PHOTOS: एकादशी पर बोल बम के जयकारे से गुंजायमान हुई फौजदारी बाबा की नगरी, 45000 कांवरियों ने किया जलाभिषेक
श्रावणी मेले के 10वें दिन बासुकीनाथ में 45 हजार कांवरियों ने जलाभिषेक किया. इस दौरान बोल बम के जयकारे से पूरा परिसर गुंजायमान है. कांवरियों ने बाबा फौजदारीनाथ पर जलार्पण कर मंगलकामना की.
बासुकीनाथ (दुमका), आदित्यनाथ पत्रलेख : राजकीय श्रावणी मेला महोत्सव, 2023 के 10वें दिन श्रावण मास कृष्ण पक्ष एकादशी तिथि गुरुवार 13 जुलाई, 2023 को दुमका स्थित बाबा फौजदारीनाथ के दरबार में शिव भक्तों की भीड़ लगी रही. दो बजे रात से ही मंदिर प्रांगण शिवगंगा घाट मेला परिसर कांवरियों से पटा रहा. सरकारी पूजा के बाद सुबह तीन बजे से कतारबद्ध कांवरियों ने गर्भगृह में जलार्पण शुरू किया. मंदिर प्रबंधन के अनुसार, 45 हजार कांवरियों ने बाबा फौजदारीनाथ पर जलार्पण कर मंगलकामना की.
बाबा के जयकरों से गूंजता रहा मंदिर परिसरबासुकीनाथ मंदिर परिसर बाबा के जयकारों से गूंजता रहा. महिला एवं पुरुष श्रद्धालु कतारबद्ध होकर बाबा पर जलार्पण किया. मंदिर प्रांगण में अधिकारियों ने कांवरियों की कतार को सुचारू रूप से गर्भगृह में प्रवेश कराया. कांवरियों की श्रद्धा भक्ति और आस्था देखते ही बन रही थी. कांवरियों की कतार संस्कार मंडप, फलाहारी धर्मशाला, क्यू कॉम्पलेक्स, शिवगंगा पीड़ तक सिमटी रही.
वहीं, मंदिर संकीर्तन शाला के समीप जलार्पण काउंटर पर शिवभक्त कांवरियों ने जलाभिषेक किया. गुरुवार को मंदिर प्रबंधन के अनुसार, आठ हजार श्रद्धालुओं ने जलार्पण काउंटर का लाभ उठाया. काउंटर पर डाले गए जल सीधे पाइप लाइन द्वारा मंदिर गर्भगृह में शिवलिंग पर गिरता है.
पुलिस प्रशासन मुस्तैदमंदिर नियंत्रण कक्ष से मेला क्षेत्र पर अधिकारी लगातार सीसीटीवी की मदद से नजर बनाये हुए है. कतारबद्ध कांवरियों को सुगमतापूर्वक जलार्पण के लिए एसडीओ महेश्वर महतो, डीएसपी विजय कुमार, मंदिर प्रभारी आशीष कुमार, कार्यपालक पदाधिकारी आशुतोष ओझा, सीओ राजकुमार प्रसाद, बीडीओ फुलेश्वर मुर्मू, पुलिस निरीक्षक दयानंद साह दिन भर लगे रहे.
7,34,665 रुपये की आमदनी प्राप्त हुईशिव मंदिर न्यास समिति को गुरुवार को मंदिर से कुल 7,34,665 रुपये प्राप्त हुए. मंदिर दानपेटी से 1,25,260 रुपये तथा गर्भगृह गोलक से 25,005 रुपये व अन्य श्रोतों से 5 लाख 92 हजार 119 रुपये प्राप्त हुए. गोलक से 75 ग्राम चांदी प्राप्त हुआ. 10 ग्राम चांदी के 3 सिक्के एवं 5 ग्राम के एक सिक्के की बिक्री हुई. गोलक से निकले राशि की गिनती मंदिर प्रशासनिक भवन में सीसीटीवी की निगरानी में की गई.
1948 कांवरियों ने किया शीघ्रदर्शनमशिव मंदिर कार्यालय के अनुसार गुरूवार को 1948 कांवरियों ने शीघ्रदर्शनम व्यवस्था का लाभ उठाया. शीघ्रदर्शनम कूपन से 5 लाख 84 हज़ार 400 रुपये प्राप्त हुए. इस व्यवस्था के तहत श्रद्धालुओं को मंदिर कार्यालय से 300 रुपये का रसीद कटाना पड़ता है. मंदिर सिंह दरवाजे से रसीद प्राप्त कर मंदिर प्रांगण में श्रद्धालुओं को वीआईपी गेट से गर्भगृह में दर्शन पूजन कराया. शीघ्रदर्शनम व्यवस्था पर श्रद्धालुओं ने प्रसन्नता व्यक्त की.
जसीडीह से गया और बासुकीनाथ के बीच चल रही श्रावणी मेला स्पेशलश्रावणी मेला के दौरान तीर्थयात्रियों की सुविधा के लिए गया-जसीडीह-गया और जसीडीह-बासुकीनाथ-जसीडीह के बीच विशेष ट्रेन चलायी जा रही है. यह जानकारी आसरनसोल मंडल की ओर से दी गयी.
दो माह तक रोजाना देवघर-गोरखपुर स्पेशल ट्रेनश्रावणी मेले के दौरान तीर्थयात्रियों की अतिरिक्त भीड़ को देखते हुए पूर्व रेलवे देवघर से गोरखपुर के बीच श्रावणी मेला विशेष ट्रेन चला रही है. इसके अंतर्गत ट्रेन संख्या (05028) गोरखपुर-देवघर स्पेशल ट्रेन 31 अगस्त, 2023 तक हर दिन (61 फेरे) 20:00 बजे गोरखपुर से प्रस्थान करेगी और अगले दिन 12:40 बजे देवघर पहुंचेगी.
श्रावणी मेले में कांवरियों को लुभा रही है भुट्टाश्रावणी मेला क्षेत्र में बासुकीनाथ के किसानों द्वारा बेची जा रही मकई (भुट्टा) श्रद्धालुओं की सबसे प्रिय पसंद में से एक है. भोलेनाथ का जलाभिषेक करने के बाद कांवरिया इसका आनंद लेना नहीं भूलते हैं. महज 10 -15 रुपये में मिलने वाली इन मकई का स्वाद कांवरिया अवश्य उठाते हैं. श्रावणी मेला के दौरान कुछ ऐसा ही नजारा देखने को मिल रहा है. पूरे मेला क्षेत्र में ऐसे कई तरह के व्यंजन के स्टाल लगे हुए हैं. उमस भरी गर्मी हो या सावन की बरसात बासुकिनाथ मेला क्षेत्र में जगह-जगह महिलाएं एवं पुरुष आपको भुट्टा बेचते मिल जायेंगे. इन दिनों श्रावणी मेला में कांवरियों का सबसे पसंदीदा नाश्ता भुट्टा बन गया है. भुट्टे को कांवरियों से लेकर श्रावणी मेला में प्रतिनियुक्त अधिकारी भी बड़े चाव से खाते हैं. बासुकिनाथ काली मंदिर के निकट भुट्टा खा रहे कांवरियों ने कहा कि मेला क्षेत्र में सबसे शुद्ध व शाकाहारी सामग्री भुट्टा ही है. भुट्टा बेच रही सरडीहा गांव की महिला मंजू देवी, कंचन देवी, कलावती देवी आदि ने कहा कि जितना हम सावन के महीना में भुट्टा बेचकर कमा लेते है उतना पूरे साल आमदनी नहीं हो पाती है. बाबा के दरबार में हर कारोबार में बरकत होती है.