मोदी ने राज्य के राज्यपाल मंगूभाई पटेल, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और केंद्रीय मंत्री वीरेंद्र कुमार की मौजूदगी में बडतूमा गांव में भूमि पूजन किया और आधारशिला रखी. उन्होंने संत रविदास की मूर्ति के सामने हाथ जोड़कर माथा टेका. प्रधानमंत्री ने इस समारोह में आगामी स्मारक-सह-मंदिर के लघु मॉडल का भी निरीक्षण किया.
अधिकारियों के मुताबिक समाज सुधारक को समर्पित यह मंदिर-सह-स्मारक 11 एकड़ भूमि में फैला होगा. यह संरचना संत रविदास की शिक्षाओं को प्रदर्शित करेगी और इसमें एक संग्रहालय, आर्ट गैलरी और अन्य सुविधाओं के अलावा भक्तों के लिए आवासीय सुविधाएं भी होंगी.
मंदिर का निर्माण नागर शैली में किया जाएगा.
इसमें स्मारक पर आने वाले श्रद्धालुओं के लिए भक्त निवास, भोजनालय जैसी सुविधाएं भी होंगी.
मध्य प्रदेश में साल के अंत तक विधानसभा चुनाव होने है. एक जुलाई को मोदी ने शहडोल जिले के पकरिया गांव में आदिवासी नेताओं, स्वयं सहायता समूहों की सदस्य महिलाओं और युवा फुटबॉल खिलाड़ियों के साथ बातचीत की थी.
भाजपा शासित इस राज्य में प्रधानमंत्री की एक महीने से अधिक समय के भीतर यह दूसरी यात्रा है. राज्य के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इस साल फरवरी में सागर जिले के बड़तूमा में संत रविदास मंदिर और उनका स्मारक बनाने की योजना की घोषणा की थी.
संत रविदास के कार्य और व्यक्तित्व को प्रदर्शित करने के लिए एक व्याख्या संग्रहालय का भी निर्माण किया जाएगा. संग्रहालय में चार दीर्घाएं बनाई जाएंगी, जिनमें भक्ति मार्ग, निर्गुण पंथ में योगदान, संत रविदास का दर्शन और उनका साहित्य, समरसता का विवरण भी होगा.
मध्य प्रदेश के सागर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, कोविड महामारी के दौरान मैंने तय किया कि मैं गरीबों को भूखा नहीं सोने दूंगा. आपका दर्द समझने के लिए मुझे किताबें ढूंढने की जरूरत नहीं है. हमने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण शुरू की. अन्न योजना और 80 करोड़ से अधिक लोगों को मुफ्त राशन उपलब्ध कराया और आज पूरी दुनिया हमारे प्रयासों की सराहना कर रही है.