खतियानी जाेहार यात्रा : BJP पर हमलावर रहे CM हेमंत सोरेन, कहा- अभ्रक उद्योग के लिए नया कानून जल्द
कोडरमा से सीएम हेमंत सोरेन ने खतियानी जोहार यात्रा के दूसरे चरण की शुरुआत की. इस मौके पर उन्होंने बीजेपी पर जमकर निशाना साधा. कहा कि 20 साल में बीजेपी ने राज्य को अलग पहचान नहीं दिला पायी. कहा कि भाजपा ने सिर्फ लड़ाया है. हम पहचान दिला रहे हैं. इस यात्रा का अगला पड़ाव 18 जनवरी को गिरिडीह में है.
खतियानी जोहार यात्रा के दूसरे चरण की शुरुआत मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने मंगलवार को कोडरमा से की. यहां के बागीटांड स्टेडियम में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सीएम जहां पूरी तरह भाजपा पर हमलावर रहे, वहीं अपने सरकार की उपलब्धियां गिनाते हुए भविष्य की योजनाओं को सामने रखा. सीएम श्री हेमंत ने कहा कि भाजपा ने राज्य अलग होने के बाद 20 वर्ष में 18 वर्ष से ज्यादा समय तक राज किया, पर झारखंडियों को पहचान नहीं दिला पाये. भाजपा ने सिर्फ जाति, धर्म, हिंदू मुस्लिम के नाम पर लोगों को लड़ाया है और लड़ा रही है, पर हमारी सरकार ने झारखंडियों के लिए खतियान आधारित पहचान दिलाने का काम किया है.
जल्द आएगा अभ्रक उद्योग को लेकर नया कानून और नीतिअपने संबोधन की शुरुआत ही खतियानी जोहार के साथ करते हुए हेमंत ने कहा कि राज्य के युवाओं को न रोजगार के लिए चिंता करनी है और न बच्चों को भविष्य की पढ़ाई के लिए. सरकार सभी के लिए व्यवस्था कर रही है. कोडरमा और गिरिडीह जिले के अभ्रक उद्योग को लेकर सीएम ने कहा कि कोडरमा में सबसे उच्च क्वालिटी का माइका मिलता था, पर आज इसकी क्या स्थिति है. पूर्व की सरकारों ने इस मामले में कुछ नहीं किया. हम बहुत जल्द इस उद्योग की रौनक लौटाएंगे. सरकार बहुत जल्द अभ्रक उद्योग को लेकर नया कानून और नीति लाने जा रही है. अभी ढिबरा चुनने से लेकर परिवहन करने पर पुलिस पकड़ लेती है, लोगों को केस मुकदमा, कोर्ट कचहरी का चक्कर लगाना पडता है. नया कानून बनने के बाद केस मुकदमा कुछ नहीं होगा. इस व्यवसाय को पुनर्जीवित किया जाएगा.
सीएम श्री सोरेन ने कहा कि राज्य अलग हुए 20 वर्ष बीतने के बाद भी कौन मूलवासी है, इसकी पहचान नहीं हुई. यही वजह है कि मूलवासी के हक और अधिकार की लूट-खसोट हुई. खतियानी जोहार का मतलब ही हमारी पहचान है. भारत में हम झारखंडी कैसे हैं इसकी पहचान जरूरी है. इसे ध्यान में रखते हुए 1932 का खतियान लागू किया गया है. कुछ अधिकार विशुद्ध रूप से राज्यवासियों का है. कई राज्य अपनी पहचान के लिए कानून बना चुके हैं, तो हम क्या न करें. कहा कि जो खतियानी वहीं झारखंडी है. थर्ड और फोर्थ ग्रेड की नौकरी सौ प्रतिशत स्थानीय को मिले यह नियम हमने बनाया है.
Also Read: Jharkhand News: CM हेमंत सोरेन की खतियानी जोहार यात्रा कोडरमा में आज से शुरू, सभी तैयारियां पूरी सोची समझी साजिश के तहत राज्य को पीछे छोड़ाभाजपा पर निशाना साधते हुए सीएम ने कहा कि विडंबना है कि इंसान ही इंसान का दुश्मन है. गरीब, कमजोर, आदिवासी पिछड़ा का दुश्मन पूंजीपति है. ये सोचते हैं कि गरीब मजबूत हुआ, तो इनके घर में बर्तन कौन धोयेगा, दाई, ड्राइवर कौन रहेगा. इनके यहां खेतीबाड़ी कौन करेगा. विपक्षी भाजपा दुनिया का बड़ा दल तो अपने आप को कहती है, पर यह समझ नहीं आता कि गुजरात, महराष्ट्र, दिल्ली को इन्होंने आगे बढ़ाया. लेकिन, झारखंड को पीछे छोड़ दिया. कौन-सा घुन लगा जो राज्य पिछड़ गया, भाजपा ने सोची समझी साजिश के तहत राज्य को पीछे किया. कल कारखानों को बंद करा दिया. दिवालिया करवा दिया.
भाजपा को पहले महंगाई डायन लगती थी, अब भौजाई नजर आ रहीउन्होंने महंगाई के मुद्दे पर केंद्र व भाजपा को घेरा. कहा कि पहले इन्हें महंगाई डायन लगती थी. सड़क पर कूदकर छाती फाड़कर चिल्लाते रहते थे कि महंगाई आसमान छू रही है. अब महंगाई जमीन छू रहा है क्या. पांच का प्लेटफार्म टिकट पचास का. पांच का नमक 50 का. पेट्रोल-डीजल सौ के पार. सरसों तेल, रसोई गैस सब महंगा. थाली में से पहले सब्जी, फिर दाल और अब चावल भी गायब कर दिया. अब खाइए क्या खाइएगा. अब महंगाई इनको भौजाई नजर आ रही है.
एफसीआई ने नहीं दिया अनाज, बाजार से खरीदना पड़ासीएम श्री सोरेन ने कहा कि डबल इंजन सरकार का चेहरा यह था कि 11 लाख राशन कार्ड खत्म कर दिया. हमने 20 लाख नया राशन कार्ड बनााया. कोई भूखा न रहे इसके लिए हम अनाज देना चाहते हैं, पर केंद्र और एफसीआई पैसे देने के बावजूद अनाज नहीं दे रहा है. मजबूरी में अब बाजार से अनाज की खरीदारी की गई है. बहुत जल्द हरा राशन कार्ड वालों को भी चावल दिया जाएगा.
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