राजश्री बैनर की आज रिलीज हुई फिल्म दोनों से अभिनेत्री पूनम ढिल्लों की बेटी पलोमा ढिल्लों इंडस्ट्री में अपनी शुरुआत करने जा रही हैं.राजश्री जैसे प्रोडक्शन से डेब्यू करने पर वह कहती है कि मुझे और मेरे माता-पिता को इस बात पर गर्व है. इस शुरूआत के बाद मैं बस इंडस्ट्री में रहना चाहती हूं और काम करना चाहती हूं. उर्मिला कोरी से हुई बातचीत
‘दोनों’ फिल्म कैसे आपको मिली ?
ऑडिशन के ज़रिये ही यह संभव हुआ. यह एक लंबी प्रक्रिया थी. निर्देशक अवनीश के पास यह स्क्रिप्ट काफी समय से है और वह निश्चित थे कि वह फिल्म में किरदारों के लिए किसे कास्ट करना चाहते हैं. उन्होंने कास्टिंग के लिए अपना समय लिया. मेरे ऑडिशन के 7 महीने बाद मुझे दोनों’ के लिए फाइनल कॉल आया था .
राजवीर और निर्देशक अवनीश के साथ अपने समीकरणों को कैसे परिभाषित करेंगी?
यह हमारी पहली फिल्म है. दोनों’हमने इस फिल्म के साथ एक खूबसूरत दोस्ती बनाई है. राजवीर सेट पर हमेशा खुशी और हंसी का माहौल बनाए रखता था. अवनीश एक ऐसे निर्देशक हैं जिनके साथ अनुभव बहुत अच्छा रहा है, पहले शॉट के बाद उन्होंने मुझे धन्यवाद देते हुए एक मैसेज भेजा था.
यह फिल्म आधुनिक प्रेम और रिश्तों के बारे में है, शादी के बारे में आपकी क्या राय है?
कुछ भी सही या गलत नहीं है. कुछ लोग अपना जीवन हमेशा के लिए साथ में शादी करके बिताना चाहते हैं और कुछ अकेले रहना चाहते हैं. निर्णय व्यक्तिगत है.
आपके माता-पिता दोनों ही इंडस्ट्री से हैं क्या बचपन से ही पता था कि अभिनय ही करना है ?
बिल्कुल नहीं. बचपन में मैंने कभी भी अभिनय के बारे में नहीं सोचा था.मेरा रुझान खेलों की ओर ज्यादा था मैं राष्ट्रीय स्तर पर फुटबॉल, हैंडबॉल खेल चुकी हूं.
तो खेल से अभिनय की ओर रुझान कब हुआ?
जब मैं कॉलेज में बीएमएम कर रही थी, तो मैंने एक नाटक किया था और मुझे उसे करने के बाद बहुत संतुष्टि महसूस हुई थी, जो मुझे खेल खेलते समय मिलती थी. यही वह समय था जब मैंने अभिनय करने के बारे में सोचा.
जब आपने अपने माता-पिता को अभिनय के फैसले के बारे में बताया तो उनकी क्या प्रतिक्रिया थी? ?
जब मैंने अपने माता-पिता से कहा कि मैं अभिनय करना चाहती हूं,तो उन्होंने शुरू में ही मुझे चेतावनी दी थी कि अभिनय आसान नहीं होता है, लेकिन एक बार जब उन्हें यकीन हो गया कि मैं अभिनय ही करना चाहती हूं, तो उन्होंने मेरा समर्थन किया है वे पहले भी मेरे सभी शौक में मेरा समर्थन करते रहे हैं, चाहे वह मेरे खेल के लिए हो या पेंटिंग के लिए.
पूनम ढिल्लों की बेटी होने का दबाव कितना है ?
यह दबाव नहीं बल्कि जिम्मेदारी है क्योंकि आप एक लेगीसी से आते हैं, आप अपना सर्वश्रेष्ठ देना चाहेंगे. आख़िरकार आप अपने काम से अपनी पहचान बनाना चाहते हैं. उम्मीद करती हूं कि जितना प्यार मेरी मां को दर्शकों से मिला है, उतना मुझे भी मिले.
अगर आपको अपनी मां की किसी फिल्म में काम करने का मौका मिले तो वह कौन सी फिल्म और किरदार होगा?
मुझे नहीं लगता कि मैं ऐसा कभी कर पाऊंगी. मैं अभी भी अपनी मां की सुंदरता, व्यक्तित्व से आश्चर्यचकित हूं. मुझे नहीं लगता कि मैं उनकी किसी भी फिल्म को छू सकती हूं. उन्होंने कई यादगार फिल्में की हैं.मैं खुद को अनावश्यक रूप से उसमें नहीं रखना चाहती हूं, क्योंकि मैं उनकी बेटी हूं.
आपकी मां की वह कौन सी सलाह है जिसे आप अपने साथ रखेंगी ?
वह 15 वर्ष की थीं तब उन्होंने अभिनय में अपनी शुरुआत की थी और उनका करियर बहुत अच्छा रहा था. उन्होंने मुझसे सिर्फ इतना कहा कि तुम्हें जो पसंद है वही करो और अपना सर्वश्रेष्ठ दो, खुश रहो. मैं बताना चाहूंगी कि मैं अपने माता-पिता से इंडस्ट्री के बारे में बात कम करती हूं. हमारी बातें रोजमर्रा की जिंदगी के बारे में ज्यादा होती है.
आमातौर पर कहा जाता है कि अभिनेताओं की निजी जिंदगी नहीं होती, क्या आप इस बदलाव के लिए तैयार हैं?
मैंने इस बदलाव को एक तरह से स्वीकार कर लिया है क्योंकि मैं जानती हूं कि अब आपकी निजी जिंदगी का पहले जैसा सम्मान नहीं किया जाएगा. ये ऐसी चीजें हैं, जो आप जानते हैं कि इस पेशे में है. मैं बस इंडस्ट्री में रहना चाहती हूं और काम करना चाहती हूं.
आपका नाम काफ़ी अलग है, आपके नाम का क्या अर्थ है?
पालोमा एक स्पैनिश शब्द है जिसका अर्थ है सफेद कबूतर जो शांति और स्वतंत्रता का प्रतीक है. मेरे माता-पिता ने यह नाम रखा है.
क्या आपकी राजश्री के साथ तीन फिल्मों की डील है?
मैं फ़िलहाल इस पर बात नहीं कर पाउंगी.