रक्षाबंधन के दिन जब आप भाई को राखी बांध रही हों तो वह पूर्व दिशा में मुंह करके बैठे. भगवान को प्रणाम कर भाई को रोली, चंदन और अक्षत का तिलक लगाकर उनकी आरती करें
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राखी बांधने के वक्त श्लोक रुपी मंत्र येन बद्धो बलिराज दानवेन्द्रो महाबलः। तेन स्वामापि बध्नामि रक्षे मा चल मा चल पढ़ते हुए भाई की कलाई पर राखी बांधे. इस मंत्र का अर्थ है कि जो रक्षा धागा परम कृपालु राजा बलि को बांधा गया था, वही पवित्र धागा मैं तुम्हारी कलाई पर बांधता हूं, जो तुम्हें सदा के लिए विपत्तियों से बचाएगा.
राखी बांधने के बाद भाई को मिठाई खिलाइए. इस मंत्र के साथ राखी बांधने से भगवान के आशीर्वाद से यह रक्षासूत्र उनके भावनात्मक संबंधों को मजबूत बनाने के साथ जीवन में खुशियों को लाता है.
येन बद्धो बलिरू राजा दानवेंद्रो महाबलरू। तेन त्वामपि बध्नामि रक्षे मा चल मा चल।
ॐ व्रतेन दीक्षामाप्नोति, दीक्षयाऽऽप्नोति दक्षिणाम् । दक्षिणा श्रद्धामाप्नोति, श्रद्धया सत्यमाप्यते ॥ इस मंत्र का जाप करते हुए भाई की कलाई में राखी बांधनी चाहिए.
राखी बांधने के नियम की बात करें तो राखी हमेशा भाई के दाएं हाथ में ही बांधनी चाहिए. राखी बांधते समय भाई के सिर पर कोई कपड़ा जैसे छोटा रूमाल जरूर रखें. भाई को तिलक जरूर करें और तिलक करके उस पर अक्षत लगाएं.
येन बद्धो बलि राजा, दानवेन्द्रो महाबलरू मंत्र का जाप करते समय भाई की कलाई पर राखी बांधने से भाई-बहन का रिश्ता बहुत अधिक मजबूत होता है और भाई को लंबी उम्र का आशीर्वाद मिलता है.
भाई को भी इस वक्त कुछ बातों का ख्याल करना चाहिए जैसे उस वक्त उसके हाथ में कुछ ना कुछ जरूर रखें जैसे चावल के दाने हो या फिर कुछ पैसे.
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