Monsoon 2023 News: अभी झेलनी होगी और गर्मी, जानें कब से होगी मॉनसून की बारिश
Monsoon 2023 Updates : अगले 24 घंटे के दौरान अरब सागर के ऊपर निम्न दबाव का क्षेत्र बनने की संभावना है. इस प्रणाली के बनने और इसके मजबूत होने तथा उत्तर की ओर बढ़ने से केरल तट की ओर दक्षिण-पश्चिम मॉनसून के बढ़ने पर असर पड़ सकता है. जानें मौसम विभाग की ओर से क्या दी गयी जानकारी
Monsoon 2023 Updates: देश के कई राज्यों में इस वक्त भीषण गर्मी पड़ रही है और लोग मॉनसून की बारिश का इंतजार कर रहे हैं. इस बीच आइए आपको मॉनसून की ताजा स्थिति के बारे में जानकारी देते हैं. बताया जा रहा है कि दक्षिण-पूर्व अरब सागर के ऊपर निम्न दबाव का क्षेत्र बनने और अगले दो दिनों में इसमें तेजी आने के चलते चक्रवाती हवाएं मॉनसून के केरल तट की ओर बढ़ने को गंभीर रूप से प्रभावित कर सकती हैं जिससे मॉनसून के आने में देरी हो सकती है. भारत मौसम विज्ञान विभाग की ओर से इस बाबत जानकारी दी गयी है. हालांकि, मौसम विभाग ने केरल में मॉनसून के आगमन की संभावित तारीख नहीं बतायी है.
मौसम विभाग की मानें तो दक्षिण अरब सागर के ऊपर पश्चिमी हवाओं में वृद्धि के साथ स्थितियां अनुकूल हो रही हैं. साथ ही, पश्चिमी हवाओं की गहराई धीरे-धीरे बढ़ती नजर आ रही है. यह पश्चिमी हवाएं औसत समुद्र तल से 2.1 किमी ऊपर तक चल रही हैं. वहीं, दक्षिण-पूर्व अरब सागर पर बादल का दवाब भी बढ़ रहा है. हम उम्मीद करते हैं कि केरल में मॉनसून की शुरुआत के लिए इन अनुकूल परिस्थितियों में अगले तीन-चार दिनों के दौरान और सुधार होगा. इसकी लगातार निगरानी की जा रही है. हालांकि, केरल तट के पास पिछले 24 घंटे में बादलों में कमी आयी है.
इसके अलावा, अगले 24 घंटे के दौरान अरब सागर के ऊपर निम्न दबाव का क्षेत्र बनने की संभावना है. इस प्रणाली के बनने और इसके मजबूत होने तथा उत्तर की ओर बढ़ने से केरल तट की ओर दक्षिण-पश्चिम मॉनसून के बढ़ने पर असर पड़ सकता है.
दक्षिण-पश्चिम मॉनसून आम तौर पर एक जून को केरल में दस्तक देता है. हालांकि, इस साल इसमें देरी होने की संभावना है. अनुमान है कि आठ जून तक केरल तट पर मॉनसून पहुंच सकता है. हालांकि, वैज्ञानिकों ने कहा कि मॉनसून की शुरुआत में इस देरी से देश में खरीफ की बुआई और कुल बारिश पर असर पड़ने की संभावना नहीं है.
मौसम विभाग ने पहले कहा था कि अल नीनो की स्थिति विकसित होने के बावजूद दक्षिण-पश्चिम मॉनसून के मौसम में भारत में सामान्य बारिश होने की उम्मीद है. उत्तर-पश्चिम भारत में सामान्य से कम बारिश होने की उम्मीद है. पूर्व और उत्तर पूर्व, मध्य और दक्षिण प्रायद्वीप में लंबी अवधि के औसत 87 सेंटीमीटर के हिसाब से 94-106% वर्षा होने की उम्मीद है.