Time Out Dispute: शाकिब अल हसन को अपने किये पर कोई पछतावा नहीं, कहा- तो आईसीसी नियम बदले
मैथ्यूज अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में ‘टाइम आउट’ होने वाले पहले बल्लेबाज बने. मैथ्यूज जैसे ही क्रीज पहुंचे और हेलमेट लगाने लगे तो उसका स्ट्रैप टूट गया. उन्होंने ड्रेसिंग रूम से दूसरा हेलमेट लाने का इशारा किया लेकिन इसमें दो मिनट से अधिक का समय लग गया.
बांग्लादेश के कप्तान शाकिब अल हसन ने आईसीसी विश्व कप मुकाबले में सोमवार को श्रीलंका के एंजेलो मैथ्यूज के ‘टाइम आउट’ होने को लेकर हुए विवाद पर कहा कि उन्हें इसका कोई पछतावा नहीं है और अगर यह खेल भावना के विपरीत है तो अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) को इस पर गौर करना चाहिए और नियमों में बदलाव करना चाहिए.
मैथ्यूज अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में ‘टाइम आउट’ होने वाले पहले बल्लेबाज बने
मैथ्यूज अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में ‘टाइम आउट’ होने वाले पहले बल्लेबाज बने. मैथ्यूज जैसे ही क्रीज पहुंचे और हेलमेट लगाने लगे तो उसका स्ट्रैप टूट गया. उन्होंने ड्रेसिंग रूम से दूसरा हेलमेट लाने का इशारा किया लेकिन इसमें दो मिनट से अधिक का समय लग गया. इस बीच शाकिब ने मैथ्यूज के खिलाफ टाइम आउट की अपील की और अंपायर मराइस इरासमस ने उन्हें आउट करार दे दिया.
मुझे कोई पछतावा नहीं : शाकिब
शाकिब से जब यह पूछा गया कि क्या उन्हें इस पर कोई पछतावा है तो उन्होंने टीम की तीन विकेट की जीत के बाद प्रेस कांफ्रेंस में कहा, बिल्कुल नहीं. हमारा एक क्षेत्ररक्षक मेरे पास आया और कहा कि यदि आप अपील करते हैं, तो नियम कहता है कि वह आउट है क्योंकि उसने समय सीमा के भीतर अपना गार्ड नहीं लिया है. तो फिर मैंने अंपायरों से अपील की, अंपायर ने मुझसे कहा कि आप उसे वापस बुलाएंगे या नहीं. मैंने कहा कि अगर वह आउट है, तो आप उसे वापस बुलाएं, यह अच्छा नहीं लगता. मैंने कहा कि मैं उसे वापस नहीं बुलाऊंगा.
मैं एंजेलो को 2006 से जानता हूं : शाकिब
शाकिब ने कहा, हम अंडर-19 विश्व कप से साथ खेल रहे हैं इसलिए मैं एंजेलो को 2006 से जानता हूं. हां, यह दुर्भाग्यपूर्ण है लेकिन नियमों के अनुसार है. हमने श्रीलंका के खिलाफ काफी मैच खेले हैं. मैथ्यूज और मैं एक दूसरे को अच्छे से जानते हैं. उन्होंने आकर मुझसे पूछा कि क्या मैं अपनी अपील वापस लेना चाहता हूं या नहीं. मैंने कहा कि मैं आपकी स्थिति को समझता हूं. यह दुर्भाग्यपूर्ण था, लेकिन मैं ऐसा नहीं करना चाहता.
तो नियम बदल दे आईसीसी : शाकिब
शाकिब ने कहा कि अगर उनका यह कदम खेल भावना के अनुसार नहीं है तो फिर अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) को नियम बदलना चाहिए. उन्होंने कहा, अगर ऐसा है तो फिर आईसीसी को इस पर गौर करना चाहिए और नियमों में बदलाव करना चाहिए. शाकिब से जब यह पूछा गया कि अगर वह एक बल्लेबाज के रूप में मैथ्यूज की जगह खुद को रखते हैं तो कैसा महसूस करेंगे. उन्होंने कहा, मैं सावधान रहूंगा. मेरे साथ ऐसा नहीं होता.
शाकिब ने कहा कि वह जानते थे कि विकेट बल्लेबाजी के लिए अच्छा है और उन्हें सिर्फ अच्छी साझेदारी की जरूरत थी. उन्होंने कहा, हमने दो विकेट खो दिए थे. हमें पारी को संवारना था. हम जानते थे कि विकेट अच्छा है. हमें बस टिके रहना था और साझेदारी बनानी थी जिससे कि दबाव कम हो जाए। हमने ठीक यही किया और जब हमारे पास मौका था तो हमने उसका फायदा उठाया, हमने उन पर पलटवार किया, उन पर काफी दबाव डाला. साथ ही ओस से भी हमें काफी मदद मिल रही थी.