Prabhat Khabar Special: नये साल में पलामू टाइगर रिजर्व की सौगात, जंगल के बीच सैलानी गुजार सकेंगे रात
नये साल में अगर कहीं घूमने-फिरने की योजना है, तो पलामू टाइगर रिजर्व आइये. पीटीआर में पहली बार पर्यटकों के लिए मड हाउस और ट्री हाउस बनाया गया है, जहां आप रात भी बिता सकेंगे. यहां रुकने वाले पर्यटकों के लिए सफारी की भी अलग से व्यवस्था की गयी है.
सरकार के तीन साल पूरे होने और नये साल के आगमन पर पलामू टाइगर रिजर्व (Palamu Tiger Reserve- PTR) अपने यहां आने वाले पर्यटकों को नया सौगात देने जा रही है. यह नया सौगात इसी साल 25 दिसंबर से चालू हो जाएगी. पलामू टाइगर रिजर्व के निदेशक कुमार आशुतोष एवं उप निदेशक कुमार आशीष ने प्रभात खबर को बताया कि पहली बार पीटीआर में मड हाउस (Mud House) बनाया गया है. इसके साथ ट्री हाउस भी है. इसमें रहने वाले पर्यटक जहां एक तरफ जंगल के बीच प्रकृति की गोद में रात गुजार सकेंगे, वहीं उनके लिए सफारी में भी कई अलग इंतजाम किया गया है. उन्होंने कहा कि बेतला में एक मड हाउस की मांग काफी दिनों से थी जिसे अब पूरा कर दिया गया है.
जानिए क्या है मड हाउस और क्यों है इसकी डिमांडमड हाउस की अवधारणा तब से आयी जब से पर्यटक स्थानीय लुक वाले के घरों में रहना पसंद करने लगे. आलीशान होटल की बजाय अब लगभग सभी टूरिस्ट स्पॉट पर मड हाउस का प्रचलन काफी जोरों पर है. मॉड हाउस साधारणत: मिट्टी के घर को कहते हैं. इसे बनाने में अलग-अलग स्थानीय चीजें इस्तेमाल की जाती है. पीटीआर में जो मॉड हाउस बनाया गया है उसमें मिट्टी, बांस, गम्हार की लकड़ी, स्टोन चिप्स, खपरा, टाली आदि के साथ कुछ आधुनिक उपकरणों का भी इस्तेमाल किया गया है. ग्रामीण परिवेश में जंगल के बीच रात गुजारने का अनुभव पाने के लिए सैलानियों के बीच इसकी खूब डिमांड है. 1972 से नोटिफाइड हुए पीटीआर में पहली बार पर्यटकों के लिए ऐसा घर बनाया गया है.
पीटीआर में जो मड हाउस बनाया गया है वो बेतला पार्क से करीब पांच किलोमीटर दूर बक्सा मोड़ के पास जंगल के बीच में है. बक्सा मोड़ के मुख्य सड़क से कुछ दूर जाने पर मड हाउस दिखने लगेगा. आमतौर पर बेतला आकर यहां जाया जा सकता है. जो नेतरहाट के रास्ते आते हैं उनके लिए बक्सा मोड़ पहले आना होगा. यह मड हाउस सड़क मार्ग से जुड़ा हुआ है. रेल से यात्रा करने वाले बरवाडीह या डालटनगंज स्टेशन पर उतरकर वहां से निजी गाड़ी बुक कर यहां आ सकते हैं.
तीन मड हाउस और तीन ट्री हाउस में रात गुजार सकेंगे सैलानीसैलानियों के लिए यहां तीन मड हाउस बनाये गए हैं. हर मड हाउस के ऊपर एक ट्री हाउस भी बनाया गया है. दोनों में सैलानी रात गुजार सकते है. यहां के कमरों में बांस से बने फर्नीचर का इस्तेमाल किया गया है. हर कमरे के साथ अटैच बाथरूम है. सिर्फ बाथरूम में आधुनिक उपकरण लगाए गए हैं. सभी जगह बिजली की भी सुविधा है. बिजली नहीं रहने पर जेनरेटर की सुविधा भी है. यहां रुकने वाले पर्यटकों को स्थानीय तथा अन्य लजीज पकवान उपलब्ध कराने के लिए अलग से केंटीन भी खोला गया है. इस केंटीन में प्रशिक्षित कुक मौजूद रहेंगे.
