Jharkhand News : झारखंड के सबसे ऊंचे लोध फॉल की खूबसूरती देख मन हो जायेगा गदगद, देखिए PHOTOS
Jharkhand News : झारखंड में मूसलाधार बारिश से प्रकृति खिल उठी है. जलप्रपातों का सौंदर्य निखर उठा है. राज्य के सबसे ऊंचे फॉल लोध जलप्रपात (143 मीटर) की रौनक बढ़ गयी है. इसका विहंगम दृश्य पर्यटकों को रोमांचित कर रहा है. लगातार बारिश से लातेहार जिले के महुआडांड़ के लोध फॉल की खूबसूरती और बढ़ गई है.
झारखंड-छत्तीसगढ़ सीमावर्ती क्षेत्र लातेहार जिले में झारखंड का सबसे ऊंचा जलप्रपात है. नाम है लोध जलप्रपात या बूढ़ा घाघ जलप्रपात. इसकी ऊंचाई 143 मीटर है. देशभर में इसका 21वां स्थान है. छत्तीसगढ़ के पठार क्षेत्र से बूढ़ा नदी प्राकृतिक सौंदर्य से परिपूर्ण सघन वनों, चट्टानों को पार करते हुए जब ऊंचाई गिरती है, तब इसकी धारा पर्यटकों का मन मोह लेती है.
झारखंड में मूसलाधार बारिश से प्रकृति खिल उठी है. जलप्रपातों का सौंदर्य निखर उठा है. राज्य के सबसे ऊंचे फॉल लोध जलप्रपात (143 मीटर) की रौनक बढ़ गयी है. लातेहार का लोध फॉल बूढ़ा घाघ नाम से भी प्रसिद्ध है. ये झारखंड समेत बंगाल के पर्यटकों के बीच काफी लोकप्रिय है. जलप्रपात वैसे तो हर मौसम में दर्शनीय हैं, लेकिन बरसात के मौसम में इसे देखना और रोमांचकारी हो जाता है. जंगल व पठार में जब बारिश होती है, तब तीन अलग-अलग जगह ऊंचाई से गिरती इसकी विशाल जलधारा पर्यटकों में रोमांच पैदा कर देती है.
लोध फॉल में बारिश खुलने के बाद पर्यटकों की भीड़ जुटने लगी है. नेतरहाट आने वाले पर्यटक लोध फॉल देखने पहुंच रहे हैं और जलप्रपात के विहंगम दृश्य को कैमरे, मोबाइल में कैद कर रहे हैं. लोध फॉल से जुड़े खूबसूरत पल को लोग कैमरे में कैद कर रहे हैं.
लातेहार का लोध फॉल महुआडांड़ प्रखंड से 17 किमी दूर है. नेतरहाट से 62 किमी की दूरी पर है. लातेहार से 107 किमी की दूरी पर है. रांची से 217 किमी और मेदिनीनगर से 117 किमी दूर है.
लातेहार के महुआडांड़ से लोध फॉल तक 2018 में टू लेन सड़क का निर्माण किया गया है. महुआडांड़ से उत्तर-पश्चिम दिशा में अवस्थित यह जलप्रपात राज्य का सबसे ऊंचा जलप्रपात है. बूढ़ा नदी पर अवस्थित होने के कारण इसे बूढ़ा घाघ भी कहते हैं.
तस्वीरें : वसीम अख्तर, महुआडांड़, लातेहार