क्या है ‘Bazball’ रणनीति? जिसने बदल दी टेस्ट क्रिकेट की रूपरेखा, इंग्लैड ने उठाया खूब फायदा
England vs Australia: ‘बैजबॉल’ रणनीति इंग्लैंड के लिए बहुत ही फायदेमंद साबित हुई है. बेन स्टोक्स के कप्तान बनने और ब्रैंडन मैकुलम के मुख्य कोच बनने के बाद इंग्लैंड ने 13 टेस्ट मैचों में से 11 में जीत दर्ज की है.
England vs Australia, What is Bazball: इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया के बीच शुक्रवार 16 जून से प्रतिष्ठित एशेज सीरीज का आगाज हो गया है. पांच मैचों की इस एतिहासिक सीरीज का पहला मैच बर्मिंघम में खेला जा रहा है. हाल ही में आईसीसी वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप का खिताब जीतने वाली ऑस्ट्रेलिया एक बार फिर एशेज सीरीज अपने नाम करना चाहती है. लेकिन मैच के पहले दिन ही इंग्लैंड की ‘बैजबॉल’ रणनीति ने सबको हैरान कर दिया.
इंग्लैंड ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ चौंकाने वाला फैसला लेते हुए 78 ओवर में 8 विकेट के नुकसान पर 393 रन बनाकर पारी घोषित कर दी. जबकि उस वक्त इंग्लैंड के पास उसके सबसे मजबूत बल्लेबाज जो रूट मैदान पर तबाही मचा रहे थे. रूट 152 गेंदों में 7 चौके-2 छक्के ठोक 118 रन बनाकर खेल रहे थे, लेकिन इंग्लैंड के कप्तान बेन स्टोक्स ने पारी घोषित कर चौंका दिया. साथ ही ऑस्ट्रेलिया को भी 4 ओवर बल्लेबाजी करा दी.
टेस्ट क्रिकेट अब बदल रहा है और इस बदलते क्रिकेट का नजारा इंग्लैंड दुनिया को दिखा रहा है. टेस्ट क्रिकेट हमेशा ही धैर्य के साथ खेलने, क्रीज पर जमने और अच्छी गेंद का इंतजार कर रन बनाने का खेल रहा है. लेकिन अब टेस्ट क्रिकेट में ‘बैजबॉल गेम’ आ गया है, जिसने इसकी पूरी रूपरेखा ही बदल दी. ‘बैजबॉल गेम’ के आने के बाद टेस्ट क्रिकेट काफी बवाली हो गया है.
‘बैजबॉल गेम’ को लाने का श्रेय इंग्लैंड टीम को जाता है, जिसने टेस्ट क्रिकेट में भी टी20 के अंदाज में धमाकेदार तरीके से रन बनाना शुरू किया है. ‘बैजबॉल गेम’ का मतलब ही होता है कि बगैर विकेट की चिंता किए बल्लेबाज तूफानी अंदाज में रन बनाए. पिछले एक साल में हमने इंग्लैंड के लगभग सभी मैचों में यह ‘बैजबॉल गेम’ देखा है. इसी गेम के बदौलत इंग्लैंड ने न्यूजीलैंड, साउथ अफ्रीका और पाकिस्तान को बुरी तरह रौंदा है.
क्या है ‘बैजबॉल’ रणनीति?
दरअसल, पिछले साल एशेज सीरीज में मिली शर्मनाक हार के बाद इंग्लैंड क्रिकेट बोर्ड ने जो रूट को हटाकर बेन स्टोक्स को कप्तान बना दिया जबकि न्यूजीलैंड के पूर्व तूफानी बल्लेबाज ब्रैंडन मैक्कुलम को मुख्य कोच बना दिया. मैक्कुलम ने कोच बनने के बाद टीम के खेलने के तरीके में बदलाव करते हुए आक्रामक बल्लेबाजी के जरिए विपक्षी टीम पर दबाव बनाने की रणनीति अपनाई. आक्रामक बल्लेबाजी की रणनीति को ‘बैजबॉल’ रणनीति कहा जाता है.
कैसे सामने आया ‘बैजबॉल’ नाम?
कुछ दिग्गजों का मानना है कि जब से न्यूजीलैंड के पूर्व क्रिकेटर ब्रेंडन मैक्कुलम ने इंग्लिश टीम के हेड कोच का पद संभाला है, तभी से उन्होंने ही टीम का गेम बदला है. मैक्कुलम की कोचिंग में इंग्लैंड टीम ने टेस्ट फॉर्मेट में भी तेजी से खेलना शुरू किया और लगातार जीत भी हासिल कीं. मैक्कुलम भी अपने समय में जब क्रिकेट खेलते थे तो वो अपने आक्रामक अंदाज के लिए जाने जाते थे. तब उनका निकनेम ‘बैज’ था. इसी निकनेम के साथ ‘बॉल’ को जोड़ते हुए इंग्लैंड टीम ने ‘BazBall’ शब्द निकाला. यानी ‘बैजबॉल’ का मतलब मैक्कुलम का निकनेम और उनके खेलने के अंदाज से है.
कितनी कारगर है ‘बैजबॉल’ रणनीति?
बता दें कि ‘बैजबॉल’ रणनीति इंग्लैंड के लिए बहुत ही फायदेमंद साबित हुई है. बेन स्टोक्स के कप्तान बनने और ब्रैंडन मैकुलम के मुख्य कोच बनने के बाद इंग्लैंड ने 13 टेस्ट मैचों में से 11 में जीत दर्ज की है. इस दौरान टीम ने करीब 5 रन प्रति ओवर की औसत से बल्लेबाजी की है.
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