौक, आजाद चौक से बड़ा बाजार, आजाद चौक से शिक्षा सभा चौक, शिक्षा सभा चौक से लक्ष्मीपुर चौक, लक्ष्मीपुर चौक से शिवगंगा चौक, डोमासी गली, होटल सीता से श्मशान घाट होते शिवगंगा तक, संपूर्ण बीएन झा पथ, जलसार रोड से सनवेल बाजार होते शिवगंगा तक, होटल भारती से मानसिंघी तक, मानसिंघी से मंदिर तक, हरिहरबाड़ी शयनशाला गली, सत्संग चौक से सर्कुलर रोड समाहरणालय, डीसी व डीडीसी आवास तक, भुरभुरा मोड़ सहित उसके आसपास के क्षेत्र व पालिका बाजार इलाके में ऑटो-टोटो के लिए नो इंट्री थी. बावजूद पहले फेज के श्रावणी मेले में इसका सख्ती से पालन नहीं कराया जा सका.
कई बार ऐसा भी देखा गया है कि एक हाथ से चालक टोटो चलाते हैं और दूसरे हाथ से मोबाइल पर बात करते चलते हैं. शहर में ई-रिक्शा और टोटो की संख्या लगातार बढ़ रही है. इनके लिए रूटों का कोई निर्धारण नहीं है. इससे यातायात व्यवस्था भी चरमरा रही है. देवघर में टावर चौक सहित सर्राफ स्कूल के समीप, प्राइवेट बस स्टैंड के समीप, थाना मोड़, सत्संग चौक, सारवां मोड़ और जसीडीह के चकाई मोड़ पर ई-रिक्शा व टोटो वाले अवैध स्टैंड भी बना लिये हैं. इन जगहों पर बेतरतीब खड़े होने की वजह से यातायात व्यवस्था बिगड़ती जा रही है और लोगों को जाम से जूझना पड़ रहा है. जाम से निजात दिलाने के लिए यातायात पुलिस के पास कोई ठोस योजना नहीं है और दावे भी खोखले साबित होते आये हैं.
देवघर में ई-रिक्शा व टोटो के करीब 30 डीलर हैं. परिवहन विभाग से इन सभी ने ट्रेड लाइसेंस ले रखा है. वहीं ई-रिक्शा व टोटो के तीन मैन्यूफेक्चरर भी हैं. तीनों का परिवहन विभाग से लाइसेंस निर्गत है. परिवहन विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक ई-रिक्शा का रजिस्ट्रेशन नहीं होता. रजिस्ट्रेशन सिर्फ टोटो का होता है. ई-रिक्शा का परिवहन विभाग से मॉडल पास कराना पड़ता है. ई-रिक्शा और टेंपो का रूट प्लान मार्गों के हिसाब से निर्धारित हो तो जाम से निजात मिल सकती है. यातायात पुलिस की लापरवाही की वजह से ई-रिक्शा और टेंपो चालक मनमानी करते हैं. परिवहन विभाग व यातायात पुलिस को जाम से निबटने के लिए टोटो और ई-रिक्शा के लिए ठोस योजना बनानी चाहिए.
लगातार अभियान चलता है. कुछ टोटो चालकों ने लाइसेंस बनवाया है. देवघर-जसीडीह पथ पर रात में बिना बत्ती के टोटो चलने का मामला संज्ञान में नहीं है. ऐसी जानकारी मीडिया से ही मिल रही है. उसकी भी जांच करायेंगे.शैलेंद्र कुमार रजक, डीटीओ, देवघर