PHOTOS:भारी बारिश से निखरा रांची के सीता फॉल का सौंदर्य, माता सीता व लक्ष्मण के साथ यहां रुके थे भगवान श्रीराम

‌अनगड़ा (रांची), जितेंद्र कुमार-झारखंड के रांची जिले के अनगड़ा के सीता फॉल की सुंदरता देख पर्यटक मुग्ध हो जाते हैं. यहां के पत्थरों पर माता सीता के पदचिह्न आज भी देखे जा सकते हैं. ग्रामीण पद चिन्हों की पूजा-अर्चना करते हैं. कहा जाता है कि माता सीता व लक्ष्मण के साथ भगवान श्रीराम यहां पर रुके थे.

By Guru Swarup Mishra | October 6, 2023 4:36 PM
undefined
Photos:भारी बारिश से निखरा रांची के सीता फॉल का सौंदर्य, माता सीता व लक्ष्मण के साथ यहां रुके थे भगवान श्रीराम 6

सीता फॉल पर विशेष अवसरों पर लोग सपरिवार पूजा-अर्चना करने पहुंचते हैं. सीता धारा निर्जन व सुनसान जगह पर स्थित है. यहां झरना का पानी करीब 300 फीट की उंचाई से गिरता है. यहां बने एक छोटे से मंदिर में माता सीता के पदचिन्ह को संरक्षित रखने का प्रयास किया गया है. दन्तकथाओं के अनुसार वनवास के समय माता सीता व लक्ष्मण के साथ प्रभु श्रीराम यहां कुछ दिन रुके थे. माता सीता इसी झरने के पानी से रसोई तैयार करती थीं. मन में आस्था लेकर पहुंचे पर्यटकों को यहां हर कण में माता सीता के मौजूद होने का आभास होता है.

Photos:भारी बारिश से निखरा रांची के सीता फॉल का सौंदर्य, माता सीता व लक्ष्मण के साथ यहां रुके थे भगवान श्रीराम 7

सीता फॉल के आसपास घने जंगलों में कई जंगली जानवर आपको दिख जायेंगे, लेकिन कोई भी आपको किसी प्रकार का नुकसान नहीं पहुंचाता है. फॉल से पहले ही बंदर आपके स्वागत में उछल कूद करते दिखेंगे. एक पेड़ से दूसरे पेड़ में छलांग मारते बंदर तब तक आपके पास नहीं आयेंगे जबतक कि आप उन्हें अपने पास नहीं बुलायेंगे. कभी-कभी फॉल के दूसरी ओर जंगली हाथियों का झुंड भी दिख जाता है, लेकिन हाथी झरने के आसपास कभी भी नहीं आते हैं.

Photos:भारी बारिश से निखरा रांची के सीता फॉल का सौंदर्य, माता सीता व लक्ष्मण के साथ यहां रुके थे भगवान श्रीराम 8

लोग 350 सीढ़ियां उतरकर मनमोहक सीता फॉल का मनमोहक दृश्यों का आनंद उठाते हैं. यहां चारों तरफ फैली हरियाली आंखों व मन को सुकून देती हैं तो गूंज रही पक्षियों की कुक आपको राहत देगी. सीता धारा का ही नया नाम सीता फॉल है. राजधानी रांची से सीताफॉल की दूरी 44 किमी है. प्रसिद्ध जोन्हा फॉल से इसकी दूरी 3.4 किमी है. अनगड़ा प्रखंड मुख्यालय से इसकी दूरी 21 किमी है.

Photos:भारी बारिश से निखरा रांची के सीता फॉल का सौंदर्य, माता सीता व लक्ष्मण के साथ यहां रुके थे भगवान श्रीराम 9

रांची-मुरी मार्ग से सीता जलप्रपात जुड़ा है. डाउन रेलवे लाइन में जोन्हा व अप लाइन में गौतमधारा स्टेशन यहां से नजदीक है. ग्रामीणों की आग्रह पर जोन्हा के तत्कालीन मुखिया मनमोहन साहू व अनगड़ा बीडीओ रणेन्द्र कुमार ने यहां 90 के दशक में एक मंदिर व पीसीसी सड़क बनवाया था. उनके द्वारा गौतमधारा से यहां तक कच्चे सड़क का निर्माण कराया गया था. बाद में सिल्ली विधायक सुदेश महतो ने पथ निर्माण मंत्री बनते ही यहां के महत्व को देखते हुए सबसे पहले सीता धारा तक पक्की सड़क बनवायी थी.

Photos:भारी बारिश से निखरा रांची के सीता फॉल का सौंदर्य, माता सीता व लक्ष्मण के साथ यहां रुके थे भगवान श्रीराम 10

झारखंड पर्यटन विकास निगम लिमिटेड ने यहां पर्यटकों की सुविधा व मदद के लिए पर्यटन मित्रों की बहाली की है. उसके द्वारा सुंदरीकरण के कई कार्य किये गये हैं. जंगलों व पहाड़ों से घिरे होने के कारण यह फॉल अन्य की अपेक्षा ज्यादा खुबसूरत है. अक्टूबर से फरवरी तक यहां पर्यटक पहुंचते हैं. यहां रांची के अलावा बड़ी संख्या में बंगाल से पर्यटक आते हैं. नए साल पर प्रशासन द्वारा व्यापक सुरक्षा व्यवस्था की जाती है. यहां के जंगल में कई दुर्लभ जड़ीबूटी पायी जाती है. सीता धारा राढ़ू नदी पर स्थित है. राढ़ू स्वर्णरेखा की सहायक नदी है.

Exit mobile version