मोटे अनाजों को ‘श्री अन्न’ का नाम दिया जाएगा, भारत को वैश्विक केंद्र बनाने के लिए हैदराबाद स्थित उत्कृष्टता केंद्र काम करेगा.
कृषि ऋण लक्ष्य वित्त वर्ष 2023-24 के लिए बढ़ाकर 20 लाख करोड़ रुपये किया गया. इसमें पशु पालन, दुग्ध उद्योग और मछली पालन पर ध्यान दिया जाएगा.
कृषि क्षेत्र को गति देने के लिये अलग से कोष बनाया जाएगा, नयी तकनीकी पर जोर होगा.
कपास के लिए सार्वजनिक-निजी भागीदारी कार्यक्रम के तहत योजना बनायी जाएगी.
पीएम किसान योजना के अंतर्गत 2.2 लाख करोड़ रुपये की नकदी का हस्तांतरण किया.
मोटा अनाज हमारे लिए ‘श्री अन्न’. इसके उत्पादन को बढ़ाया जायेगा.
ग्रामीण क्षेत्रों में कृषि स्टार्ट-अप्स के लिए ‘कृषि वर्धक निधि’ की स्थापना की जाएगी.
2,200 करोड़ रुपये के साथ ‘आत्मनिर्भर स्वच्छ पौध कार्यक्रम’ की शुरुआत की जाएगी.
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