बताया जा रहा है कि शुक्रवार की दोपहर ढाई बजे महेंद्र सिंह धोनी सड़क मार्ग से मुरगू गांव आये थे. यहां वे करीब 35 मिनट रुके. इस दौरान उन्होंने गांव की भौगोलिक बनावट भी देखी. उन्होंने मुरगू गांव का भ्रमण गाड़ी में बैठकर ही किया. इसलिए लोगों को यह पता नहीं चल सका कि धोनी आये हैं. मुरगू गांव पहुंचने पर मदन सिंह एवं उनके परिवार के सदस्यों ने महेंद्र सिंह धोनी का स्वागत किया. मुरगू पहुंचने पर वे सबसे कोयल नदी से एक किमी दूर स्थित खेत का मुआयना किया. वहां कुछ लोगों से फोटो भी खिंचवायी. इसके बाद वे मदन सिंह के घर में खाना खाकर फिर सड़क मार्ग से रांची लौट आये.
मदन सिंह ने प्रभात खबर को बताया कि महेंद्र सिंह धोनी कोयल नदी के समीप जमीन लेना चाहते हैं. इस क्षेत्र में कृषि को बढ़ावा देने की योजना है. इसके अलावा फार्म हाउस और कई प्रकार की योजना है. इसके लिए वे जमीन देखने पहुंचे थे. जमीन मेरी है. उन्होंने अभी जमीन देखी है. कुछ दिनों के बाद जमीन लेने पर सहमति बनेगी. मदन सिंह ने बताया कि मुरगू पहुंचने से पहले उन्होंने कहा कि किसी को आने की सूचना नहीं देनी है. इसलिए ज्यादा लोगों को धोनी के आने की सूचना नहीं मिल सकी.
महेंद्र सिंह धोनी लैंड रोवर गाड़ी से मुरगू गांव पहुंचे थे. वे गाड़ी के आगे की सीट पर बैठे थे. धोनी के गुमला आगमन की सूचना प्रशासन को नहीं दी गयी थी. बताया जा रहा है कि भीड़ से बचने के लिए धोनी चुपचाप पहुंचे और अपना काम करके वापस रांची लौट गये. बता दें कि मुरगू गांव वीर शहीद तेलंगा खड़िया का पैतृक गांव है, जहां धोनी ने जमीन खरीदने की योजना बनायी है, ताकि इस क्षेत्र की उर्वरा मिट्टी में खेती कर सकें और खेती को बढ़ावा दे सकें.
रिपोर्ट : दुर्जय पासवान, गुमला.