हानले मोनेस्ट्री
हानले में 17वीं शताब्दी की एक तिब्ब्ती मोनेस्ट्री है. जो एक पहाड़ी पर स्थित है. इस गोंपा को लद्दाखी राजा सेन्ग्गे ने बनवाया था. सेन्ग्गे को द लॉयन किंग भी कहा जाता है. लद्दाखी राजा हानले में ही मरा. फिलहाल इस मोनेस्टी में एक दर्जन बौद्ध भिक्षु रहते हैं.
हानले मोनेस्ट्री
इस जगह से बेहद खूबसूरत नजारा दिखाई देता है. ठंडी और हल्की हवाओं का स्पर्श आपको खुश कर देगा. आप हानले आएँ तो 17वीं शताब्दी की इस मोनेस्ट्री को जरूर देखें.
खगोलीय वैधशाला
हानले में एक भारतीय खगोलीय वैधशाला भी है. ये वैधशाला दुनिया की सबसे ऊँचाई पर स्थित है. जिस वजह से इसकी अहमियत और ज्यादा बढ़ गई है. 2001 में इस वैधशाला को हानले में बनाई गया था और इसको बैंगलोर में स्थित ताराभौतिकी इंस्टीट्यूट ऑपरेट करती हैं.
14,800 फीट की ऊँचाई पर स्थित इस जगह पर टेलीस्कोप से आसमान के तारों को देखना एक शानदार अनुभव है. पहले वैधशाला के अंदर टूरिस्ट आ सकते थे लेकिन अब टूरिस्ट दूर से ही इस वैधशाला को देख सकते हैं.
फोटी ला
हानले से 24 किमी. दूर एक दर्रा है, फोटी लॉ. जहाँ बहुत कम लोग पहुँच पाते हैं. यहां से हानले वैली का खूबसूरत नजारा दिखाई देता है. फोटी ला, भारत और तिब्बत के बॉर्डर से बहुत पास है.
फोटी ला
ये जगह समुद्र तल से 5,524 मीटर की ऊँचाई पर स्थित है. अगर आप हानले आते हैं तो इस कम एक्सप्लोर की जगह पर आपको जरूर जाना चाहिए.
उमलिंग ला
हानले में एक और खूबसूरत जगह है उमलिंग ला. उमलिंग, फोटी लाॅ को पार करने के बाद पड़ता है. उमलिंग ला में दुनिया की सबसे ऊँची मोटरेबल वाली रोड है.
इस जगह के बारे में लोगों को 2017 में पता चला. यहां से बाॅर्डर बहुत पास है. यहां से हानले की खूबसूरती कुछ अलग ही दिखाई देती है. हानले आएँ तो इस जगह पर जरूर जाएं.