PHOTOS: साल में सिर्फ Diwali पर खुलता है ये 800 साल पुराना मंदिर, चिट्ठी लिखकर मांगी जाती है मन्नत
Diwali 2023: दिवाली का पर्व नजदीक है. हर साल बड़े ही धूमधाम से इस त्योहार को मनाया जाता है. हम आपको इस आर्टिकल में भारत में मौजूद एक ऐसे मंदिर के बारे में बताएंगे जो सिर्फ दिवाली के समय में खोला जाता है, आइए जानते हैं विस्तार से.
Diwali 2023: दिवाली का पर्व नजदीक है. हर साल भारत देश में बड़े ही धूमधाम से इस त्योहार को मनाया जाता है. हम आपको इस आर्टिकल में भारत में मौजूद एक ऐसे मंदिर के बारे में बताएंगे जो सिर्फ दिवाली के समय में खोला जाता है और फिर पूरे साल के लिए बंद कर दिया जाता है. आइए जानते हैं विस्तार से.
दिवाली पर केवल खुलता है ये मंदिर
दरअसल भारत के बेंगलुरू से सिर्फ 180 किमी की दूरी पर हसनंबा मंदिर है, जो देवी को समर्पित है. इस मंदिर को केवल दिवाली के एक हफ्ते पहले खोला जाता है और फिर दीपक जलाकर सालभर के लिए बंद कर दिया जाता है.
Also Read: PHOTOS: ये हैं कानपुर के सबसे सस्ता मार्केट, जहां मात्र 100 रुपये मिल जाएंगे ब्रांडेड कपड़ेकब बना यह मंदिर
गौरतलब है कि हसनंबा मंदिर भारत का एक मात्र ऐसा मंदिर है जो सिर्फ दिवाली के दिन खोला जाता है. इस मंदिर को 12वीं सदी में बनाया गया. पूरे 823 साल पुराना यह मंदिर एक बार फिर 12 नवंबर दिन रविवार को दिवाली के दिन खोला जाएगा. दूर-दूर से श्रद्धालु यहां मां के दर्शन करते हैं. बताया जाता है कि यह मंदिर एक चमत्कारिक है. लोग यहां चिट्ठियां लिखकर मन्नत मांगते हैं उनकी मुरादें माता रानी पुरी करती हैं.
चिट्ठियां लिखकर मांगी जाती है मन्नत
आपको बता दें कि भारत का यह पहला मंदिर है जिसमें लोग चिट्ठी लिखकर मां से अपनी मन्नत मांगते हैं. दिवाली के वक्त बड़ी संख्या में श्रद्धालु इस मंदिर में पहुंचते हैं. इस मंदिर में माता रानी को सिर्फ चावल का ही प्रसाद चढ़ाया जाता है.
Also Read: ये हैं उत्तर प्रदेश की सबसे खतरनाक सड़कें, जहां जाते ही थम जाएंगी आपकी सांसक्या है पौराणिक मान्यता
इस मंदिर की पौराणिक मान्यता है कि राक्षस अंधकासुर ब्रह्मा जी से अदृश्य होने का वरदान मांग लिया था. इसके बाद अत्याचार करने लगा. जिसके बाद प्रभु शिव ने उसका वध करने की ठानी. अंधकासुर को जब भी भगवान शिव मारने का प्रयास करते उसके शरीर से टपकते रक्त की बूंदों से फिर से राक्षस जीवित हो जाता. आखिर में शिव ने राक्षस को मारने के लिए अपनी शक्तियों से योगेश्वरी देवी को बनाया और उस राक्षस का अंत किया.
जानें कैसे पहुंच हसनंबा मंदिर
बताते चलें कि हसनंबा मंदिर एयरपोर्ट बेंगलुरू, रेलवे स्टेशन बेंगलुरू, मैसूर और हुबली से नजदीक है.
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