दीवारों की चित्रकला, फुहारा और मोर है आकर्षण का केंद्रयहां के हर कमरे की बाहरी दीवारों पर पीटीआर क्षेत्र के गांव में रहने वाले स्थानीय कलाकारों ने शानदार चित्रकारी की है, जिससे यह बेहद खूबसूरत बन पड़ा है. इसके अलावा आंगन में एक खूबसूरत फुहारा लगाया गया है जिसका आनंद सैलानी ले सकते हैं. इसके प्रांगण में सैलानियों के बैठने के लिए अलग-अलग राउंड टेबल लगाए गए हैं. यहां बैठकर सूर्यास्त का नजारा देखना काफी सुकून देता है. ट्री हाउस के बालकॉनी में निकल कर भी सूर्यास्त देखा जा सकता है. पर्यटक ट्री हाउस या मड हाउस के बरामदे पर बैठकर खुले आसमान में चांद और चांदनी की अठखेलियां भी दीदार कर सकेंगे. इसके अलावे पशु तस्करों के चंगुल से छुड़ाए गए 24 मोरों को इसके प्रांगण में रखा गया है. ये मोर पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र है. मोर को एक अलग गार्डन बनाकर रखा गया है.
हाथी और चोरों से बचने के लिए सुरक्षा का है खास इंतजामबक्सा मोड़ के जंगल हाथियों के आने-जाने के लिए विख्यात है. जो मड हाउस बनाये गए हैं वो एलिफैंट कॉरिडोर के समीप ही है. ऐसे में हाथियों से बचने के लिए इसके चारों तरफ से गहरा नाला (स्ट्रेंच) खोदा गया है. इस कारण हाथी इसके पास से तो जा पाएंगे पर प्रांगण के अंदर नहीं आ सकेंगे. इसके अलावा अन्य जानवरों से निपटने के लिए भी यहां प्रशिक्षित वन कर्मियों को तैनात किया गया है. चोरों से पर्यटकों को सुरक्षित रखने के लिए भी यहां कई इंतजाम किये गए हैं. इसके लिए भी हमेशा सुरक्षा कर्मी मौजूद रहेंगे. बरवाडीह के बीडीओ राकेश सहाय ने प्रभात खबर को बताया कि इस क्षेत्र में पर्यटक हर हाल में सुरक्षित रहे. इसके लिए बरवाडीह थाना प्रभारी के साथ मिलकर विशेष गश्ती भी की जाएगी.
सफारी के लिए भी विशेष इंतजाममड हाउस में रुकने वाले पर्यटकों के लिए सफारी की भी अलग इंतजाम किया गया है. अभी बेतला रुकने वाले पर्यटकों को सफारी के लिए काउंटर से एंट्री पास बनवाना पड़ता है, पर मड हाउस में ठहरने वाले पर्यटकों को सफारी में जाने के लिए काउंटर में लाइन नहीं लगनी पड़ेगी. इन्हें सफारी के लिए मड हाउस प्रांगण से ही एंट्री पास उपलब्ध करा दिया जाएगा. ऐसा भी विचार किया जा रहा है कि मड हाउस में ठहरने वाले पर्यटकों को बक्सा मोड़ गेट से भी सफारी के लिए एंट्री दिया जा सके, पर इस पर अभी विभागीय सहमति नहीं मिली है.
मोबाइल पर एक रिंग कर बुक कीजिए मड हाउसजंगल के बीच मड हाउस में रात गुजारना लगभग हर सैलानी का सपना होता है. पीटीआर में इस सपने को पूरा करने के लिए सैलानियों को मोबाइल पर एक रिंग करना होगा. मोबाइल नंबर 7323000701 पर उमेश दुबे को रिंग कर सैलानी घर बुक कर सकेंगे. एक मॉड हाउस का एक रात का किराया 2000 तथा ट्री हाउस के एक कमरे का एक रात का किराया 3000 रुपया है. अलग से कोई सर्विस चार्ज फिलहाल नहीं लिया जा रहा है.
इस मड हाउस के सफल होते ही बनेंगे और भी कई मड हाउसपीटीआर के निदेशक कुमार आशुतोष ने बताया कि फिलहाल बक्सा मोड़ जंगल में तैयार किया गया इस मड हाउस को मॉडल के रूप में देखा जा रहा है. इसके सफल होते ही पीटीआर में और भी कई मड हाउस खोलने की योजना है. मड हाउस में पर्यटकों के लिए स्थानीय स्मृतिचिह्न रखने की प्लानिंग भी की जा रही है जिसका निर्माण स्थानीय इको विकास समिति के सदस्यों से कराया जाएगा. ऐसा माना जा रहा है कि मड हाउस के सफल होने से पीटीआर में होम स्टे के लिए भी कदम उठाये जायेंगे. अभी तक पीटीआर में कोई होम स्टे नहीं होती है. होम स्टे की चलन शुरू होने से स्थानीय लोगों को रोजगार भी मिलेगा.
रिपोर्ट : सैकत चटर्जी, पलामू.