इस देश में सस्ते कीमत पर मिल रहा iPhone 15 सीरीज, भारत की तुलना में चुकाने होंगे काफी कम पैसे
iPhone 15 Pro Max 1TB मॉडल की भारत में कीमत 1,99,900 रुपये है. जो अमेरिकी कीमत 1,599 डॉलर (1,32,717 रुपये) की तुलना में 51 प्रतिशत ज्यादा है.
Apple के iPhone 15 की कीमत भारत में अमेरिका और दुबई की तुलना में बहुत अधिक होगी, बावजूद इसके कि कंपनी इन्हें देश में ही बना रही है. कंपनी के भारत में iPhone प्रोडक्शन को लेकर आक्रामक रुख अपनाने से खरीदारों को उम्मीद थी कि घरेलू बाजार में कीमतें कम होंगी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ.
iPhone 15 Pro Max 1TB मॉडल की भारत में कीमत 1,99,900 रुपये है. जो अमेरिकी कीमत 1,599 डॉलर (1,32,717 रुपये) की तुलना में 51 प्रतिशत ज्यादा है. यह मॉडल अभी भारत में नहीं बन रहा है. डोमेस्टिक लेवल पर प्रोड्यूस्ड मॉडलों के लिए, अमेरिका की तुलना में यह अंतर 20 प्रतिशत तक है. दुबई में iPhone 15 की कीमत AED 3,399 (76,817 रुपये) है, जो भारत की तुलना में काफी कम है. हालांकि, यह मॉडल यूनाइटेड अरब अमीरात में निर्मित नहीं है.
अब जब हम बात फ्लैगशिप प्रो वर्जन्स की करते हैं, तो अंतर ज्यादा साफ दिखाई देता है. जिस पर 22 प्रतिशत इम्पोर्ट ड्यूटी लगता है. भारत में iPhone 15 Pro के बेस वेरिएंट की कीमत 1,34,900 रुपये है. जबकि, अमेरिका में इसकी कीमत 82,917 रुपये है. हैरानी की बात यह है कि दुबई में इस मॉडल की कीमत काफी कम (97,157 रुपये) है. वहीं, iPhone 15 Pro Max की बात करें तो भारत में कीमत 1,59,900 रुपये है. जबकि, अमेरिका में 99,517 रुपये और दुबई में 1,15,237 रुपये है.
Apple के एक प्रमुख वितरक ने कहा, इसका एक कारण सप्लाई चेन है क्योंकि कई कंपोनेंट्स को इम्पोर्ट ड्यूटी के पेमेंट के बाद भेजा जाता है. इसके अलावा, अमेरिका और दुबई में मजबूत मात्रा की तुलना में भारत में बिजनेस का पैमाना बहुत कम है.
साइबरमीडिया रिसर्च में इंडस्ट्री इंटेलिजेंस ग्रुप के प्रमुख प्रभु राम ने कहा कि कीमतों को देखते समय कई कारकों पर विचार करने की जरूरत है. बहुत सारे चर हैं जो अंतिम मूल्य निर्धारण में जाते हैं. ऐपल इम्पोर्टेड मॉडलों के फाइनल प्राइस निर्धारण पर बुनियादी बॉर्डर टैक्स और एडिशनल टैक्स के प्रभाव को कम करने के लिए आने वाले वर्ष में छूट और ट्रेड-इन ऑप्शंस की पेशकश करने के लिए भागीदारों के साथ सहयोग करता है.
इसके अलावा राम ने अपने बयान में आगे कहा कि, कंपनी का ध्यान शुरुआती चरण में भारत के लिए पिछले जेनरेशन के मॉडल पर बना हुआ है क्योंकि उपभोक्ता धीरे-धीरे न्यू जेनरेशन के मॉडल की ओर आकर्षित हो रहे हैं. हमारी अंतर्दृष्टि पिछले जेनरेशन के iPhones की ओर इशारा करती है जो भारत में Apple के डेवलपमेंट को गति दे रहे हैं. जब पिछले साल iPhone 14 सीरीज की शुरुआत हुई, तो वर्ष के दौरान 54 प्रतिशत शिपमेंट में पुराने जेनेशन के iPhones शामिल थे. एक साल पहले, जब iPhone 13 सीरीज लॉन्च की गई थी, केवल उस वर्ष 23 प्रतिशत शिपमेंट iPhone 13 सीरीज से थे, शेष 77 प्रतिशत में पिछले जेनरेशन के iPhone शामिल थे.
आईडीसी इंडिया के एसोसिएट वीपी नवकेंदर सिंह ने मामले पर बात करते हुए कहा, यह मानना सही नहीं है कि भारत में असेंबल’ का मतलब सस्ता iPhone होगा. हालांकि, गैर-प्रो मॉडल को असेंबल करने से कुछ फॉरेन करेंसी की बचत होती है, लेकिन Apple नए लॉन्च मॉडल की कीमतों में गिरावट नहीं करेगा. इसके बजाय यह मार्केटिंग, सप्लाई चेन में निवेश करेगा और इससे भी महत्वपूर्ण बात यह है कि पिछली पीढ़ी के iPhone मॉडलों के लिए आक्रामक सामर्थ्य ऑफर चलाएगा, जो वैसे भी किसी भी समय भारत में Apple को बहुमत प्रदान करते हैं.