बालासोर. ओडिशा में शुक्रवार को हुए भीषण रेल हादसे के बाद बालासोर जिला अस्पताल और सोरो अस्पताल में बड़ी संख्या में घायलों को लाया गया जिससे इन अस्पतालों के कमरे भर गये और गलियारों तक में मरीजों को रखा गया है. चिकित्सा कर्मचारियों को घायल यात्रियों की मदद करने की कोशिश करते देखा गया, जिनमें से कई ओडिशा के अलावा अन्य राज्यों से हैं और बात करने की स्थिति में नहीं हैं. शनिवार दोपहर तक करीब 526 घायलों को बालासोर जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है.
बालासोर जिला मुख्यालय अस्पताल में अतिरिक्त जिला चिकित्सा अधिकारी (एडीएमओ) डॉ. मृत्युंजय मिश्रा ने कहा, ‘‘मैं कई दशकों से इस पेशे में है, लेकिन मैंने अपने पूरे करियर में इस प्रकार की अफरा-तफरी की स्थिति नहीं देखी…. अचानक 251 घायलों को हमारे अस्पताल लाया गया और हम इसके लिए कतई तैयार नहीं थे. हमारे कर्मियों ने रातभर काम किया और सभी को प्राथमिक उपचार मुहैया कराया.’’
उन्होंने बताया कि इनमें से 64 मरीजों को कटक स्थित एससीबी चिकित्सकीय महाविद्यालय अस्पताल रेफर किया गया और अब ‘‘हमारे अस्पताल में 60 बिस्तरों पर मरीज हैं. अन्य को मामूली ऑपरेशन के बाद छुट्टी दे दी गई.’’ मिश्रा ने कहा, ‘‘हम यह देखकर वाकई हैरान है कि बड़ी संख्या में युवा रक्तदान करने यहां पहुंचे. हमने रातभर में करीब 500 यूनिट रक्त एकत्र किया. सभी का शुक्रिया. यह जीवन में एक बार होने वाला अनुभव है. अब चीजें सामान्य हैं.’’
अधिकारियों ने बताया कि पुलिसकर्मी और स्थानीय लोग स्वेच्छा से यहां और कई अन्य अस्पतालों में रक्तदान कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि दो हजार से अधिक लोग घायलों की मदद करने के लिए रात में बालासोर चिकित्सकीय महाविद्यालय एवं अस्पताल पहुंचे और कई ने रक्तदान भी किया. अस्पताल के मुर्दाघर में सफेद कफन में लिपटे शवों का ढेर लगा हुआ है, जिनमें से कई की अभी तक शिनाख्त नहीं हो पाई है.
अस्पताल के अधिकारियों ने बताया कि हादसे के शिकार हुए कई लोगों के रिश्तेदार अभी तक शहर नहीं पहुंच पाए हैं, क्योंकि प्रमुख रेल मार्ग पर दुर्घटना के कारण कई ट्रेन को रद्द कर दिया गया है, कई के मार्ग में परिवर्तन किया गया है और कई ट्रेन देरी से चल रही हैं. बालासोर अस्पताल में भर्ती जगदेब पात्रा ने बताया कि वह चेन्नई जा रहे थे. पात्रा के दोनों हाथों की हड्डियां टूट गई हैं.
पश्चिम बंगाल समेत कई राज्यों से आए लोग अपने लापता संबंधियों एवं मित्रों की तलाश में बालासोर अस्पताल और सोरो अस्पताल पहुंच रहे हैं. घायलों को बालासोर, सोरो, भद्रक, जाजपुर अस्पताल और कटक के एससीबी मेडिकल कॉलेज ले जाया गया है. कोरोमंडल एक्सप्रेस से चेन्नई जा रहे झारखंड के एक यात्री मुकेश पंडित ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा कि उन्हें ‘समझ नहीं आया कि हादसा कब हुआ और उन्हें होश में आने के बाद एहसास हुआ कि उन्हें बहुत दर्द हो रहा है.’
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने शनिवार को बताया कि राहत अभियान में मदद के लिए अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) भुवनेश्वर के चिकित्सकों को बालासोर और कटक रवाना किया गया है. मांडविया ने ट्वीट किया, “एम्स- भुवनेश्वर के चिकित्सकों के दो दल राहत अभियान में मदद के लिए बालासोर में ट्रेन दुर्घटनास्थल और कटक के उस अस्पताल के लिए रवाना किए गए हैं, जहां घायलों का इलाज किया जा रहा है.” उन्होंने कहा, “हम कीमती जिंदगियों को बचाने के लिए इस भीषण रेल दुर्घटना के पीड़ितों को सभी आवश्यक सहायता और चिकित्सकीय मदद मुहैया करा रहे हैं.”