प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि मिलेट्स एक ऐसा सुपरफूड है, जिसे न केवल एससीओ देशों में, बल्कि दुनियाभर के बड़े हिस्से में हजारों सालों से उगाया जा रहा है. उन्होंने कहा कि साल 2023 को यूएन इंटरनेशनल ईयर ऑफ मिलेट्स के तौर पर मनाया जाएगा. ऐसे में एससीओ के अंतर्गत एक मिलेट्स फूड्स फेस्टिवल का आयोजन किया जाना चाहिए.
पीआईबी की एक रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में हर साल 170 लाख टन से ज्यादा बाजरे का उत्पादन होता है. एशिया-अफ्रीका में लगभग 60 करोड़ लोग इसे अपना पारंपरिक भोजन मानते हैं. एशिया में उगाए जा रहे बाजरे का तकरीबन 80 प्रतिशत हिस्सा भारत का है. इसकी खेती 131 देशों में होती है.
शोधकर्ताओं के अनुसार, बाजरे से मधुमेह को नियंत्रित करने में मदद मिलती है. साथ ही कोलेस्ट्रॉल लेवल में सुधार होता है. इसके सेवन से कैल्शियम, जिंक और और आयरन की कमी दूर होती है. इसके अलावा यह कि यह ग्लूटेन-फ्री होता है. इसे दिल की बीमारियों के खिलाफ बेहद फायदेमंद बताया जाता है. बाजरा एनर्जी का भी बढ़िया स्रोत है और इसके सेवन से आपके अंदर उर्जा बनी रहती है. इन्हीं कारणों से इसे सुपरफूड की भी संज्ञा दी जाती है.
रिचर्स के मुताबिक, मिलेट्स खाने से वजन कम करने में मदद मिलती है. जैसे बाजरे का आटा नियमित आहार में शामिल करना या नाश्ते के लिए मिलेट्स को शामिल करने से मोटे लोगों अपने बीएमआई को कम कर सकते हैं.
रिपोर्ट के मुताबिक, फॉक्सटेल और प्रोसो वैकायटी के मिलेट्स कैंसर सेल्स के विकास को रोकने में प्रभावी साबित हुए हैं. मिलेट्स में फाइटोकेमिकल्स सामान्य कोशिकाओं को कोई नुकसान पहुंचाए बिना कोलन, ब्रेस्ट और लिवर में कैंसर सेल्स के निर्माण को कम करते हैं.
मिलेट्स में अच्छी मात्रा में डाइटरी फाइबर होने से डाइजेस्टिव सिस्टम अच्छा होता है. इससे कब्ज, पेट फूलना, सूजन, ऐंठन जैसी परेशानियां कम से कम होती हैं. लिवर और किडनी जैसे अन्य महत्वपूर्ण अंगों के स्वास्थ्य में सुधार होता है और इम्यूनिटी सिस्टम मजबूत होता है.
Also Read: World Top Billionaires List: गौतम अडानी फिर तीसरे स्थान पर, देखें दुनिया के 10 सबसे बड़े अमीरों की लिस्ट