विभिन्न संगठनों द्वारा पूजा करने वालों को पूजन सामग्री और आम की लकड़ी देकर मदद की गई. इस अवसर पर पलामू चेंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज के माध्यम से भी कोयल तट पर छठ पूजन सामग्री का वितरण किया गया. मुख्य अतिथि मेदिनीनगर की प्रथम मेयर अरुणा शंकर ने जरूरतमंदों को नि:शुल्क पूजन सामग्री देते हुए सभी को छठ को शुभकामनाएं दीं.
छठ के अवसर पर मेदिनीनगर शहर के तमाम कपड़ा दुकान छठ के रंग में डूबकर लाल पीले हो गए. चारों तरफ सिर्फ इन्ही रंगों के कपड़े दिख रहे थे. कपड़ा दुकानदारों ने बताया कि छठ के लिए पीला या लाल साड़ी 200 रुपए से 1200 रुपए तक में बिके. इससे अधिक 3500 रुपए भी साड़ी बिकी, पर ऐसे खरीदने वाले चंद लोग ही थे. धोती 125 रुपए से 400 रुपए तक में बिकी.
छठ में अर्घ देने के लिए पीतल के सूप, लोटा और कलस की भी डिमांड रही. इसे देखते हुए इन बर्तनों के दुकानों में भी अच्छा खासा व्यवसाय हुआ. बर्तन दुकानदारों ने बताया कि पीतल के बर्तन किलो पर बिकते हैं और आज के दिन 400 रुपए से 600 रुपए तक के रेंज में किलो के हिसाब से पीतल के बर्तन बिके.
छठ के दऊरा में रहने वाली मुख्य सामग्री मिट्टी के पंचमुखी दीये होते हैं. कुम्हारों ने छठ के मौके पर शहर के बाजार में अपनी दुकान लगायी और मिट्टी के पंचमुखी दीये समेत अन्य सामान बेचे. उनके मुताबिक मिट्टी का एक पंचमुखी दिया की डिमांड सबसे अधिक रही. इसका मूल्य 60 रुपए से 110 रुपए तक रहा.
छठ पूजा की प्रमुख सामग्री सूप-दऊरा दुकान में सबसे अधिक भीड़ देखी गई. मेदिनीनगर बाजार में एकहारा और दोहरा दौरा बिकी. इसकी कीमत 150 से 300 रुपए तक रही. उसी तरह सूप की कीमत 150 से 400 रुपए तक रही. इसके अलावा बांस का बना हुआ झाड़ू और पंखा की भी बिक्री हुई.
छठ के दौरा सजाने में लगने वाले सुखा फल, नारियल आदि के दुकानों से पूरा बाजार पटा हुआ था. इन दुकानों में भी जमकर सामानों को बिक्री हुई. यहां पूजा में लगने वाले सभी सामानों को खरीदने में छठ व्रतियों को 200 से 500 रुपए तक खर्च करने पड़े.
छठ की खीर बनाने में इस्तेमाल होने वाले गुड़ की दुकानों में भी भीड़ देखी गई. स्थाई गुड़ पट्टी में तो दुकानें थी ही, साथ ही बाजार के अन्य इलाके में भी अस्थाई गुड़ दुकान लगायी गयी. इन दुकानों में भिन्न-भिन्न क्वालिटी के गुड़ 40 से 120 रुपए तक बिके.
छठ पूजा में उपयोग आने वाली अगरबत्ती, घी, दिया बत्ती, धूप, धुआं की दुकानों में भी काफी भीड़ रही. इन दुकानों को अच्छे तरीके से सजाया भी गया था .
छठ महापर्व में फलों का काफी महत्व है, पूजा के साथ साथ प्रसाद में भी फलों का उपयोग होता है. इसलिए छठ के मद्देनजर फलों की कीमत बढ़ी हुई थी. इन दुकानों में मुख्य रूप से सेव, केला, अनारस, संतरा, मौसंबी आदि मिल रहे थे.
सेव, केला आदि फलों के अलावा छठ में आलू बुखारा, अनारास, कच्चा बादाम, पानीफल, सिंघाड़ा, गड़ी आदि के दुकानों को भी ढंग से सजा कर रखा गया था. इन दुकानों को मुख्य सड़क के दोनों किनारे लगाया गया था.