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खरसावां के तसर मैदान में कुड़मी समाज की ओर से रविवार को करम परब (करम उत्सव) का आयोजन किया गया. कार्यक्रम में पहुंचे AJSU सुप्रीमो सह पूर्व डिप्टी सीएम सुदेश महतो ने कहा कि भाषा, संस्कृति और परंपरा के साथ-साथ करम जैसे त्योहारों से ही हमारी पहचान है. करम हमारा मूल पर्व है. कहा कि हमें अपनी भाषा-संस्कृति को बचाए रखना है. हमारी संस्कृति में ही हमारा परिचय छिपा हुआ है, इसलिए विरासत में मिली सांस्कृतिक धरोहरों को बचाने की जरूर हैै.
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कुड़मी समाज की खरसावां-कुचाई ईकाई की ओर से आयोजित विराट करम परब में सांस्कृतिक करम नाच कार्यक्रम में सर्वप्रथम पारंपरिक विधिविधान, कुड़माली नेग-नेगाचारी के साथ करम-डाइर (शाखाओं) को अखड़ा में स्थापित किया गया. इसके बाद करम-डाइर (शाखाओं) की पूजा-अर्चना कर महिला और पुरुषों ने मांदर की थाप पर करम गीत गाकर ”जाउआ” की परिक्रमा करते हुए पारंपरिक नृत्य प्रस्तुत किया. सुदेश महतो समेत अन्य अतिथियों ने भी परिक्रमा किया. कार्यक्रम में खरसावां व कुचाई प्रखंड के 64 गांवों के लोग शामिल हुए. कार्यक्रम मुख्य रुप से पद्मश्री छूटनी महतो, हरेलाल महतो, सचिन महतो, आस्तिक महतो, विजय महतो, मांगीलाल महतो, रामनाथ महतो, डॉ जगदिश महतो, माकड़ महतो समेत काफी संख्या में लोग पहुंचे थे. बारिश के बावजूद भी काफी संख्या में लोग पहुंचे थे.
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मैट्रिक एवं इंटर की परीक्षा में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले कुड़मी समाज के विद्यार्थियों को प्रशस्ति पत्र एवं मोमेंटो देकर सम्मानित किया गया. मैट्रिक में दीपा महतो और संपती महतो तथा इंटर के मेनका महतो, उर्मिला महतो, रिंकी महतो, नमिता महतो को सम्मानित किया गया. साथ ही कुड़मालि विषय में परीक्षा में पास करने वाले लक्खीमनी महतो, हुलसी महतो, खुशबू, शुभदा, पुजा, शिल्पा, रानी, सुमिता, उर्मिला, अजय कुमार महतो को सम्मानित किया गया. कुड़मी समाज की ओर से ”करम-नृत्य” विषय पर आयोजित ऑनलाइन चित्रांकन प्रतियोगिता में सफल रहे तनुश्री एवं रितु रानी कुमारी को प्रशस्ति पत्र एवं मोमेंटो देकर सम्मानित किया गया. मंच का संचालन गुणधाम मुतरुआर एवं मनसा के द्वारा किया गया. कार्यक्रम को सफल बनाने में मुख्य रूप से अध्यक्ष श्यामलाल महतो, सचिव तिलक महतो, दयाल महतो, महेश्वर महतो, पंकज कुमार महतो, डॉ जगदीश महतो, ईश्वर महतो, रतन महतो, रूद्र प्रताप महतो, बबलू महतो, चिंतामणि महतो आदि ने महत्वपूर्ण भूमिका निभायी.
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करम महोत्सव पर झुमार सम्राट संतोष महतो एंड पार्टी ने अपने सुरीली झुमर गीतों से उपस्थित दर्शकों को जम कर झुमाया. झुमर कार्यक्रम की शुरुआत अखड़ा वंदना के साथ किया. इसके बाद संतोष महतो ने महिला कलाकार रूबी कुमारी के साथ युगलबंदी में कई एक कुरमाली झुमर गीत प्रस्तुत कर अतिथियों को नृत्य करने में विवश कर दिया. संतोष ने तसर बुनोली झोंपा झोंपा…, सावन-भादर मासे रिमी झिमी पानी खोंसे…,सुनो रे भाई बहीन करम एकादशी दिन…,हाते चुडी सांका दिबो काने ते पासा दिबो…, हामरा जे किसाने र बेटा हाल जोती खाय…, हांडिया टुकु दे गे रानी हल बाहिते जाबो…, ए गोरी चल गे टाटा जाबो, मनेर मोतोन मालपुआ टा तोके खावाबो…, नाचबो नाचाबो सारा हिंदुस्ताने करम नाच नाचाबो… जैसी कई गीतों से प्रस्तुत किया. संतोष महतो के पुत्र सुधांशु महतो, मिली महतो, दिपा महतो, मनसा महतो आदि ने भी कई गीत प्रस्तुत किए. इस दौरान संतोष और उनके पुत्र सुधांशु की जोड़ी ने एेसा समां बांधा कि पूरा मैदान तालियों की गड़गड़रहट से गूंज उठा और अतिथि भी झूमने लगे.
रिपोर्ट : शचिंद्र कुमार दाश, सरायकेला-खरसावां.