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Koo Layoffs News: ट्विटर के स्थानीय विकल्प के रूप में मजबूती से उभर रहे सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म ‘कू’ ने भारत में हाल के महीनों में अपने लगभग एक तिहाई कर्मचारियों को बाहर कर दिया है.
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भारतीय अधिकारियों के साथ ट्विटर के विवाद के बीच कई सरकारी अधिकारियों, क्रिकेट सितारों, मशहूर हस्तियों और आम लोगों ने स्थानीय विकल्प के रूप में कू का इस्तेमाल करना शुरू कर दिया था.
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टाइगर ग्लोबल की ओर से समर्थित कंपनी के एक प्रवक्ता ने बताया कि तीन साल पुराने माइक्रोब्लॉगिंग ऐप ने अपने लगभग 260 श्रमिकों में से 30% की छंटनी कर दी है.
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कंपनी ने यह जानकारी देते हुए कहा कि फिलहाल पूरी दुनिया में डेवलपमेंट से अधिक स्किल पर फोकस किया जा रहा है. कंपनियों को अपनी वित्तीय स्थिति को ठीक करने की ज्यादा जरूरत है.
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शुरुआत में ट्विटर और सरकार के बीच विवाद की वजह से बेंगलुरु स्थित माइक्रोब्लॉगिंग कंपनी को फायदा हुआ. लेकिन जैसे-जैसे लोग ट्विटर की ओर लौटने लगे, कंपनी की मुश्किलें बढ़ने लगीं.
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आर्थिक मामले में कंपनी के सामने मौजूदा संकट वैश्विक बाजार में आईटी कंपनियों के प्रति मंदी का रुख बढ़ने की वजह से उत्पन्न हुआ है. एक लंबी उड़ान भरनेवाले स्टार्टअप के रूप में पहचान बनानेवाले कू का मूल्यांकन घटा है.
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हालांकि, कू ऐप के प्रवक्ता ने कहा, हमने हाल ही जनवरी 2023 में 10 मिलियन डॉलर की रकम जुटाई है और हम अच्छी तरह से पूंजीकृत हैं. हम फिलहाल धन जुटाने के बारे में नहीं सोच रहे हैं. हम आय के साथ काफी तरक्की कर रहे हैं और भविष्य में जरूरत के हिसाब से धन जुटाने की कोशिश करेंगे. ज्यादातर स्टार्टअप्स की तरह ही कू ऐप ने भी अचानक आने वाले उछाल को ध्यान में रखते हुए कर्मचारियों की एक निर्धारित संख्या जुटाई.
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बाजार के मौजूदा हालात और वैश्विक मंदी की बाहरी हकीकत को देखते हुए हम पर भी असर पड़ा. दुनिया की सबसे ज्यादा मुनाफा कमाने वाली कुछ कंपनियों ने भी हजारों नौकरियां छीन ली हैं. हम एक नये स्टार्टअप हैं और हमारा आगे का रास्ता बहुत लंबा है. फिलहाल वैश्विक भावना तरक्की की बजाय दक्षता पर ज्यादा केंद्रित है और व्यवसायों को इकाई अर्थशास्त्र साबित करने की दिशा में काम करने की जरूरत है.
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कंपनी के प्रवक्ता ने कहा कि इस दौर के गुजरने तक सभी तरह के व्यवसायों के लिए कुशल और रूढ़िवादी दृष्टिकोण अपनाना जरूरी है. इसके ही चलते, हमने वर्ष के दौरान अतिरेक भूमिका वाले अपने 30 प्रतिशत कार्यबल को जाने दिया है और मुआवजा पैकेज, स्वास्थ्य लाभ में बढ़ोतरी और विस्थापन सेवाओं के जरिये उनकी सहायता की है.